शुक्रवार, 30 अप्रैल 2010

प्रशासन ने नहीं ली स्वतंत्रता सेनानी की सुध

दुर्ग, 01 मई। देश की स्वतंत्रता में अपना महत्वपूर्ण योगदान देने वाले डा. जगदीशचंद्र मिश्रा पचरीपारा निवासी अब नहीं रहे। उनका शुक्रवार हरनाबांधा स्थित मुक्तिधाम में गमगीन माहौल के बीच अंतिम संस्कार किया गया। स्वर्गीय मिश्रा के अंतिम संस्कार कार्यक्रम में बड़ी संख्या में गणमान्य नागरिक शामिल हुए। लेकिन जिला प्रशासन की ओर से भेजे गए नायब तहसीलदार केके वर्मा अपने स्टाफ के साथ विलंब से पहुंचे। जिससे मुक्तिधाम में मौजूद स्वर्गीय मिश्रा के परिजनों व अन्य नागरिकों में आक्रोश देखा गया। जिला प्रशासन की ओर से प्रतिनिधि के विलंब से आने पर वैशाली नगर के विधायक भजनसिंह निरंकारी को विरोध भी जताना पड़ा। श्री निरंकारी का कहना था कि ऐसे समय में प्रशासनिक अधिकारियों को वक्त का ध्यान रखना चाहिए। वहीं स्वतंत्रता संग्राम सेनानी जमुनाप्रसाद कसार ने स्व. मिश्रा के सम्मान पर जिला प्रशासन द्वारा गाड आफ आनर नहीं दिए जाने को लेकर विरोध जताया।
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जिले में धड़ल्ले से चल रहे है बोरिंग खनन कार्य
दुर्ग, 01 मई। जिले में निरंतर घटते जलस्तर को ध्यान में रखकर जिलाधीश ने मार्च माह के अंतिम सप्ताह में बोरिंग उत्खनन पर प्रतिबंध लगाने के आदेश जारी किए थे। उनके आदेश की धज्जियां उड़ाते हुए नगरपालिक निगम दुर्ग एवं नगर पालिक निगम भिलाई के कई क्षेत्रों में बिना अनुमति के आज भी बोरिंग उत्खनन जारी है। इसे निगम अधिकारियों की लापरवाही कहें या जनता द्वारा चुने हुए पार्षदों की उदासीनता, अवैध बोरिंग उत्खनन से प्रतिदिन काफी तेजी से जलस्तर गिरता जा रहा है।
भिलाई निगम क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली नई कालोनियों में निर्माणाधीन भव्य एवं ऊंची ईमारतों के लिए बड़े पैमाने पर बोरिंग उत्खनन कराया जा रहा है। इसी प्रकार दुर्ग क्षेत्र में बोरसी एवं पुलगांव नाका के समीप निर्माणाधीन डुप्लेस ईमारतों के लिए बोरिंग खनन जारी है। गौरतलब है कि प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी ग्रीष्म ऋतु शुरू होने के पूर्व जिलाधीश ने अवैध या वैध दोनों ही प्रकार के बोरिंग उत्खनन पर प्रतिबंध लगाने के निर्देश जारी किए थे उनके इन निर्देशों की अवहेलना करते हुए दुर्ग एवं भिलाई क्षेत्र में आज भी बड़े पैमाने पर बोरिंग खनन के कार्य किए जा रहे है।
बताया जाता है कि इस संबंध में निगम के अधिकारियों को सूचना देने के बाद भी वे आपसी तालमेल बनाकर मामले की जानकारी अपने उच्चअधिकारियों को नही देते है। इसके विपरीत दुर्ग-भिलाई निगम के अधिकारी संबंधित पक्ष को दिन में बोरिंग खनन न करके रात के अंधेरे में बोरिंग खनन की सलाह देते है। भिलाई क्षेत्र में निर्माणाधीन नई कालोनियां स्मृति नगर, कातुल बोर्ड, हाऊसिंग बोर्ड, कोहका, अयप्पा नगर एवं जुनवानी में बड़े पैमाने पर नए भवनों का निर्माण किया जा रहा है।
सड़क पर स्थित नवनिर्माण के आसपास बोरिंग उत्खनन करने से आसपास के क्षेत्र का जलस्तर तुरंत गिरना शुरू हो जाता है। बोरिंग खनन से पूर्व संबंधित पक्ष द्वारा इस बात की भी जानकारी नही ली जाती कि जिस स्थान पर खनन किया जा रहा है वहां या उसके आसपास बड़ी पाईप लाइन तो नही है। इतनी जानकारी न लेने के बावजूद भूखंड स्वामी द्वारा अपनी इच्छा अनुसार कहीं भी बोरिंग खनन किया जा रहा है। इसी प्रकार दुर्ग में बोरसी कालोनी के आगे एवं पुलगांव नाका के समीप बड़े पैमाने पर नए भवनों का निर्माण हो रहा है। इस क्षेत्र में भी बोरिंग खनन का कार्य तेजी से जारी है। सबसे आश्चर्य इस बात का है कि जिस क्षेत्र में बोरिंग खनन किया जा रहा है उस क्षेत्र के पार्षद को इस आशय की जानकारी होने के बाद भी वे निगम कमिश्नर या समकक्ष अधिकारी को इसकी जानकारी क्यों नही दे रहे है।
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बीएसपी की टंकियां से जनहानि की संभावना
भिलाई, 01 मई। भिलाई इस्पात संयंत्र के क्षेत्र की अधिकांश पानी टैकियां जीर्ण-शीर्ण अवस्था में है। पिछले कई महीनों से इनसे लगातार बड़े पैमाने पर पानी का रिसाव हो रहा है। डेढ़ से दो सौ मीटर ऊंचाई पर स्थापित इन टंकियों को देखने से ऐसा लगता है कि इनका निर्माण कभी भी ढह सकता है। नागरिकों की लगातार शिकायत करने के बाद भी संयंत्र प्रशासन का इस ओर कोई कार्रवाई न करना आश्चर्यजनक है। बताया जाता है कि सेक्टर-11 एवं कैम्प क्षेत्रों की कई पानी टंकियों के कभी भी ढह जाने की मौखिक सूचना आसपास के लोगों को देते हुए नीचे की जगह खाली करने की हिदायतें दी गई है।
उल्लेखनीय है कि एक लंबे अर्से से भिलाई इस्पात संयंत्र खुर्सीपार एवं कैम्प क्षेत्र के आवासों, मेंटनेंस कार्यालयों एवं पानी टंकियों के रख-रखाव पर संयंत्र प्रबंधन ध्यान नही दे रहा है। इन क्षेत्रों में इस्पात नगरी के वे लोग रहते है जिन्होंने भिलाई इस्पात संयंत्र के निर्माण कार्य के समय अपना खून पसीना एक करके बीएसपी को अपनी सेवाएं दी थी। वर्ष 1980 के बाद इस क्षेत्र से संयंत्र प्रबंधन ने पूरी तरह अपने आप को अलग कर लिया। पहले संयंत्र की ओर से इस क्षेत्र के आवासों की मरम्मत करने के लिए मेंटनेंस कार्यालय स्थापित किए गए थे जो आज उजड़ गए है। स्कूलों एवं अस्पतालों की स्थिति तो पुरातत्व विभाग के किन्हीं अवशेषों की तरह प्रतीत होती है। वर्तमान में सभी का ध्यान इन क्षेत्रों में बनी हुई पानी टंकियों की तरफ है। यह टंकियां डेढ़ से दो सौ मीटर की ऊंचाई पर स्थित है और इनका निर्माण आज से चालीस वर्ष पूर्व हुआ था। इन चालीस वर्षों में न इन पानी टंकियों की साफ-सफाई की गई और न ही इनकी मरम्मत की तरफ ध्यान दिया गया जिसके कारण आज ये टंकियां कभी भी गिर सकती है की स्थिति में आ गईं है। स्थानीय नागरिकों ने नगर प्रशासन विभाग के अधिकारियों को इस संबंध में कई बार लिखित जानकारी दी है इसके बावजूद भी आज तक कोई कार्रवाई नही हुई। सबसे ज्यादा खतरनाक स्थिति सेक्टर-11, जोन-1, सपना टाकिज के पीछे स्थित पानी टंकी की है। जिसके तीन भागों में बड़ी-बड़ी दरारें आ चुकी है और सुबह से लेकर शाम तक पानी का रिसाव होते रहता है। यहां यह बताना भी गैर जरूरी नही है कि इस ठंकी के आसपास सघन आबादी का बसेरा है। किसी भी अनहोनी घटना के बाद इस क्षेत्र में बड़े पैमाने पर जनहानि की संभावना है।
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गुरुवार, 29 अप्रैल 2010

सीआईएसएफ आरक्षक ने की खुदकुशी

भिलाई, 29 अप्रैल। सीआईएसएफ आरटीसी उतई के एक आरक्षक एम. अपीशंकर 24 वर्ष पिता दुर्गाइया ने बीती रात फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली। घटने की खबर सीआईएसएफ के जवानों को आज सुबह लगी। जिसकी तत्काल वरिष्ठ अधिकारियों को सूचना दी गई। साथ ही उतई पुलिस भी मौके पर पहुंची। आरक्षक के खुदकुशी करने के पीछे छिपे कारणों का फिलहाल खुलासा नहीं हो पाया हैं। उतई पुलिस ने मर्ग कायम कर मामले को जांच में लिया हैं।पुलिस के मुताबिक आरक्षक एम.अपीशंकर 24 वर्ष को सीआईएसएफ के अन्य जवानों ने आज सुबह सीआईएसएफ आरटीसी परिसर के अंदर एक बेर के पेड़ में नायलोन की रस्सी के सहारे झुलते देखा। तब तक आरक्षक की सांसे थम चुकी थी। माना जा रहा हैं कि आरक्षक ने बीती रात फांसी लगाकर जान दी हैं। आरक्षक की मौत की खबर से उसके परिजनों को अवगत करा दिया गया हैं। मृत आरक्षक ने मौत पूर्व कोई सुसायडल नोट नहीं छोड़ा हैं जिससे खुदकुशी के कारणों पर रहस्य बना हुआ हैं।

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जोगी के जन्मदिवस पर कांटा केक

भिलाई, 29 अप्रैल। छत्तीसगढ़ के प्रथम मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अजीत जोगी का आज जन्मदिवस उनके समर्थकों ने हर्षोल्लास के साथ मनाया। भिलाई में एनएसयूआई के प्रदेश महासचिव संदीप सिंग(प्रिंस)के नेतृत्व में सेक्टर-6 जुबली पार्क में स्कूली व श्रमिक बच्चों के साथ अजीत जोगी के जन्मदिवस की खुशियां बांटी। तत्पश्चात एनएसयूआई कार्यकत्र्ताओं ने रायपुर में अजीत जोगी से मुलाकात कर उन्हे जन्मदिन की बधाई दी। दुर्ग में अजीत जोगी के जन्मदिवस पर आज कांग्रेसी कार्यकत्र्ताओं ने वृद्धाश्रम में फल बांटे। सर्वप्रथम आज कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मोतीलाल वोरा व पूर्व विधायक अरुण वोरा ने श्री जोगी को मोबाइल पर जन्मदिन की बधाई दी। जिला कांग्रेस कमेटी के महामंत्री विजय चंद्राकर के नेतृत्व में वृद्धाश्रम में फल बांटकर बुजुर्गो के साथ श्री जोगी का जन्मदिवस मनाया गया। इस दौरान मनीष श्रीवास्तव,भूपत साहू, डॉ. अर्चना चौहान, रामजोशी,अय्यूब खां, प्रवीण चंद्राकर, महेश शर्मा,सिद्धार्थ चंद्राकर,रतनलाल बंजारे, प्रभा चंद्राकर,जयंत देशमुख, शरद उईके समेत अन्य लोग मौजूद थे। बाद में दुर्ग के कांग्रेसियों ने रायपुर जाकर श्री जोगी को बधाई दी।

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बिजली चोरी करने वाले के खिलाफ ऑपराधिक मामला दर्ज

दुर्ग, 29 अप्रैल। विद्युत मीटर में छेड़छाड़ कर हजारों रुपए की बिजली चोरी करने के एक मामले में कोतवाली पुलिस ने गुरूवार उपभोक्ता पटलू राम देवांगन मुक्तिधाम के पास राजीव नगर निवासी के विरुद्ध धारा 135 विद्युत अधिनियम के तहत अपराध दर्ज किया हैं। पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक उपभोक्ता पटलू राम देवांगन लंबे समय से विद्युत मीटर में छेड़छाड़ कर बिजली की चोरी कर रहा था। जिसकी खबर विद्युत विभाग तक पहुंची। विद्युत विभाग ने 12 जनवरी को पटलू राम देवांगन के घर में दबिश दी और विद्युत चोरी का मामला पकड़ा। बताया गया हैं पटलू राम देवांगन ने 74 हजार 980 रुपए का बिजली चोरी किया था। उक्त मामले को विद्युत अधिकारियों ने कोतवाली थाने के सुपुर्द किया था। मामले में आज कोतवाली पुलिस ने उपभोक्ता पटलूराम देवांगन के खिलाफ अपराध पंजीबद्ध किया हैं। इसके पहले भी बिजली चोरी करने वालों के खिलाफ पुलिस ने कार्यवाही की हैं।

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युवती से बलात्कार

भिलाई, 29 अप्रैल। संतोषीपारा केम्प-1 में रहने वाली एक 25 वर्षीया युवती बीती रात बलात्कार का शिकार हो गई। छावनी पुलिस ने मामले में आरोपी अजय चौहान के खिलाफ धारा 376 के तहत अपराध दर्ज किया गया हैं। आरोपी अजय चौहान भी संतोषीपारा केम्प-1 का निवासी हैं। आरोपी फिलहाल पुलिस पकड़ से बाहर हैं। पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक उक्त 25 वर्षीया युवती बीती रात गर्मी के कारण अपने घर के सामने खुले में सोई हुई थी। रात करीब 1 बजे आरोपी अजय चौहान वहां आ धमका और युवती से मुंह काला करने के बाद ही शांत हुआ। बाद में युवती के शोर-शराबा मचाने पर आरोपी फरार हो गया। जिसका अब तक कुछ पता नहीं चल पाया हैं।

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स्वतंत्रता संग्राम सेनानी डॉ. मिश्रा का निधन

दुर्ग, 29 अप्रैल। पचरीपारा निवासी डॉ. जगदीशचंद्र मिश्रा 84 वर्ष का आज दोपहर निधन हो गया। डॉ. साहब स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे। वे दशहरा पर्व उत्सव समिति दुर्ग के सन् 1964से संस्थापक अध्यक्ष भी थे। स्व.डॉ. जगदीशचंद्र मिश्रा डॉ.सतीश मिश्रा,इंजीनियर महेश मिश्रा, डॉ.मनीष मिश्रा के पिता थे। उनकी शवयात्रा कल 30 अप्रैल की सुबह 9.30 बजे उनके पचरीपारा निवास से मुक्तिधाम हरनाबांधा रवाना होगी।

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व्यवस्था देखने पहुंचे कलेक्टर को सुनाई समस्या

दुर्ग, 29 अप्रैल। जिला कलेक्टर ठाकुर रामसिंह गुरूवार दोपहर जिला अस्पताल पहुंचे। इस दौरान उन्होने अस्पताल के आईसीयू , डायलिसिस यूनिट के अलावा अन्य वार्डो की व्यवस्था का जायजा लिया। व्यवस्था के अवलोकन के दौरान कलेक्टर ठाकुर रामसिंह निर्माणाधीन ड्रामा यूनिट भी पहुंचे। ड्रामा यूनिट के निर्माण के संबंध में उन्होने जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉक्टर अजय दानी से जानकारी ली। साथ ही कलेक्टर ने डॉ. दानी को आवश्यक दिशानिर्देश भी दिये।  वार्डो के जायजा के दौरान अस्पताल की अव्यवस्था को लेकर कुछ लोगों ने कलेक्टर ठाकुर रामसिंह से शिकायत भी की। एक शिकायतकत्र्ता ने ब्लड बैंक में अव्यवस्था की शिकायत की। उनका आरोप था कि ब्लड बैंक में लेन-देन हावी हैं। जरुरतमंदों को ब्लड नहीं मिल रहा हैं। शिकायतकत्र्ता को जवाब में कलेक्टर ठाकुर रामसिंह ने कहा कि बीपीएल कार्डधारी को ही जिला अस्पताल के ब्लड बैंक से ब्लड लेने की पात्रता हैं। बीपीएल कार्ड के अभाव में ब्लड बैंक से किसी को भी ब्लड नहीं  दिया जा सकता। इसके अलावा अस्पताल की अव्यवस्था पर कुछ लोगों ने सवाल उठाए। वार्डो का निरीक्षण उपरांत जिला कलेक्टर ठाकुर रामसिंह ने टेलीमेडिसीन हाल में चिकित्सकों की बैठक ली। बैठक के दौरान कलेक्टर ठाकुर रामसिंह ने अस्पताल की व्यवस्था को और दुरुस्त करने चिकित्सकों से सुझाव व राय मांगी। इस दौरान कुछ चिकित्सकों ने कलेक्टर के समक्ष समस्या भी गिनवाई। बैठक में अपर कलेक्टर श्रुति सिंग,जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ. अजय दानी,डॉ. पी. बालकिशोर, हास्पिटल प्रबंधक के. चित्रसागर, डॉ.एस.पी. केशरवानी, डॉ. डी.सी. जैन,डॉ. प्रफुल्ल जैन, डॉ. अखिलेश यादव, डॉ.जे.पी. मेश्राम,डॉ.रेखा गुप्ता,डॉ. छाया तिवारी,डॉ. मधु श्रीवास्तव,डॉ. वृंदा माडगे समेत अन्य चिकित्सक मौजूद थे।

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सांई मंदिर के पास युवक का मिला शव

भिलाई, 29 अप्रैल। चरोदा पुलिस चौकी अंतर्गत सांई मंदिर जोन-1 के पास स्थित नहर पुल के उपर आज
सुबह एक 20 वर्षीय युवक का शव मिलने से क्षेत्र में सनसनी फैल गई। युवक के सिर व चेहरे में चोंट के निशान थे। जिससे मौके पर कई तरह की चर्चाएं गर्म थी। लेकिन पुलिस की जांच में मामला दूसरा निकला। युवक की फिलहाल पहचान नहीं हो पाई हैं। पुलिस उसके संबंध में केवल इतनी जानकारी जुटा पाई हैं कि युवक उडिय़ा जाति से संबंध रखता हैं। युवक को मानसिक रुप से कमजोर बताया गया हैंं। मृत युवक ने हाथ व पैर में मोजा व काले रंग का पेंट व शर्ट पहना हुआ हैं। पुलिस के अनुसार सिर व चेहरे में मिले चोंट के निशान नुकीले पत्थर के हैं। माना जा रहा हैं कि युवक नुकीले पत्थर पर गिरा होगा जिसके कारण उसे चोंटे आई हैं।

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शराब भट्ठी कर्मी के घर चोरी

दुर्ग, 29 अप्रैल। शंकर नगर शनिमंदिर के पास रहने वाली सुनील सिंग 42 वर्ष पिता राजे लाल राजपूत के आवास को निशाना बनाकर चोरों ने 10 हजार की संपत्ति पर हाथ साफ कर दिया। घटना 25 अप्रैल की दरम्यानी रात की हैं। वारदात के दौरान सुनील सिंग घर पर मौजूद था। लेकिन घटना की उन्हे कानोकान खबर नहीं हुई। पुलिस के मुताबिक सुनील शराब भट्ठी का कर्मी हैं। उसकी रिपोर्ट पर अज्ञात चोर के विरुद्ध मोहन नगर पुलिस ने धारा 457 व 380 के तहत अपराध पंजीबद्ध किया हैं।

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कलेक्टर ठाकुर रामसिंह रायपुर के चक्कर में

दुर्ग, 29 अप्रैल। दुर्ग जिले के जिलाधीश ठाकुर रामसिंह क्या राजधानी रायपुर के नए जिलाधीश होंगे? पिछले एक माह से यह चर्चा दुर्ग से लेकर रायपुर तक की प्रशासनिक फिजा में तैर रही है। ठाकुर रामसिंह साफ-सुथरी छबि एवं व्यवहारिक पृष्ठभूमि के लिए शुरू से ही जाने जाते हैं।
इस जिले में बतौर आयुक्त नगर निगम भिलाई, अतिरिक्त जिलाधीश दुर्ग एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत के रूप में उन्होंने अपनी पहचान बनाई तथा इन पदों पर कार्य करते हुए उनकी कार्यशैली से प्रभावित होकर जनता ने भी उन पर विश्वास किया। इन पदों पर कार्य करते हुए वे एक दबंग अफसर के रूप में अपना कर्तव्यपालन करने वाले अधिकारी के रूप में अपनी छबि बनाने में कामयाब रहे। इन पदों पर कार्य करते हुए उन्होंने गरीबों का दुख-दर्द सुना और लगभग व्यवहारिक कोशिश की कि लोगों की जायज एवं सही मांगें पूरी की जा सकें तथा व्यवहारिक प्रशासनिक क्रियान्वयन से जनता का भी प्रशासन पर विश्वास कायम हो। अपनी इस छवि के कारण ही वे आईएएस बनने के बाद रायगढ़ एवं दुर्ग जैसे महत्वपूर्ण जिलों के जिलाधीश बनने में कामयाब रहे। रायगढ़ जिले में जिलाधीश की अपनी पहली पोस्टिंग शुरू करने वाले ठाकुर रामसिंह लगभग 2 वर्ष तक वहां के जिलाधीश रहे और उनका कार्यकाल सफल ही रहा। इसी परफार्मेंस के आधार पर वे दुर्ग के जिलाधीश नियुक्त किए गए। कार्यकाल की दृष्टि से उन्हें सफल जिलाधीश ही कहा जा सकता है। चूंकि दुर्ग उनका पूर्व से कार्यक्षेत्र रहा, फलस्वरूप उन्हें कार्य करने में कोई विशेष कठिनाई नहीं हुई, पर जिलाधीश की भूमिका में उन्हें व्यवहारिक राजनीतिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। समन्वय कायम करने में उनकी प्रशासनिक गतिशीलता प्रभावित हुई है और परिणाम भी प्रभावित हुए हैं।
जनता का विश्वास अब भी उन पर बना हुआ है। लोग मानते हैं कि उनके रहते ज्यादती और अन्याय नहीं होगा। लोग मानते हैं कि उनके रहते सुखद प्रशासनिक परिणाम भले ही न निकल सके पर दुष्परिणाम भी नहीं आएंगे। साफ-सुथरे और खरे लोगों को वे भली-भांति समझते हैं, सीधी बात करते हैं, जमीनी कार्यवाही पर विश्वास करते हैं। अपनी व्यक्तिगत साफ छवि के कारण ही उन्हें रायपुर का जिलाधीश बनाए जाने की प्रशासनिक चर्चा सत्ता के गलियारों में है। दूसरी तरफ दुर्ग जिले में ही पदस्थ एक अन्य आईएएस अफसर अब दुर्ग जिले के लिए अपने आपको पर्याप्त अनुभवी मानने लगे हैं और दुर्ग जिले के योग्य भी पने आपको मानने लगे हैं तथा लाईन में भी लग गए हैं। देखना है उनकी किस्मत उनका कितना साथ देती है। दुर्ग जिले में ही पदस्थ रहे कोटे के दो अफसर भी आईएएस हो चुके हैं तथा जिलाधीश बनने के लिए पूरी कसरत कर रहे हैं। फिलहाल तो दोनों मंत्रालय में ही संट हैं।
 
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प्रधान आरक्षक रिश्वत लेते पकड़ाया
 
दुर्ग, 29 अप्रैल। पुराना बस स्टैंड के सामने स्थित विशेष पुलिस थाना दुर्ग में प्रधान आरक्षक के पद पर पदस्थ भगवानी राम देशमुख को आज दोपहर एंटी करप्शन ब्यूरों की टीम ने 3 हजार रुपए रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों धरदबोचा। प्रधान आरक्षक द्वारा विवाद और मारपीट के एक मामले को रफा-दफा करने पीडित से 3 हजार की रिश्वत ली थी। लेकिन प्रधान आरक्षक एंटी करप्शन ब्यूरों की घेराबंदी से बच न सका और जेल तिराहा चौक स्थित विवेकानंद सभागृह के पास रिश्वत लेते पकड़ा गया।  प्रधान आरक्षक के पास से 5-5 सौ के रिश्वत के 6 नोट जप्त किए गए हैं। एंटी करप्शन ब्यूरों की टीम ने पीडि़त संतराम साहू ग्राम हडग़हन थाना अर्जुन्दा निवासी की शिकायत पर आरोपी रिश्वतखोर प्रधान आरक्षक भगवानी राम देशमुख के विरुद्ध धारा 7,13,(1)(डी)13,2 भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत कार्यवाही की हैं।
एंटी करप्शन ब्यूरों से मिली जानकारी के मुताबिक पीडित संतराम साहू ग्राम हडग़हन थाना अर्जुन्दा का निवासी हैं। 3 अप्रैल 2010 को संतराम साहू का गांव के ही मयाराम व उसके साथियों से विवाद व मारपीट हो गया था। घटना की विशेष पुलिस थाना दुर्ग में जांच चल रही थी। घटना के जांच  का जिम्मा प्रधान आरक्षक भगवानी राम देशमुख को सौंपा गया था। जांच अधिकारी भगवानी राम देशमुख पीडित संतराम साहू को जबरदस्ती परेशान कर रहा था। साथ ही भगवानी राम देशमुख द्वारा पीडित संतराम साहू को कहा जाता था 3 हजार रुपए दोगे तो मामले को रफा-दफा कर दूंगा। तुम्हारा नाम मामले से अलग हो जाएगा। प्रधान आरक्षक द्वारा रिश्वत की मांग से संतराम साहू क्षुब्ध था। लिहाजा पीडित ने एंटी करप्शन ब्यूरों रायपुर की शरण ली। संतराम साहू ने प्रधान आरक्षक भगवानी राम देशमुख की लिखित में एंटीकरप्शन ब्यूरों में शिकायत की।
शिकायत को ब्यूरों ने गंभीरता से लिया और रिश्वत मांगने वाले प्रधान आरक्षक भगवानी राम देशमुख को बेनकाब करने के लिए योजना बनाई गई। योजना के तहत पीडित संतराम साहू ने आज दोपहर प्रधान आरक्षक भगवानी राम देशमुख को मोबाइल पर फोन किया और कहा कि मारपीट व विवाद के मामले को समाप्त करवाना हैं। मै 3 हजार रुपए भी रखा हुआ हूं। मोबाइल फोन पर यह चर्चा होने के बाद प्रधान आरक्षक भगवानी राम देशमुख ने पीडित संतराम साहू को जेलतिराहा चौक स्थित विवेकानंद सभागृह के पास बुलवाया।
योजना अनुसार एंटी करप्शन ब्यूरों की टीम भी संतराम साहू के पीछे-पीछे गई। संतराम साहू जब प्रधान आरक्षक भगवानी राम देशमुख को रिश्वत की रकम 3 हजार दे रहा था। तब एंटी करप्शन ब्यूरों की टीम ने मौके पर दबिश देकर प्रधान आरक्षक भगवानी राम देशमुख को धरदबोचा। इस दौरान प्रधान आरक्षक के कब्जे से 5-5 सौ के 6 नोट (3 हजार रुपए) जब्त किए गए। एंटी करप्शन ब्यूरों ने जब प्रधान आरक्षक का केमिकल से हाथ धुलवाया तो उसके हाथ लाल रंग से रंग गए। जिससे प्रधान आरक्षक के रुपए लेने की पुष्टि हुई हैं। यह कार्यवाही एंटी करप्शन ब्यूरों रायपुर के एडीशनल एसपी मनोज खिलाड़ी के नेतृत्व में की गई। जिसमें डीएसपी बी.एस. पैकरा, टीआई बी.एस. राठौर, प्रधान आरक्षक नत्थे सिंग,आरक्षक पवन पाठक की भूमिका सराहनीय रही।
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बुधवार, 28 अप्रैल 2010

चिट्ठी आई है वतन से... चिट्ठी आई है

- नरेश सोनी -

पंकज उधास के इस गीत का उल्लेख मैंने क्यों किया है, यह आपको आगे पता चल जाएगा। इससे पहले आपको एक खबर सुनाता हूं। अपने शहर को छोड़कर दूसरे राज्यों या देश में जा बसे या फिर कमाने-खाने गए लोगों को अपने क्षेत्र की खबरें चाहिए। इसलिए वे लगातार इंटरनेट खंगाल रहे हैं और अपने प्रदेश और जिले और शहर में घट रही घटनाओं पर नजर रखे हुए हैं। भला ब्लाग से बेहतर उन्हें और कुछ कहां मिल पाएगा?
इस बात की जानकारी मुझे शायद नहीं हो पाती, यदि कमाने-खाने सऊदी अरब गए मेरे एक मित्र से मुझे यह पता नहीं चलता कि वहां छत्तीसगढ़ के सैकड़ों लोग काम कर रहे हैं और वे अपने इलाके की खबरें जानने-पढऩे के लिए हैं। रूपए कमाना किसे अच्छा नहीं लगता। पर अपनी मिट्टी से अलग होने का दर्द वे लोग ही जान सकते हैं, जो इस मिट्टी से अलग हो गए हैं। मुझे कुछ लोगों ने बार-बार एक सवाल किया कि आखिर मैं ब्लाग में समाचार क्यों दे रहा हूं? इसके कारण मैं यहां बताना चाहूंगा। पहला तो यह कि एक पत्रकार होने के नाते और शाम के अखबार से जुड़े होने की वजह से कई अखबारनवीस (नाम नहीं बताऊंगा।) मुझसे समाचार ई-मेल करने को कहते थे। (कई लोगों के लिए यह नई चीज हो सकती है) कई बार जब ऐसा संभव नहीं हो पाता तो भाईलोग नाराजगी भी जाहिर करते थे। इसलिए मैंने दुर्गन्यूज नाम का ब्लॉग शुरू कर दिया। जाहिर है कि ब्लॉग शुरू करने में कुछ खर्च तो होना नहीं था। अब मेरे साथी इस ब्लाग से सीधे समाचार निकाल लेते हैं। समय-बेसमय के उनके निवेदन या मैत्रीपूर्ण आदेश से मुझे छुटकारा मिल गया। दूसरा कारण में पहले ही बता चुका हूं।
तो मित्रो, बात दूसरे कारण से शुरू करता हूं। दो-ढाई महीने पहले छत्तीसगढ़ खबर और दुर्ग न्यूज के नाम से दो ब्लाग शुरू किए। लगता था कि छत्तीसगढ़ खबर, क्योंकि प्रदेश स्तर की खबरों के लिए है, और उसके लिए कुछ विशेष मेहनत करनी होती है, इसलिए उसे ज्यादा पाठक मिलेंगे। जबकि दुर्ग न्यूज लोकल होने की वजह से पाठकों के लिए तरसेगा। लेकिन दोनों ब्लागों का विश्लेषण करने के बाद यह लगता है कि लोगों को स्थानीय खबरें पहले चाहिए। मेरे इस स्थानीय ब्लाग को इन दो-ढाई महीनों में 450 पाठक मिले हैं। (संभव है कि जब तक आप यह लेख पढ़ें, पाठक संख्या और बढ़ जाए।) हाँ, इन पाठकों ने बहुधा टिप्पणियों से परहेज किया है। दुर्ग न्यूज के लिए 86.20 फीसदी पाठक भारत के हैं, जबकि 12.40 फीसदी अमेरिका के और 1.40 फीसदी कनाडा के हैं। अब राज्यवार बात करें तो मध्यप्रदेश से इस ब्लाग पर 65.60 फीसदी लोग पहुंचे। दूसरे स्थान पर अमेरिका का टेक्सस राज्य रहा है, जहां से 12.20 फीसदी, छत्तीसगढ़ से 8.20 फीसदी, गुजरात से 5.20, दिल्ली से 3.20, महाराष्ट्र से 2.40, ओंटेरियो (कनाडा) से 1.40, झारखंड से 0.60, यूपी से 0.20 और कर्नाटक, उत्तराखंड, राजस्थान और अमेरिका के कैलिफोर्निया से 0.20 फीसदी लोग इस ब्लाग तक पहुंचे।
अब शहरों की बात करें तो इंदौर से सर्वाधिक 47.60 फीसदी पाठक इस ब्लाग पर आए। भोपाल से 14.80, कनाडा के ओंटेरियो से 12.20, भिलाई से 3.20, अहमदाबाद से 3.00, वडोदरा से 2.00, जबलपुर और पुणे से 1.80, हैमिल्टन व इटारसी 1.40, जमशेदपुर व मुम्बई 0.60, रायपुर 0.40, बंगलोर, देहरादून, सूरत, नई दिल्ली, जयपुर, कानपुर, माउंटेनव्यू (कैलिफोर्निया) से 0.20 फीसदी लोग दुर्गन्यूज तक पहुंचे। कहने का सीधा-सीधा मतलब यह है कि छत्तीसगढ़ के लोगों की अपेक्षा अन्य राज्यों या विदेशों से यहां ज्यादा पाठक आए हैं।
एक बात और मालूम हुई कि मेरे इस ब्लाग से प्रदेश के बाहर के भी कई अखबारों का भी भला हो रहा है। यह अच्छी बात है। कम से कम समाचार पढऩे के अलावा छापने के भी काम आ रहे हैं। इसलिए मैंने अपने ब्लाग को अमिताभ बच्चन के करोड़पति की तर्ज पर लॉक नहीं किया है। मेरे दोनों ब्लॉग खुला दरबार है, यहां से जिसे जो सामग्री चाहिए, ले सकते हैं। (कम से कम किसी के काम तो आए।)

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वर्षों से जांच नहीं हुई तराजू बाट की

दुर्ग, 28 अप्रैल। नापतौल विभाग में पदस्थ अधिकारियों-कर्मचारियों की उदासीनता के कारण थोक एवं फुटकर व्यावसायी वर्षों से ग्राहकों से लूट-खसौट कर रहे है। इस विभाग द्वारा 5-7 वर्षों में एक बार तराजु एवं बाट की नापतौल के नाम पर गिनती के कुछ दुकानों पर कार्रवाई की जाती है परंतु इतने बड़े जिले में जनसंख्या के आधार पर यदि वर्ष में भी एक बार जांच की जाए तो एक दुकानदार का क्रम अगले दस वर्षों तक नही आएगा। नापतौल विभाग की इसी उदासीनता के कारण फुटकर व्यवसायियों की पौ-बारह होते आ रही है। यदि किसी ग्राहक ने शिकायत भी की तो उसे बिल लाने के लिए कहा जाता है जबकि यह जग जाहिर है कि सब्जी बाजार में एक रुपए से लेकर के सौ रुपए तक के खरीदारी के लिए कभी भी बिल या रसीद का आदान-प्रदान नही होता। इस शुल्क के कारण फुटकर व्यवसायी वर्षों से मनमानी कर रहे है।
गौरतलब है कि नापतौल विभाग में पर्याप्त स्टाप का हवाला देकर वर्षों से जिले की दुकानों में उपयोग लाए जा रहे तराजु-बांट की जांच नहीं की जा रही है। यही कारण है कि कई दुकानदारों के पास 50 एवं 100 ग्राम का बाट नही होने पर वे उसका बराबर का पत्थर तराजु में रख देते है एवं ग्राहक को मजबूरन उनकी बात मानकर सामान की खरीदी करनी पड़ती है। अगर 50 ग्राम की जगह 40 ग्राम का भी वजह हुआ अथवा 100 ग्राम के स्थान पर 80 ग्राम का वजह हुआ तो ग्राहक विवाद से बचने के लिए तयशुदा कीमत देकर सामान ले जाता है। ग्राहक की इसी मजबूरी का फायदा उठाकर असंख्य दुकानदार आज लाखों में खेल रहे है। इस स्थिति का खामियाजा शहर के ग्राहकों को कम परंतु ग्रामीण अंचलों में रहने वाले लोगों को ज्यादा भुगतना पड़ रहा है। कुछ समय पहले इलेक्ट्रानिक तराजु का बाजार में पदार्पण हुआ है। तराजु वाले बाट में एक बार ग्राहक बाट के ऊपर लिखा हुआ वजन देखकर ही सामान लेता था परंतु इलेक्ट्रानिक तराजु में ऐसी कोई सुविधा नही। दुकानदार ने जो सामान तौल के दे दिया और इलेक्ट्रानिक तराजु ने जो संख्या बता दी उसे पर्याप्त मानकर ग्राहक को संतोष करना होगा।
कई ग्राहकों ने अपना नाम न छापने के शर्त पर बताया कि इलेक्ट्रानिक तराजु के द्वारा सामान तौलने पर यदि दुकानदार से पूछताछ की जाती है तो विवाद की स्थिति उत्पन्न हो जाती है इसलिए कई बार असहमति होते हुए भी सामान लेना पड़ता है। एक तरह से इलेक्ट्रानिक तराजु का ज्यादा उपयोग शहरों में हो रहा है परंतु ग्रामीण अंचलों में आज भी पुराने तराजु बाट जिनका वर्षों से सत्यापन नही हुआ उन्हीं के द्वारा ग्राहकों को सामान तौलकर दिया जाता है। सबसे विषम परीस्थिति का सामना ग्राहकों को सब्जी बाजार में करना पड़ता है। साप्ताहिक सब्जी बाजारों में वजह के नाम पर पूछताछ करने पर दुकानदार तुरंत सामान वापस ले लेता है और यह कहते हुए ग्राहक को उपेक्षित कर देता है जहां से लेना है ले लो इसी स्थिति का सामना ग्राहक को हर जगह करना पड़ता है। नापतौल विभाग में पदस्थ कर्मचारियों द्वारा नियमित बाजारों में न सही कम से कम साप्ताहिक बाजारों में उपयोग में लाए जा रहे तराजु बाट की जांच को समय-समय पर करनी चाहिए। नागरिकों का मानना है कि वर्षों से संचालित अनाज दुकानों में नापतौल विभाग के अधिकारियों-कर्मचारियों की आर्थिक सांठगांठ होने के कारण उन्हें नियमित जांच का सामना नही करना पड़ता। 90 प्रतिशत से अधिक किराना दुकानों एवं नियमित सब्जी बाजारों में दस वर्ष से अधिक पुराने तराजु बाट का उपयोग किया जा रहा है।
छोटी-छोटी बात पर धरना प्रदर्शन की धमकी-चमकी देने वाले कतिपय राजनीतिक दल के कार्यकर्ता इस मामले में आज तक क्यों चुप्पी साधे हुए है यह जांच का विषय है। उपभोक्ता फोरम के सदस्य भी इस संबंध में जांच करना कोई जरूरी नही समझते। सब्जी बाजार में तराजु बाट द्वारा लूट-खसौट करने की शिकायत को ग्राहक उपभोक्ता फोरम के पास लेकर जाए भी तो कैसे न दुकानदार सब्जी का बिल देना चाहता है न कभी किसी ग्राहक ने 25-50 रुपए या अधिकतम 100 रुपए की सब्जी खरीदी का बिल मांगने की जहमत नही उठाई होगी। ग्राहकों की इसी साफगोई एवं ईमानदारी का फायदा उठाकर वर्षों से फुटपाथ पर भी सब्जी बेचने वाले लोग आज लाखों में खेल रहे है।

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एक्सरे, सोनोग्राफी का बुरा हाल

दुर्ग, 28 अप्रैल। माडल अस्पताल का रुप लेने जा रहे दुर्ग के जिला अस्पताल में फिर खामिया उजागर हो रही हैं। खबर हैं कि जिला अस्पताल की सोनोग्राफी व एक्स-रे की सेवा गड़बड़ा गई हैं। जिसका कारण सोनोग्राफी व एक्स-रे विभाग में पदस्थ डॉक्टरों का अवकाश में होना बताया गया हैं। जिसकी  वजह से सोनोग्राफी व एक्स-रे करवाने के लिए दूर-दराज से आए मरीजों को परेशान होना पड़ रहा हैं। खासकर एमएलसी केस में इसका ज्यादा असर हैं। लंबे कतार के बाद सोनोग्राफी व एक्स-रे की सुविधा मुहेैया होना उसके बावजूद एमएलसी केसेस में रिपोर्ट नहीं मिलना पुलिस कर्मचारियों के लिए बड़ी समस्या का कारण बना हुआ हैं। संबंधित विभाग के डॉक्टरों के अवकाश में जाने से एमएलसी केस में जांच रिपोर्ट पुलिस कर्मियों को समय में नहीं मिल पा रहे हैं। जिससे पुलिस विभाग की मामले में जांच भी प्रभावित हो रही हैं। सोनोग्राफी व एक्स-रे के लिए वर्तमान में अनुभवी डॉक्टरों की नामौजूदगी के कारण इस सेवा का मरीजों को पूर्णत: लाभ नहीं मिल पा रहा हैं। हालांकि जिला अस्पताल प्रबंधन ने अनुभवी डॉक्टरों की अनुपस्थिति में दोनों विभाग में व्यवस्था बनाने एक महिला चिकित्सक की तैनाती की हैं। लेकिन व्यवस्था के दृष्टि से यह पर्याप्त नहीं हैं। जिसकी वजह से सोनोग्राफी व एक्स-रे के लिए जिला अस्पताल में मरीजों की लंबी कतारें देखी जा सकती हैं। समय में यह सेवा नहीं मिलने से मरीज परेशान व हलाकान हैं।
मिली जानकारी के मुताबिक सोनोग्राफी विभाग में पदस्थ रेडियोलाजिस्ट डॉक्टर अरुण कुमार साहू पिछले कुछ महीनों से बीमार चल रहे हैं। जिसकी वजह से डॉ. साहू अवकाश में हैं। वहीं एक्स-रे विभाग के वरिष्ट चिकित्सक बद्रीनाथ देवांगन भी पिछले एक हफ्ते से अवकाश में हैं। दोनों चिकित्सकों के अवकाश में होने से सोनोग्राफी व एक्स-रे की सेवाएं जिला अस्पताल में चरमरा गई हैं।

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वाद विवाद स्पर्धा के परिणाम घोषित

दुर्ग, 28 अप्रैल। ब्राह्मणपारा स्थित मास्टर टेक कंप्यूटर्स के तत्वावधान में आयोजित वाद-विवाद प्रतियोगिता का परिणाम घोषित किया गया। जिसमें बिंदु कुमारी ने 45 अंकों में से 36 अंक प्राप्त कर प्रथम स्थान प्राप्त किया। द्वितीय स्थान के लिए संध्या वर्मा, संगीता साहू, तरूण ठाकुर 35 अंक प्राप्त किए। 34 अंकों के साथ वंदना साहू एवं मोना साहू तृतीय स्थान प्राप्त किया। इनके अलावा डाली यादव, अश्वनी कुमार, गोपाल निर्मलकर, अश्वनी कुमार, मुकेश पांडेय, जया राजपूत, विकास बुडेक, आशीष दास एवं राजेश ने भाग लिया।
कार्यक्रम में जज के रूप में दर्शनीया शर्मा, निधि उपाध्याय एवं महेश बनवासी ने अपना योगदान दिया। संस्था के संचालक नरेश साहू ने बताया कि विद्यार्थियों की प्रतिभा को निखारने हेतु इस तरह के रोचक, स्वस्थ एवं ज्ञानवर्धक कार्यक्रम आयोजित किए जाते रहे हैं तथा भविष्य में भी आयोजित किए जाते रहेंगे, जिससे विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास हो सके।

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प्रधानमंत्री श्रम अवार्ड योजना के तहत आवेदन आमंत्रित

दुर्ग, 28 अप्रैल। प्रधानमंत्री श्रम अवार्ड योजना 2010 के तहत श्रम रत्न अवार्ड, श्रम भूषण अवार्ड , श्रम वीर /वीरांगना अवार्ड, श्रम श्री/देवी अवार्ड हेतु श्रम एवं रोजगार मंत्रालय भारत सरकार द्वारा विभिन्न सार्वजनिक उपक्रमों एवं निजी उपक्रमों में कार्यरत श्रमिकों/कर्मकारों से आवेदन आमंत्रित किये गये हैं।
सहायक आयुक्त यू.के.मेश्राम से मिली जानकारी के अनुसार प्रधानमंत्री श्रम रत्न अवार्ड एवं नगद रू. 2,00,000 सार्वजनिक या निजी उपक्रम  में कार्यरत किसी  एक प्रतिभागी को दिया जाता है। सार्वजनिक एवं निजी उपक्रम में  श्रम भूषण 4 अवार्ड, प्रत्येक को एक लाख रूपये, श्रम वीर/वीरांगना, 12 अवार्ड प्रत्येक को नगद राशि  60,000 रूपये, श्रम श्री/देवी, 16 अवार्ड प्रत्येक को  40,000 रूपये नगद राशि प्रदान की जाती है। तत्संबंध में श्रमायुक्त छ.ग. शासन , रायपुर कार्यालय को आवेदन प्रस्तुत होने की अंतिम तिथि 31 मई 2010 नियत की गई है, ताकि राज्य शासन के माध्यम से  आवेदन श्रम एवं रोजगार मंत्रालय, भारत सरकार, नई दिल्ली को निर्धारित समयावधि  तक भेजी जा सके। उक्त संबंध में दुर्ग जिले में  स्थित सार्वजनिक उपक्रमों एवं निजी क्षेत्र के वृहत् उपक्रमों योजना की जानकारी सहायक श्रमायुक्त कार्यालय, दुर्ग द्वारा भेजी गई है। उक्त योजना के संबंध में विस्तृत जानकारी संबंधित सार्वजनिक /निजी उपक्रम या सहायक श्रमायुक्त कार्यालय दुर्ग से प्राप्त की जा सकती है।

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भोजन का विषाक्त होना बना रहस्य

दुर्ग, 28 अप्रैल। पाटन थानांतर्गत ग्राम लोहरसी में 26अप्रैल की रात विषाक्त भोजन के सेवन के बाद दो परिवार के तीन लोगों की मौत और 8 लोगों का अम्बेडकर अस्पताल रायपुर में इलाज जारी होने से गांव में शोक की लहर हैं। घटना के आज दूसरे दिन भी गांव के लोग अस्पताल में भर्ती पटेल परिवार के लोगों का कुशलक्षेम जानने अम्बेडकर अस्पताल रायपुर पहुंचे। भोजन कैसे जहरीला हो गया इस पर अभी भी बराबर रहस्य बरकरार हैं।
पाटन पुलिस ने पटेल परिवार के लोगों से बयान भी दर्ज किए हैं।  विषाक्त भोजन को एकत्रित कर पुलिस ने फोरेंसिक एक्सपर्ट व एफएसएल रायपुर परीक्षण के लिए भेजा गया हैं। घटना को लेकर ग्राम लोहरसी में तरह-तरह की चर्चाएं गर्म हैं। पता चला हैं कि पटेल परिवार द्वारा सब्जी के उत्पादन के लिए कीटनाशक व यूरिया का भी उपयोग किया जाता था। लेकिन यह कीटनाशक व यूरिया घर के बाहरी हिस्से में रखा गया था।  ऐसे कई पहलुओं पर पुलिस पड़ताल कर घटना के तह तक पहुंचने का प्रयास कर रही हैं। मालूम हो कि विषाक्त भोजन खाने के बाद सोमवार की रात रजऊ पटेल 32 वर्ष पिता दुखु पटेल ग्राम लोहरसी ,पूर्णिमा पटेल 27 वर्ष पति नरेन्द्र पटेल तेलीगुण्डरा थाना रनचिरई और नरेन्द्र पटेल की पुत्री कुमारी ज्योति पटेल की मौत हो गई थी।
द्रोपती पति दुखु पटेल लोहरसी,नरेन्द्र पटेल पिता दुखु पटेल लोहरसी ,हेमलता पटेल 27 वर्ष पिता रजऊ पटेल लोहरसी,शालिनी पटेल 6 वर्ष पिता रजऊ पटेल लोहरसी,निशा पटेल 3 वर्ष पिता रजऊ पटेल, शेषनारायण पटेल, कंचन पटेल 8 वर्ष पिता नरेन्द्र पटेल, निठेश्वर पटेल का अम्बेडकर अस्पताल रायपुर में उपचार जारी हैं। इनमें से 3 वर्षीय निशा पटेल की हालत चिंताजनक बनी हुई हैं। मृत लोग व अस्पताल में भर्ती सभी लोग आपस में रिश्तेदार हैं। भोजन जहरीला कैसे हुए फिलहाल परिजन इस संबंध में कुछ बता नहीं पा रहे हैं। बताया गया हैं भोजन में सोमवार की रात चांवल,दाल,रोटी व मसालेदार आलू-भाठा की सब्जी परोसा गया था। पाटन पुलिस ने घटनास्थल से खाद्य पदार्थो के अलावा उल्टीयुक्त खाद्य पदार्थ परीक्षण के लिए जप्त किया हैं।

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उल्टी-दस्त से विवाहिता की मौत

दुर्ग, 28 अप्रैल। गर्मी में उल्टी-दस्त की शिकायत आम बात हैं। लेकिन यह कई बार कुछ लोगों के लिए जानलेवा भी साबित होती हैं। ऐसी ही एक घटना में उल्टी-दस्त की शिकायत के बाद बीती रात एक विवाहिता की मौत हो गई। मृतका बबीता गिरी 26 वर्ष पति सुरेन्द्र गिरी ग्राम अहिवारा थाना नंदिनी की निवासी थी।
पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक बबीता गिरी को पिछले एक-दो दिनों से उल्टी-दस्त की शिकायत थी। बीती रात ज्यादा तबियत खराब होने पर बबीता को परिजनों ने अहिवारा के एक नीजी अस्पताल में दाखिल करवाया था। लेकिन हालत को गंभीर देखते हुए नीजि अस्पताल से उसे जिला अस्पताल रिफर किया गया। परिजन बबीता को जिला अस्पताल में उपचार के लिए लेकर पहुंचे। इस दौरान चिकित्सक ने परीक्षण उपरांत बबीता को मृत घोषित कर दिया। चिकित्सक के अनुसार बबीता की मौत उल्टी-दस्त के कारण हुई हैं। बहरहाल नंदिनी पुलिस ने मर्गकायम कर मामले को जांच में लिया हैं।

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दीपक खंडेलवाल नही रहे

दुर्ग, 28 अप्रैल। पोलसायपारा श्यामनगर निवासी दीपक खंडेलवाल 50 वर्ष का आज सुबह निधन हो गया। वे बीएसपी कर्मी थे। स्व. खंडेलवाल पिछले कुछ समय से बीमार चल रहे थे। उनका आज हरनाबांधा स्थित मुक्तिधाम में अंतिम संस्कार किया गया। उनके अंतिम यात्रा में शहर के गणमान्य नागरिक शामिल हुए। स्व. दीपक खंडेलवाल राधेश्याम खंडेलवाल के सुपुत्र और प्रदीप खंडेलवाल के भाई थे।

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मंगलवार, 27 अप्रैल 2010

केवल दोषारोपण से कैसे हल होगी पेयजल समस्या

दुर्ग, 27 अप्रैल। दुर्ग शहर का एक बड़ा तबका इन दिनों पेयजल की समस्या से जूझ रहे है। हालांकि यह समस्या आसमानी भी है, लेकिन  लापरवाही और जनप्रतिनिधियों की उदासीनता ने इसे और भी विकराल बना दिया है। केवल दोषारोपण करने से समस्या कैसे हल होगी। तालाबों के इस शहर में पानी की किल्लत लापरवाही के अलावा कुछ भी नहीं। नगर निगम के पूर्व पार्षद , पूर्व जलगृह विभाग प्रभारी श्रीकांत समर्थ का कहना है कि प्राथमिकता तय करने में कहीं चूक हुई है। वर्तमान महापौर डा शिवकुमार तमेर के इन सौ दिनों में लगभग पांच करोड़ रूपए के कार्य होने का दावा किया गया है। लगभग एक करोड़ रू की लागत से सड़कों का डामरीकरण होना बताया गया है, जबकि पहली प्राथमिकता केवल पानी होनी चाहिए थी।
उल्लेख करना लाजिमी होगा कि दुर्ग नगर निगम क्षेत्र का ठगड़ा बांध वैसे तो  सिंचाई विभाग का है लेकिन विभाग ने इसे अनुपयोगी करार दिया है। सिंचाई विभाग का यह अनुपयोगी बांध वास्तव में आज दुर्ग शहर के लिए बहुत उपयोगी साबित हो सकता है। यदि इस बांध में लबालब पानी भरा रहे तो दुर्ग शहर के करीब एक तिहाई हिस्सों में पानी की समस्या नहीं होगी। यदि इस बांध में पानी भरा रहा तो आसपास के अनेक वार्ड जैसे सिविल लाईन, पद्मनाभपुर, बोरसी, पोटियाकला, कसारीडीह, गुरूघासीदास वार्ड, विद्युत नगर, न्यू आदर्श नगर, मिनाक्षी नगर जैसे वार्डों का जल स्तर बढ़ जाएगा। नगर के कई तालाबों को भरने का काम इन दिनो ंचल रहा है। ठगड़ा बांध तालाब में पानी नहीं भरा जा रहा है। कांग्रेस पार्षदों ने आरोप लगाया है कि ठगड़ा बांध में मुरूम उत्खनन के लिए भाजपा से जुड़े छगनलाल गुप्ता को एक वर्ष की अस्थायी लीज मिली है और वहंा मुरूम खुदाई का काम चल रहा है। इसलिए ठगड़ा बांध में पानी न भरकर डायवर्ट कर दिया गया है। एक ओर जहंा पानी की किल्लत है, वहीं हजारों लीटर पानी बर्बाद हो रहा है। शहर के आधे से अधिक बिना टोटी वाले नलों से पानी बहता रहता है। निगम अधिकारियों का कहना है कि टोटी  लगाते ही दूसरे दिन तक ये टोटियां नहीं बचती। सड़ेगले पाइप लाईन भी पानी की बर्बादी की वजह बने हुए हैँ। पुराने हो चुके पाइपों को लंबे समय से बदला नहीं गया है। हर दो दिनों की आड़ में ये पाइप लाईन टूट जाती है। और जब तक इसमें सुधार कार्य होता है तब तक हजारों लीटर पानी बह जाता है। अभी दो दिनों पूर्व ही शंकरनगर, शक्तिनगर पानी टंकी को भरने वाली पाइप लाईन फूट गई थी, दो दिनों तक क्षेत्र में जलापूर्ति बाधित रही। यहां के लोगों को पानी के लिए इधर-उधर भटकना पड़ा। बीच-बीच में पंप हाऊस के मोटर में भी खराबी आ जाती है। मोटर में खराबी के वजह से टंैक में पानी का भराव नहंी हो पाता। इससे जलापूर्ति बाधित होती है। शहर के अनेक वार्डों में अभी भी घरों तक पानी पहुंचाने के लिए पाइप लाईन नहीं बिछी है। बताया जा रहा है कि वृहद पेयजल योजना फेस-2 के आरंभ होने के बाद ही इन वार्डों में पाइप लाईन बिछायी जाएगी। अप्रैल माह तक इस योजना के आंरभ होने का आश्वासन मिला था। जो अभी तक आश्वासन ही है।

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गौरव पथ पर भारी वाहनों का प्रवेश रोके-कांग्रेस

दुर्ग, 27 अप्रैल। पूर्व विधायक अरूण वोरा की अगुवाई के नेतृत्व में कांग्रेस नेताओं ने जिला कलेक्टर व पुलिस अधीक्षक को एक ज्ञापन सौपकर गौरव पथ पर बेरियर लगाकर भारी वाहनों के प्रवेश पर रोक लगाने की मांग की है। सौपे गए ज्ञापन में कहा गया है कि 7 करोड़ रू की लागत से गांधी प्रतिमा से लेकर उतई नाका रेल्वे फाटक के बीच बना गौरव पथ भारी वाहनों की आवाजाही के कारण क्षतिग्रस्त होकर अपना गौरव खोने लगा है। पूर्व में इस मार्ग पर भारी वाहनों के प्रवेश पर रोक लगी थी और इसके लिए महिला समृद्धि बाजार और टैम्पो स्टैण्ड के पास बेरियर भी लगाए थे, किन्तु बाद में उक्त बेरियर हटा दिए गए। फलस्वरूप चार, छ: व दस चक्कों वाली लोडेड भारी वाहन गौरव पथ मार्ग पर दिन और रात दौड़ते है, जिसके चलते गौरव पथ मार्ग जगह-जगह से उखडऩे लगा है। हाल ही में इसकी मरम्मत भी कराई गई है। महिला समृद्धि बाजार के सामने एक विशाल होर्डिंग भी है, जो सड़क तक आ गया है जो दुर्घटनाओंं का कारण बन रहा है। कांग्रेस ने उक्त होर्डिंग को हटाने के साथ ही गौरव पथ मार्ग पर पुन: बेरियर लगाकर इस पर भारी वाहनों का प्रवेश तत्काल प्रतिबंधित करने की मांग करते हुए चेतावनी दी है कि शीघ्र कार्यवाही नहीं होने पर इस मुद्दे को लेकर कांग्रेसी धरना, प्रदर्शन और चक्काजाम करने  बाध्य होंगे।

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बंद को मिला गर्मी का समर्थन

दुर्ग, 27 अप्रैल। वामपंथी पार्टियों समेत विभिन्न दलों द्वारा महंगाई के विरोध में घोषित भारत बंद का दुर्ग में वैसे तो कोई असर नहीं हुआ, किन्तु भीषण गर्मी के चलते बाजार में वीरानगी का आलम रहा। दुकानें पूरी तरह खुली रही। वहीं बंद का असर रेल यातायात पर भी विशेष नहीं रहा। केवल लंबी दूरी की कुछ ट्रेनों में ही इसका असर देखा गया। दोपहर दो बजे तक बंद का असर फीका रहा।

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पटरीपार क्षेत्र को रेलवे टिकट काउंटर की सौगात
दुर्ग, 27 अप्रैल। दुर्ग जंक्शन रेलवे स्टेशन से दिल्ली, बंबई, कलकत्ता, मद्रास, चेन्नई, राजस्थान, उत्तरप्रदेश सहित कई बड़े महानगरों और प्रदेश जाने के लिए यहां से बड़ी ट्रेन चलती है। भिलाई सिटी व दुर्ग शहर व जिला से लोग सफर करते हैं। भिलाई व पटरीपार क्षेत्र के निवासियों को लंबी दूरी की ट्रेन पकडऩे रायपुर नाका रेलवे क्रासिंग अथवा ओवरब्रिज होकर पहुंचना पड़ता है, परंतु इस असुविधा को दूर करते हुए निगम महापौर डा. शिवकुमार तमेर ने अपने 100 दिन के कार्यकाल में सुविधा को पूरा करते हुए आज तितुरडीह में रेलवे टिकट बुकिंग काउंटर का उद्घाटन किया। पटरीपार व भिलाई नेहरू नगर की ओर से आने वाले अब सीधे यहां से टिकट प्राप्त कर सफर तय कर सकेंगे। उन्हें मुख्य रेलवे टिकट काउंटर जाना नहीं पड़ेगा। इससे मुख्य टिकट काउंटर में भीड़ का दबाव भी कम होगा। उद्घाटन अवसर पर प्रबंधक रेल मंडल रायपुर डीपी स्वाईन, सहायक रेल मंडल अभियंता एसएन बुदेला, सभापति देवनारायण तांडी, क्षेत्रीय पार्षदगण, एमआईसी सदस्य, काशीराम कोसरे, जयश्री जोशी, कुमुद बघेल, शिवेंद्र परिहार, भाजपा महामंत्री मीना सिंह व गणमान्य नागरिक बड़ी संख्या में मौजूद थे।
इस मौके पर महापौर डा. शिवकुमार तमेर ने कहा कि मेरे कार्यकाल का पहला कार्य है, जिससे मैं बहुत खुश हूं। मैंने सोचा नहीं था इतने जल्द यह सुविधा लोगों को उपलब्ध हो जाएगी। रेल मंडल को मैं धन्यवाद देता हूं कि उन्होंने मेरे प्रयास को मूर्त रूप दिया है। उन्होंने अपने अन्य प्रस्ताव पर भी डीआरएम से चर्चा की। जिस पर डीआरएम ने तीन अंडरब्रिज बनाने अपने अधिकारियों को प्रस्तावित कार्य का प्राक्कलन तैयार करने निर्देश दिए हैं। रेल प्रबंधक रायपुर मंडल के डीसी स्वाईन डीआरएम ने कहा दुर्ग रेलवे स्टेशन को माडल स्टेशन बनाने का कार्य चल रहा है। यहां प्रतिदिन 16000 टिकट डिस्पेच होने का अनुमान है। यहां भविष्य में टिकट काउंटर के साथ आरक्षण काउंटर की भी व्यवस्था की जाएगी। उन्होंने कहा कि टिकट काउंटर विस्तार के साथ मुख्य रेलवे टिकट काउंटर के समान क्षेत्र का विकास किया जाएगा। शापिंग कांपलेक्स, पार्किंग आदि की व्यवस्था भी यहां की जाएगी,ताकि लोगों को यहां आने पर किसी प्रकार की तकलीफ न हो। उद्घाटन अवसर पर सागरसिंह मंडावी, उमेश यादव, सोहन जैन, डीसी नायडू, सीएच रामप्रसाद राव तथा अधिक संख्या में लोग उपस्थित थे।

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पेयजल संकट से निपटने ठोस योजना की दरकार

दुर्ग, 27 अप्रैल। कांग्रेस पार्षद दल ने कहा है कि महापौर अपने 100 दिन के कार्य की अपने हाथ से पीठ थपथपाना बंद करे और वार्डों में पेयजल की समस्या को लेकर आए दिन लड़ाई-झगड़े हैं एवं पानी के लीकेज के कारण हजारों लीटर पानी सड़कों, नालियों में बह जाता है उस पर विशेष ध्यान दें।
कांग्रेस पार्षद दल की सचेतक सोनम नारायणी ने कहा कि कई बरस पुरानी पाइप लाइनों को नई पाइप लाइन लगानी चाहिए और पेयजल संकट को देखते हुए पूरे 58 वार्डों के लिए अच्छी पेयजल योजना बनाई जाए। ताकि आने वाले समय में हमारे शहर में पानी की समस्या न रहे। आज भी 58 वार्डों में अधिकतर पाइप लाईन नाली के अंदर से ही गुजर रही है, जिसके कारण उन पाईप लाइन में छोटे-छोटे लीकेज से उन नालियों का पानी अंदर से होते हुए लोगों के घरों तक जाता है। इसी कारण लोगों को पीलिया जैसी गंभीर तथा और भी बीमारियों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे कई वार्ड हैं और अनगिनत लोगों को पीलिया जैसी गंभीर बीमारियां हो रही है और आए दिन इन बीमारियों से लोगं की मौत भी हो रही है। इस पर हमारे महापौर एवं निगम प्रशासन को विशेष ध्यान देना चाहिए, ताकि इस गंभीर समस्या से दुर्ग की जनता मुक्त हो सके।

स्वीमिंग पुल में डुबाने के 1500 रूपए

निजी विद्यालयों में पालकों का हो रहा है चौतरफा आर्थिक शोषण

भिलाई, 27 अप्रैल। निजी विद्यालयों में अध्ययनरत केजी-1 से लेकर क्लास-4 तक के विद्यार्थियों के परीक्षा परिणाम शनै:शनै: घोषित किए जा रहे है। परिणाम पत्र देने के तुरंत बाद विद्यालय प्राचार्य द्वारा पालकों से छुट्टियों की फीस भी मांगी जा रही है इससे पालकों एवं स्कूल प्रबंधन के मध्य तनाव की स्थिति है। पालकों का स्पष्ट कहना है कि जब दो महीने बच्चा स्कूल गया ही नही तो फीस किस बात की। इस संबंध में विद्यालय के प्राचार्य द्वारा यह तर्क दिया जा रहा है कि यह स्कूल प्रबंधन का आदेश है क्योंकि छुट्टियों की अवधि में भी छात्र स्कूल आए या न आए शिक्षक शिक्षिकाएं तो प्रतिदिन आते ही है। इसलिए उनका वेतन देने के नाम पर पालकों को छुट्टियों की फीस भी देनी पड़ेगी।

इस संबंध में चर्चा करते हुए कई पालकों ने बताया कि भिलाई टाऊनशिप के संचालित सभी निजी विद्यालयों के प्राचार्यों द्वारा परीक्षा प्रमाण पत्र देने के बाद छुट्टियों की अवधि की फीस मांगी जा रही है। कई विद्यालयों में जहां छात्र-छात्राओं को लाने ले जाने के लिए बसें संचालित होती है उनके पालकों से बस का किराया भी मांगा जा रहा है। पालकों का कहना है कि जब हमारे बच्चे ने बस का उपयोग ही किया ही नही और छुट्टियों में स्कूल गया ही नही तो फीस किस बात की दी जाए। इस विवाद का हल स्थानीय प्रशासन को करना चाहिए। दूसरी तरफ यह भी बताया जा रहा है कि लगातार अध्ययनरत छात्रों से पुन: प्रवेश के नाम पर एडमिशन फीस अलग से मांगी जा रही है। इस संबंध में पालकों का कहना है कि जब बच्चा उसी स्कूल में दो वर्षों से पढ़ रहा है तो कक्षा तीसरी के लिए एडमिशन फीस के नाम पर फीस क्यों मांगी जा रही है। एडमिशन फीस तो तभी लगती है जब छात्र अथवा छात्रा का पहली बार विद्यालय में प्रवेश हो रहा हो। यह विवाद आगे चलकर विकराल रूप धारण कर सकता है। यह भी देखने में आया है कि कई विद्यालयों के प्रबंधन द्वारा छात्र-छात्राओं को यूनीफार्म को स्कूल से ही खरीदने के लिए दबाव बनाया जा रहा है। स्कूल द्वारा दिए गए यूनीफार्म एवं बाजार से खरीदे गए यूनीफार्म के कीमत में जमीन आसमान का अंतर है उसके बाद भी कई स्कूलों के प्राचार्य द्वारा यूनीफार्म नही मिलने पर एडमिशन फार्म नही देने की धमकी दी जाती है।

हाल ही में केंद्र सरकार द्वारा जारी शिक्षा का अधिकार कानून के अंतर्गत यह हिदायत सभी निजी विद्यालयों के संचालकों को दी गई थी कि गरीबी रेखा के अंतर्गत देने वाले छात्र-छात्राओं के लिए विद्यालय में प्रवेश जरूरी किया जाए। केंद्र की यह मंशा है कि किसी भी गरीब का बच्चा बिना शिक्षा के न रह जाए परंतु इसके विपरीत निजी विद्यालयों के संचालक इस कानून की धज्जियां उड़ाते हुए मनमानी पर उतर आए है। टाऊनशिप के एक निजी विद्यालय में स्वीमिंग के नाम पर प्रति छात्र 1500 रुपए प्रतिमहीना शुल्क लिया जाता है। जबकि इस संबंध में छात्रों से जानकारी लेने पर यह ज्ञात हुआ है कि 15 दिन में एक बार उन्हें स्वीमिंग पुल में डुबाकर तुरंत निकाल दिया जाता है। बस इसी बात की 1500 रुपए प्रतिमाह लिया जाता है। इस प्रकार निजी विद्यालयों के संचालकों द्वारा पालकों का चौतरफा आर्थिक शोषण किया जाता है। शिक्षा के जगत में इस बात को लेकर रोष है कि राजनैतिक दलों द्वारा इस संबंध में पालकों के पक्ष में कोई बात नही की जाती है। अगर निजी विद्यालयों के संचालक यही रवैया अपनाए रहे तो धन संपन्न व्यक्ति ही अपने बच्चे को अच्छी शिक्षा दिला सकता है वरना गरीब या मध्यम वर्गीय परिवार के लिए सरकारी स्कूल भी एक मात्र सहारा है।

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गैस एजेंसियों ने बढ़ाई रसोई गैस की कालाबाजारी

भिलाई, 27 अप्रैल। नगर में रसोई गैस की कालाबाजारी एक बार फिर बढ़ गई है। यह कहना गलत होगा कि गैस एजेंसी में कार्यरत कर्मचारियों की वजह से ही कालाबाजारी बढ़ रही है बल्कि हकीकत यह है कि गैस एजेंसियों के संचालकों के संरक्षण के कारण एवं खाद्य विभाग में पदस्थ अधिकारियों की लापरवाही के कारण इस प्रथा को बल मिला है। दुर्ग-भिलाई जैसे जुड़वा शहर में रसोई गैस को व्यवसायिक रूप में उपयोग कर दोहरा मुनाफा कमाया जा रहा है। इस संबंध में पुलिस को जानकारी होने के बाद भी वह सारा दारोमदार खाद्य विभाग पर छोड़कर अपना पल्ला झाड़ लेती है।

गौरतलब है कि शहर में आकाशगंगा व्यावसायिक परिसर, सेक्टर-4, सेक्टर-10, हाऊसिंग बोर्ड एवं पुरानी भिलाई में गैस एजेंसियों की आबंटित शाखाएं है। इन शाखाओं में इतनी पर्याप्त मात्रा में गैस सिलेंडर आते है कि अगर नियमानुसार उपभोक्ताओं को इसका वितरण किया जाए तो कहीं कोई कमी नही होगी। गैस एजेंसी के संचालक स्वयं रोज नए-नए नियम बनाते है और अपने कर्मचारियों द्वारा इन नियमों की आड़ में रसोई गैस की कालाबाजारी करवाते है। उदाहरण स्वरूप कुछ समय पहले गैस रिफ्लिंग का समय 30 दिन निर्धारित किया गया था परंतु कुछ ही दिन बाद इस अवधि को 15 दिन घोषित कर दिया। दूसरी तरफ केंद्रीय खाद्य एवं पेट्रोलियम मंत्रालय द्वारा जारी बयान में यह सुनने में आया कि गैस रिफ्लिंग की कोई अवधि नही होती बल्कि एक रिफ्लिंग के बाद दूसरे ही दिन नई रिफ्लिंग के लिए आरक्षण करवाया जा सकता है। स्थानीय तौर पर रसोई गैस की कोई किल्लत न होने के बाद भी गैस एजेंसियों के संचालकों द्वारा मुंबई से गाड़ी नही आई है बताकर नोटिस बोर्ड पर गैस का स्टाक खत्म बताया जाता है। विश्वसनीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार 50 प्रतिशत भी रसोई गैस का वितरण नियमानुसार नही हो रहा है बल्कि मात्र 30 से 35 प्रतिशत का वितरण उपभोक्ताओं को करके शेष रसोई गैस औद्योगिक क्षेत्र में स्थित छोटी-बड़ी इकाईयों को ब्लैक में बेचने जाती है। 320 रुपए एक गैस सिलेंडर को 500 रुपए में बेचने की शिकायतें मिली है। आकाशगंगा स्थित एक होमएपलायंस में रसोई गैस का उपयोग चारपहिया वाहन चलाने के लिए किया जाता है। इस एवज में एक गाड़ी मालिक से 5 से 6 सौ रुपए की वसूली की जाती है। इस संस्थान में दो बार खाद्य विभाग द्वारा छापा भी मारा जा चुका है। इसके बावजूद भी अपने परमानेंट ग्राहकों को गैस की आपूर्ति इस संस्थान द्वारा की जाती है। इसी प्रकार हाऊसिंग बोर्ड क्षेत्र में इंडियन आयल अधिकृत एक मात्र दुकान से ग्राहकों को कम और कंपनी मालिकों को ज्यादा रसोई गैस की आपूर्ति की जाती है। लगभग यही स्थिति सेक्टर-10 एवं भिलाई-3 के दुकानों की भी है। खाद्य विभाग द्वारा हाल ही में सेक्टर-4 स्थित इंडियन आयल अधिकृत गैस दुकान में छापामार कर 100 से अधिक सिलेंडर जब्त किए गए थे जिनका लिखा पढ़ी में कोई रिकार्ड नही था।

दूसरी ओर खाद्य विभाग में पदस्थ अधिकारियों की उदासीनता के कारण रसोई गैस की कालाबाजारी को बढ़ावा मिल रहा है। आज शहर में आकाशगंगा स्थित कई चाट संचालक जो हाल ही में जिला प्रदेशों से आए है खुलकर रसोई गैस का उपयोग कर रहे है। उनके द्वारा इस प्रकार रसोई गैस का खुलेआम व्यवसायिक उपयोग करने की जानकारी खाद्य विभाग को न हो ऐसा नही हो सकता बल्कि खाद्य विभाग के कई कर्मचारी इन चाट दुकानों में आते जाते रहते है। इसी प्रकार पाव भाजी, चिकन चिल्ली आदि ठेलों में बनाने वाले फुटकर व्यवसायी भी रसोई गैस का उपयोग व्यावसायिक रूप से कर रहे है। बताया जाता है कि इन सभी को किसी न किसी रूप में खाद्य विभाग का संरक्षण प्राप्त है। इस संबंध में किसी भी राजनैतिक दल के प्रतिनिधि द्वारा आवाज न उठाना अनेक रहस्यों को जन्म देता है।

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दो प्रधानपाठकों पर सुराज की गाज

दुर्ग, 27 अप्रैल। ग्राम सुराज अभियान के दौर के अन्तर्गत विकासखण्ड धमधा के शासकीय प्राथमिक शाला नंदौरी के प्रधानपाठक शिव शंकर गेण्डरे को ग्राम सुराज अभियान के दौरान अनुपस्थित, परीक्षा कार्य में सहयोग न देना, अपने कर्तव्यों का उचित निर्वहन न करना एवं प्राथमिक शाला जंजगिरी के प्रधानपाठक मीनू कुमार वर्मा को विद्यालय में बिना किसी सूचना के ताला लगाकर एक सप्ताह तक नदारत रहने पर निलंबित कर दिया गया। इस दौरान बीईओ कार्यालय धमधा में वे अटैच रहेंगे।  जनपद पंचायत साजा के पंचायत एवं समाज शिक्षा संगठक आरजी श्रीवास्तव को ग्राम सुराज अभियान में निरंतर अनुपस्थित रहने की वजह से कलेक्टर ठाकुर रामसिंह ने निलंबित कर दिया। यह जानकारी पंचायत एवं समाज कल्याण विभाग के उपसंचालक से मिली।

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बच्चों की कमजोरी को समझें शिक्षक व अभिभावक - कलेक्टर
दुर्ग, 27 अप्रैल। सर्वशिक्षा अभियान के अन्तर्गत विशेष आवश्यकता वाले बच्चों के लिए उपकरण वितरण शिविर से 268 बच्चे लाभान्वित हुए। शिविर में 35 बच्चों को चश्मा, 47 बच्चों को व्हील चेयर, 40 बच्चों को ट्रायसिकल, 47 बच्चों को कैलिपर्स, 25 बच्चों को बैशाखी तथा 74 बच्चों को श्रवण यंत्र वितरित किया गया।  जिला परियोजना कार्यालय राजीव गांधी शिक्षा मिशन द्वारा स्थानीय मानस भवन मेें आयोजित इस शिविर में कलेक्टर ठाकुर रामसिंह और जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी एस. प्रकाश भी सम्मिलित हुए। उन्होंने उपकरण प्राप्त बच्चों के अभिभावकों व बच्चों से उनकी तकलीफों के संबंध में जानकारी ली। तथा उपकरण प्राप्ती उपरांत बच्चों को नियमित स्कूल भेजने का आग्रह किया।
इस अवसर पर कलेक्टर ठाकुर रामसिंह ने अपने संक्षिप्त उद्बोधन में कहा कि बच्चे यदि सुन नही पाता, ठीक से देख नही पाता पुस्तके पढऩे में दिक्कतें होती हो या बच्चे में किसी प्रकार की शारीरिक व्याधी हो तो ऐसे में बच्चे को किसी प्रकार की उलाहना देने के बजाय उसकी कमजोरी को समझने का प्रयास शिक्षक व अभिभावक दोनों को करना चाहिए। शासन द्वारा स्कूलों में पढऩे वाले ऐसे बच्चों के लिए आवश्यक उपकरण वितरण की व्यवस्था की गई है। उन्होंने कहा कि बच्चों की मदद की यह योजना गांव-गांव तक पहुंचे साथ ही उपलब्ध उपकरण का उपयोग बेहतर ढंग से हो इसकी जवाबदारी अभिभावक के साथ शिक्षक का भी है। कलेक्टर ने कहा कि विशेष आवश्यकता वाले बच्चों को हरसंभव सहायता पहुंचाई जाए। जिला पंचायत के सी.ई.ओ. एस. प्रकाश नेे कहा कि बच्चों को वितरित उपकरण उसके शारीरिक विकास के साथ पढऩे में सहायक होगा। उन्होने कहा कि जिले में विभिन्न स्कूलों में अध्ययनरत विशेष आवश्यकता के बच्चों के घर तक आवश्यक उपकरण पहं्रुचाया जायेगा। कलेक्टर ठाकुर रामसिंह ने अपने करकमलों से मा. देवेश और कु. सृष्टि को व्हील चेयर वितरित किया। इस अवसर पर सर्व शिक्षा अभियान के सहायक परियोजना समन्वयक सुपुष्पा पुरूषोत्तमन एवं अन्य अधिकारी, विभिन्न स्कूलों के बच्चे व उनके अभिभावक तथा शिक्षकगण उपस्थित थे।

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गरीबों के झोपड़े न उजाडें - वोरा

दुर्ग, 27 अप्रैल। शक्ति नगर वार्ड-18 में लगभग 40 वर्षों से निवासरत 8 मकान जिन्हें पूर्व में पट्टा दिया जा चुका है। उन्हें अचानक बिना किसी पूर्व सूचना के उद्योग विभाग व निगम नगर निगम का अमला देखते ही देखते आठ मकानों के निवासी व मोहल्ले के सैकड़ों गरीब बेदखल हो गये। कांग्रेस के चौपाल क ार्यकम की तरह पूर्व विधायक अरूण वोरा, नेता प्रतिपक्ष निर्मला, साहू प्रदेश सचिव मदन जैन, पूर्व पार्र्षद राजकुमार नारायणी, प्रदेश महिला महा सचिव नीलू ठाकुर, पार्षद युवराज ठाकुर, सीमा बांधे, अजय मिश्रा, मधुकेरा तिवारी, नंदू महोबिया सहित वार्ड के नागरिकों से मुलाकात करने पहुंचे, तब तोडफ़ोड़ की जानकारी मिली। खबर मिलने पर पूर्व विधायक अरूण वोरा तुरंत वहां पहुंच गये और वहीं से जिलाधीश रामसिंग ठाकुर, और नगर निगम कमीशनर एसके सुदंरानी से चर्चा की। जिलाधीश ने बताया की उनकी जानकारी में नहीं है उद्योग विभाग के जीएम से चर्चा कर इसकी जानकारी में नहीं है। अरूण वोरा ने कहा कि चिलचिलाती धूप में तोडफ़ोड़ उचित नहीं है। गर्मी में गरीबों के झोपड़े  उजाडऩा पूरी तरह गलत है। 40 वर्ष से कुम्हार परिवार के लोग अपनी जीविका चला रहे हैं। वोरा की समझाईस पर तोडफ़ोड़ बंद कर दी गई।

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विषाक्त भोजन ने ली दो जानें

एक ही परिवार के 9 अस्पताल में, 2 बच्चे गम्भीर
दुर्ग, 27 अप्रैल। पाटन थानांतर्गत ग्राम लोहरसी में सोमवार की रात जहरीले भोजन के सेवन के बाद एक ही परिवार के दो लोगों की मौत हो गई जबकि 9 लोगों के अम्बेडकर अस्पताल रायपुर में भर्ती होने से गांव में मातम का माहौल है। वहीं अस्पताल में भर्ती दो बच्चों की हालत गंभीर होने से परिवार के लोग सहमे हुए हैं। ग्राम लोहरसी निवासी दुखु पटेल 55 वर्ष पिता शिवचरण पटेल के घर पर सोमवार की रात करीब 8.30 बजे एक दर्जन लोगों के भोजन करने के बाद यह घटना सामने आया। भोजन करने के आधे घंटे बाद बड़े, बच्चे व महिलाओं को अचानक उल्टियां आनी शुरु हो गई। मुंह से झाग भी निकल रहा था। रात में ही गांव के लोगों की मदद से पीडित लोगों को अम्बेडकर अस्पताल रायपुर में दाखिल करवाया गया। जहां रात करीब 1 से 2 बजे के बीच रजऊ पटेल 32 वर्ष पिता दुखु पटेल ग्राम लोहरसी थाना पाटन और पूर्णिमा पटेल 27 वर्ष पिता नरेन्द्र पटेल तेलीगुण्डरा थाना रानीतराई निवासी ने दम तोड़ दिया। द्रोपती पति दुखु पटेल लोहरसी,नरेन्द्र पटेल पिता दुखु पटेल लोहरसी ,हेमलता पटेल 27 वर्ष पिता रजऊ पटेल लोहरसी,शालिनी पटेल 6 वर्ष पिता रजऊ पटेल लोहरसी,निशा पटेल 3 वर्ष पिता रजऊ पटेल, शेषनारायण पटेल, कंचन पटेल 8 वर्ष पिता नरेन्द्र पटेल, ज्योति पटेल 6 वर्ष पिता नरेन्द्र पटेल,निठेश्वर पटेल का अम्बेडकर अस्पताल रायपुर में उपचार जारी हैं। इनमें से 3 वर्षीय निशा पटेल और 6 वर्षीय ज्योति पटेल की हालत चिंताजनक बनी हुई हैं। मृत लोग व अस्पताल में भर्ती सभी लोग आपस में रिश्तेदार हैं। भोजन जहरीला कैसे हुए फिलहाल परिजन इस संबंध में कुछ बता नहीं पा रहे हैं। बताया गया हैं भोजन में कल रात चांवल,दाल,रोटी व मसालेदार आलू-भाठा की सब्जी परोसा गया था। पाटन पुलिस ने घटनास्थल से खाद्य पदार्थो के अलावा उल्टीयुक्त खाद्य पदार्थ परीक्षण के लिए जप्त किया हैं। पुलिस भोजन के जहरीले होने के संबंध में कुछ भी बताने की स्थिति में नहीं हैं। पीडि़त पटेल परिवार सब्जी व्यवसाय से जुड़ा हुआ हैं। पुलिस का कहना हैं कि खाद्य पदार्थो के परीक्षण उपरांत ही इस मामले में कुछ कहा जा सकता हैं। घटना से जहां गांव के लोगो में शोक की लहर हैं वहीं वे घटना को लेकर आश्चर्यचकित भी हैं कि ताजा भोजन कैसे अचानक जहरीला हो गया। जिसका पटेल परिवार को भारी खामियाजा भुगतना पड़ा।
पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक पाटन के ग्राम लोहरसी निवासी दुखु पटेल के घर सोमवार को उनके रिश्तेदार सपरिवार आए हुए थे। लिहाजा रिश्तेदारों के मेहमान नवाजी के लिए बीती रात भोजन की भी व्यवस्था की गई। भोजन के दौरान पटेल परिवार के लोगों में भारी खुशी थी लेकिन भोजन के आधे घंटे बाद यह खुशी पीड़ा के रुप में बदल गई। बताया गया हैं भोजन करने वाले परिवार के सभी सदस्यों को अचानक पेट में दर्द के साथ उल्टियां आनी शुरु हो गई। परिवार के कुछ सदस्यों के मुंह से झाग भी निकल रहा था। एक दो सदस्य तो घर पर ही गश खाकर गिर गए। अचानक यह घटना सामने आने से पटेल परिवार के लोगों के होश उड़ गए। घटना की गांव के अन्य लोगों को खबर दी गई। तत्पश्चात सभी पीडितों को गांव वालो की मदद से उपचारार्थ रायपुर के अम्बेडकर अस्पताल पहुंचाया गया। एक ही परिवार के दस लोगों के अचानक इलाज के लिए अम्बेडकर अस्पताल पहुंचने से अस्पताल प्रबंधन भी सकते में आ गया था। पीडितों का तत्काल इलाज शुरु किया गया। लेकिन रात 1 से 2 बजे के बीच रजऊ पटेल और पूर्णिमा पटेल ने दम तोड़ दिया। शेष 9 लोगों का इलाज जारी हैं। जिनमें 3 वर्ष की निशा पटेल और 6 वर्षीय ज्योति पटेल की हालत नाजुक बनी हुई हैं। अस्पताल में भर्ती पीडि़तों का कुशलक्षेम जानने ग्राम लोहरसी के लोग अस्पताल पहुंच रहे हैं और घटना पर आश्चर्य व्यक्त कर रहे हैं। एक ही चर्चा छिडी हुई है कि भोजन अचानक जहरीला कैसे हो गया। पीडित पटेल परिवार सब्जी व्यवसाय से जुड़ा हुआ हैं। सब्जी व्यवसाय में कीटनाशकों का उपयोग बहुतायत होता है। आशंका है कि घर में रखा कीटनाशक ही भोजन तक पहुंच गया होगा। बहरहाल पाटन पुलिस ने मर्ग कायम कर मामले को जांच में लिया हैं।

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निर्माणाधीन मकान को जेबीसी लगा तुड़वाया
पुलिस भी नहीं लिख रही रिपोर्ट


भिलाई, 27 अप्रैल। नेवई थानांतर्गत आशीष नगर में जमीन पर कब्जे को लेकर दो संयंत्र कर्मियों में विवाद हो गया। विवाद के चलते ताजा-ताजा संयंत्र के अधिकारी बने एक व्यक्ति ने जेसीबी लगवाकर मकान को तुड़वा दिया। जबकि रेवेन्यू इंस्पेक्टर पहले ही विवाद का समाधान कर चुके थे। मामले का अहम् पहलू यह भी है कि पीडि़त पक्ष जब नेवई थाना पहुंचा तो उसकी रिपोर्ट लिखने से ही मना कर दिया गया।
जानकारी के मुताबिक, भिलाई इस्पात संयंत्र में कार्यरत् सेक्टर-5, 31 ए, स्ट्रील 29 निवासी रामेश्वर वर्मा का आशीष नगर में प्लाट है। श्री वर्मा इस प्लाट पर मकान बनवा रहे थे, किन्तु इससे संयंत्र में ही कार्यरत् 18ए, सड़क 30, सेक्टर 10 निवासी एसके देवांगन को आपत्ति थी। देवांगन का आरोप था कि श्री वर्मा ने उनकी जमीन पर कब्जा किया। इसके चलते पूर्व में दोनों के बीच हाथापाई की स्थितियां भी निर्मित हुई। बाद में रेवेन्यू इंस्पेक्टर को बुलवाकर जब जमीनों का सीमांकन करवाया गया तो जमीन पर कब्जे का आरोप निराधार निकला। रेवेन्यू इंस्पेक्टर ने श्री वर्मा को क्लिनचिट देते हुए यहां तक कह दिया कि देवांगन ने ही कब्जा कर रखा था। इस घटनाक्रम से बौखलाए एसके देवांगन ने जेसीबी बुलवाकर श्री वर्मा के लगभग बन चुके मकान को तुड़वा दिया। मामले की शिकायत करने के लिए जब पीडि़त श्री वर्मा नेवई थाना पहुंचे तो उनकी रिपोर्ट तक दर्ज नहीं की गई और उन्हें लिखित में शिकायत देने को कहा गया। बताया जाता है कि मकान तुड़वाने के बाद से एसके देवांगन लापता हो गया है।

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सोमवार, 26 अप्रैल 2010

अफसरों ने उड़ाई सूचना के अधिकार की धज्जियां

दुर्ग, 26 अप्रैल। सूचना के अधिकार के अंतर्गत जानकारी चाहने वालों को संबंधित विभाग के प्रमुख अधिकारियों द्वारा बैरंग वापस लौटाया जा रहा है। शासन के शिक्षा विभाग, सर्व शिक्षा अभियान कार्यालय, आदिमजाति कल्याण विभाग, फुड विभाग एवं खनिज विभाग में सैकड़ों आवेदन लंबित पड़े है। अधिकारियों को डर है कि सही जानकारी देने से उनकी करतूतो की पोल खुल जाएगी। शिक्षा विभाग में तो एक ही रटा रटाया जवाब मिलता है कि स्टॉफ के अभाव में अभी जानकारी देना संभव नही है। जानकारी देने में कितना समय लगेगा यह अभी नही बताया जाता। इसी प्रकार आदिमजाति कल्याण विभाग के प्रमुख अधिकारी के बारे में बताया जाता है कि वे प्राय: राजधानी में ही रहते है इसलिए उनकी बिना अनुमति के जानकारी देना संभव नही है। फुड एवं खनिज विभाग में पदस्थ अपील अधिकारी प्राय: विभिन्न क्षेत्रों के दौरे पर रहते है इसलिए आवेदक और उनमें आमना-सामना नही होता।
गौरतलब है कि जब से सूचना के अधिकार पर कार्रवाई शुरू हुई है तब से प्रत्येक सरकारी विभाग के प्रमुख अधिकारी इस कानून की प्रति आमतौर पर अपनी नाराजगी व्यक्त करते है। नागरिकों के लिए यह कानून तो एक मौलिक कानून बनकर उभरा है परंतु अधिकारियों के लिए यह गले में फंसी उस फांस की तरह है जिसे न निगला जा सकता है न बाहर किया जा सकता है। शिक्षा विभाग के विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार आवेदकों द्वारा प्राय: शिक्षाकर्मियों की भर्ती के संबंध में जानकारियां मांगी जाती है। यह सभी जानते है कि शिक्षाकर्मियों की भर्ती में कितना बड़ा फर्जीवाड़ा चला है इसलिए जानकारी देने के लिए विभाग में पदस्थ लोग हिलाहवाली करते है। शिक्षा विभाग में ही कई ऐसे आवेदन लंबित है जिनका संबंध कर्मचारियों की पदोन्नति से है। यह प्रक्रिया कई बार राजनीतिक दबाव के कारण तो कई बार उच्च पदस्थ अधिकारियों की जानकारी में अपनाई जाती है इसलिए इसे गोपनीय करार देकर आवेदक को बैरंग लौटाया जाता है। शिक्षा विभाग में कई ऐसे कर्मचारी है जिन्हें समय के पूर्व पदोन्नत कर दिया गया है। ऐसे कर्मचारियों को अपने कार्य क्षेत्र में जाकर पदस्थ रहने का अधिकार है लेकिन बड़े अधिकारियों की विशेष कृपा से वे जिला मुख्यालय में ही सेवाएं दे रहे हैं। सूचना के अधिकार के अंतर्गत इस संबंध में जानकारी मामले पर आवेदक को गोपनीयता का हवाला देकर वापस कर दिया जाता है। इस प्रकार फुड एवं खनिज विभाग में तीन अधिकारियों को सूचना का अधिकार के अंतर्गत जानकारी देने के लिए अपीलीय अधिकारी बनाया गया है वे प्राय: विभिन्न क्षेत्रों के दौरे पर रहते है। यह संभव है कि उनकी गैर मौजूदगी में किसी अन्य कर्मचारी को विकल्प के रूप में तैनात किया होगा परंतु बड़े अधिकारी की स्वीकृति न होने पर वह भी जानकारी देने से इंकार कर देता है। खनिज एवं फुड विभाग की गारगुजारियों के बारे में यदा-कदा प्रचार माध्यमों में जो जानकारियां मिलती है उसके अनुसार इस विभाग में छोटा सा छोटा कर्मचारी भी किसी न किसी घोटाले में लिप्त है इसलिए इन विभागों में सूचना के अधिकार को महत्व नही दिया जा रहा है। कई बार आवेदक को बैरंग लौटने के कारण वह हताश एवं निराश हो जाता है। इसलिए इस व्यवस्था को तो सुधरना ही नही है यह मानकर दोबारा वह सूचना के अधिकार का प्रयोग नही करता। समाज के कई बुद्धिजीवी नागरिकों ने इस संबंध में चर्चा के दौरान कहा कि शासन-प्रशासन को ऐसी व्यवस्था करनी चाहिए कि सूचना का अधिकार से संबंधित कार्रवाई को चुस्त-दुरस्त किया जाए एवं जो अधिकारी अथवा कर्मचारी इसका पालन नही करते उन्हें आर्थिक रूप से दंडित किया जाना चाहिए।
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आईपीएल निपटने से महिलाएं खुश

दुर्ग, 26 अप्रैल। इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल-3) के मैच निपटने से महिलाओं ने राहत की सॉस ली है। अब वे रोजाना फिर से अपने पसंदीदा सीरियल देख पाएंगी।
गौरतलब है कि आईपीएल-3 के मैचों की शुरूआत 12 मार्च को हुई थी। जबकि कल 25 अप्रैल को इसका फाइनल मैच खेला गया। इस दौरान लगभग रोजाना रात्रि को मैच खेले गए। रात्रि 8 बजे प्रारम्भ होने वाले यह मैच रात्रि 12 बजे तक चलने की वजह से महिलाओं को अपने पसंदीदा सीरियल्स से महरूम होना पड़ रहा था। इसी वजह से रोजाना घरों में झंझट भी होती रही। लेकिन अब मैच खत्म होने के साथ ही महिलाओं को राहत महसूस हो रही है। करीब डेढ़ महीने तक चले आईपीएल के दौरान अपने मनपसंद सीरियल्स से वंचित रहीं महिलाएं अब पूर्व के घटनाक्रमों पर जानकारियां भी लेने लगी हैं।

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चोरी के मोबाइल समेत पकड़ाया

दुर्ग, 26 अप्रैल। मोबाइल चोरी के एक मामले का पर्दाफाश करने में कोतवाली पुलिस को सफलता मिली हैं। इस मामले में पुलिस ने आरोपी विजय साव 45 वर्ष पिता स्व.सुरेश साव ग्राम भूसंडा थाना मुफसील जिला गया बिहार निवासी को गिरफ्तार किया हैं। उसके पास से पुलिस ने एक चोरी की नोकिया 3110 मोबाइल बरामद किया। मोबाइल की कीमत 43 सौ रुपए बताई गई हैं।
जानकारी के मुताबिक ग्राम उतई निवासी खुमानलाल निषाद 24 वर्ष पिता नोहर निषाद 24अप्रैल को जिला अस्पताल अपने किसी परिचित से मिलने आया था। मुलाकात के बाद वह अस्पताल के बाहर स्थित लक्ष्मी राजपूत के होटल में खाना खा रहा था। इस दौरान खुमान लाल निषाद ने अपनी मोबाइल टेबल में रखी थी। भोजन उपरांत खुमान को अपनी मोबाइल नदारत मिली। चोरी की आशंका पर उसने कोतवाली थाना पहुंचकर घटना की शिकायत दर्ज करवाई थी। मामले मेंं कोतवाली पुलिस ने अज्ञात आरोपी के खिलाफ अपराध दर्ज किया था। मामले के तह तक पहुंचने कोतवाली पुलिस के सहायक उपनिरीक्षक जलालुद्दीन खान जुटे हुए थे। पुलिस अधिकारी को पता चला कि विजय साव नामक एक व्यक्ति पोलसायपारा चौक के एक मोबाइल दुकान में मोबाइल बेचने पहुंचा हैं। मौके पर पुलिस ने दबिश देकर विजय साव को धरदबोचा। विजय साव से जब सख्ती से पूछताछ की गई तो उसने जिला अस्पताल के होटल से उक्त मोबाइल को चोरी करना स्वीकारा। पुलिस ने चोरी की मोबाइल को जप्त कर लिया हैं।

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आग से झुलसी दो युवती की मौत

दुर्ग, 26 अप्रैल। अलग-अलग घटनाओं में दो युवती की आग से जलने से मौत हो गई। गंभीर रुप से झुलसे दोनों युवती को उपचारार्थ जिला अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। लेकिन उनकी जान नहीं बचाई जा सकी। संबंधित थाना क्षेत्र की पुलिस ने मर्ग कायम कर मामले को जांच में लिया हैं।
पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक केम्प-1 सुभाष चौक छावनी निवासी कुमारी पिंकी मेहरा 22 वर्ष पिता बलदेव सिंह 25अप्रैल को एक हादसे में आग से घिर गई थी। परिजनों को इसकी खबर लगी तो वे मौके पर पहुंचकर पिंकी के शरीर पर लगी आग पर काबू पाया। करीब 59 फीसदी झुलसी पिंकी को उपचार के लिए जिला अस्पताल में भर्ती करवाया गया। जहां बीती रात पिंकी ने अंतिम सांसे ली। इसी प्रकार दूसरी घटना भिलाई-3 थाना के ग्राम करसा की हैं। बताया गया हैं शोभाराम साहू की 18 वर्षीय पुत्री मधु साहू  आज सुबह आग की चपेट में आने से गंभीर रुप से झुलस गई। उसे उपचारार्थ जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। चिकित्सक के अनुसार वह 70 प्रतिशत झुलस गई थी। जिला अस्पताल में जीवन और मृत्यु के बीच जूझते हुए आज सुबह मधु ने दम तोड़ दिया। भिलाई-3 पुलिस ने मर्ग कायम कर मामले को जांच में लिया हैं।

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सहकारी बैंक को मिला आरबीआई का लायसेंस
बैंक अध्यक्ष प्रीतपाल बेलचंदन ने गिनवाईं दो साल की उपलब्धियां


दुर्ग, 26 अप्रैल। जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित दुर्ग के अध्यक्ष प्रीतपाल बेलचंदन ने आज दो वर्ष का कार्यकाल पूर्ण करने पर बैंक की उपलब्धियां गिनवाई। श्री बेलचंदन ने कहा कि इन दो वर्षो में बैंक ने उपभोक्ताओं व कृषकों के लिए कई नए आयाम लिखे हैं। जिसकी वजह से जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक को भारतीय रिजर्व बैंक का लायसेंस प्राप्त हुआ हैं। यह लायसेंस कई मायनों में अहम हैं। लायसेंस से जहां बैंक के प्रति लोगों का विश्वास बढ़ेगा, वहीं इसके कई लाभ भी मिलेंगे। रिजर्व बैंक का लायसेंस सहकारी बैंक के लिए साख का काम करेगा।
श्री बेलचंदन ने बताया कि यह लायसेंस जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक को 24 अप्रैल को प्राप्त हुआ हैं। हालांकि सहकारी बैंक को भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा  लायसेंस देने का निर्णय 18मार्च को ही ले लिया गया था।  उन्होने बताया कि 19 अक्टूबर 2010 जैसे ही पूर्ण होगा, जिला केन्द्रीय सहकारी बैंक अपने सौवें वर्ष में प्रवेश कर जायेगा। 19 अक्टूबर 2011 को सहकारी बैंक द्वारा स्थापना दिवस भव्य रुप से मनाया जायेगा। श्री बेलचंदन ने कहा कि इन दो वर्षो में कई बड़े काम किए गए हैं। लेकिन फिर भी वे इन कार्यो से पूर्णत: संतुष्ट नहीं हंै। भविष्य में  ऐतिहासिक काम करने हैं। जिसकी योजना को लेकर पूरी क्षमता के साथ आगे बढऩा हैं। उन्होने बताया कि जिले में सवा 4 लाख कृषक हैं। जिनमें से 2 लाख 90 हजार कृषक बैंक से जुड़े हुए हैं। उनके कार्यकाल में 45 हजार कृषकों की संख्या में बढ़ोत्तरी हुई हैं। उक्त बातें बैंक के अध्यक्ष प्रीतपाल बेलचंदन ने  आज जिला केन्द्रीय सहकारी बैंक मर्यादित दुर्ग के  सभाहाल में एक पत्रकारवार्ता में कही। इस दौरान उपाध्यक्ष श्री गुरुपंच,संचालक मंडल  सदस्य रमाकांत द्विवेदी,लखनलाल साहू, हर्ष तिवारी, नबार्ड के उच्च अधिकारी,मुख्य कार्यपालन अधिकारी एस.के. जोशी समेत अन्य अधिकारी मौजूद थे।
 श्री बेलचंदन ने पत्रकारों के सवाल के जवाब मेे कहा कि प्रोफेसर वैद्यनाथन कमेटी की सिफारिशों को पूरे देश के बैंकिंग संस्थाओं में लागू करना अनिवार्य हैं। इस परिवेश में जो बैंक का कार्यक्षमता बढ़ा हैं, उसे और तेजी से विस्तृत करना आवश्यक हैं। उन्होने बताया कि आज भी जिले के 35 प्रतिशत कृषक सहकारी बैंक के व शासन के योजना के लाभ से वंचित हैं। उन्हे जोडऩा बैंक की प्राथमिकताओं में से एक हैं। रिजर्व बैंक का लायसेंस मिलने के पूर्व जिला सहकारी बैंक सहकारी एक्ट के अनुरुप कार्यरत था। बैंकों में वैद्यनाथन कमेटी की सिफारिश लागू होने के बाद बड़ी राशि की लेन-देन के सिस्टम में परिवर्तन लाकर काम करना होगा। वहीं रिजर्व बैंक का लायसेंस प्राप्त होने के बाद अब बैंकिंग कार्यो में कोई भी कोताही बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे। 2012 तक सभी सहकारी बैंकिंग संस्थाओं को अनिवार्य रुप से रिजर्व बैंक का लायसेंस प्राप्त करना होगा। जिन बंैंकों के पास यह लायसेंस नहीं होगा वह स्वमेव समाप्त हो जाएगी। इस दौरान बैंक के मुख्य कार्यपालन अधिकारी एस.के. जोशी ने बैंक के डिफाल्टर उपभोक्ताओं,सोसायटियों से धान खरीदी,बारिश से खराब हुए धान व सूखाग्रस्त क्षेत्रों में बैंक के कार्य के संबंध में जानकारी दी। उन्होने बताया कि बैंक से ऋण लेने वाले लोगों में सालाना 15 प्रतिशत डिफाल्टर हो जाते हैं।

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श्रम मंडल उपाध्यक्ष का चालान काटा

भिलाई, 26 अप्रैल। छत्तीसगढ़ शासन श्रम कल्याण मंडल के उपाध्यक्ष ज्ञानेन्द्र मौर्य से यातायात पुलिस के अधिकारियो द्वारा आज सुबह पावर हाऊस चौक में दुव्र्यवहार किए जाने से माहौल गरमा गया। पुलिस के रवैय्ये से क्षुब्ध ज्ञानेन्द्र मौर्य कुछ देर के लिए मौके पर ही धरने पर बैठ गए। इसकी खबर बाद में पुलिस के आला अधिकारियों को लगने पर वे तत्काल मौके पर पहुंचे और ज्ञानेन्द्र मौर्य को समझा-बुझाकर शांत करवाया।
मिली जानकारी के मुताबिक दुर्ग निवासी और श्रम कल्याण मंडल उपाध्यक्ष ज्ञानेन्द्र मौर्य आज सुबह अपनी होण्डा कंपनी की एवीएटर मोटर सायकल क्र.सीजी 07 एलएस 1339से रायपुर जा रहे थे। करीब 10.30 बजे पावर हाऊस चौक पर वाहन चेकिंग को लेकर यातायात पुलिस के एक एएसआई अर्जुन सिंह ने उन्हे रोकवाया। मोटर सायकल के सामने हिस्से पर वाहन का नंबर नहीं था और न हीं ज्ञानेन्द्र मौर्य के पास मोटरसायकल के कोई दस्तावेज थे। जिससे यातायात कर्मियों ने चालान काट दिया। चालान कटने पर ज्ञानेन्द्र मौर्य आक्रोशित हो उठे और वे धरने पर बैठ गए थे। इसकी खबर सीएसपी यू.बीएस. चौहान, छावनी थाना प्रभारी बी.डी. नंद को लगने पर वे तत्काल मौके पर पहुंचे और ज्ञानेन्द्र मौर्य को समझाईश देकर शांत कराया गया।
इस मामले में पुलिस अधिकारियों का कहना था कि जब यातायात कर्मियों ने ज्ञानेन्द्र मौर्य को रोकवाया तो उन्हे पहले अपना परिचय दे देना था। परिचय देने से बात नहीं बढ़ती।

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रविवार, 25 अप्रैल 2010

बिना अनुमति के बोरिंग खोदने पड़ेगा महंगा

दुर्ग, 25 अप्रैल। अल्पवर्षा एवं सूखा के कारण दुर्ग जिले का भूजल स्तर निरंतर गिरते जा रहा है। नदी नाले सूख गये है एवं जल स्तर नीचे चले जाने के कारण हेण्ड पंप भी काम करना बंद कर रहे है। पेयजल की संभावित समस्या को ध्यान मे रखते हुए कलेक्टर ठाकुर रामसिंह द्वारा छत्तीसगढ़ पेयजल परिक्षण अधिनियम 1986 के तहत पिछले साल नवंबर महीने तक सम्पूर्ण दुर्ग जिले को जलाभाव क्षेत्र घोषित कर नवीन नलकूपों के खनन पर प्रतिबंध लगाया गया है।
भीषण गर्मी के कारण भूजल स्तर में लगातार गिरावट आ रही है नए नलकूपों के खनन से आगामी दिनों में स्थिति और भी भयावह होगी इसे देखते हुए कलेक्टर ने जिले के अनुविभागीय अधिकारियों अनुविभागीय दंडाधिकारियों, तहसीलदारों एवं थाना प्रभारियों को इस आशय का निर्देश प्रसारित किया है कि छत्तीसगढ़ पेयजल परिक्षण अधिनियम के तहत लगाए गए नलकूपों के खनन संबंधी प्रतिबंध आदेश का सख्ती से पालन कराया जावे। कलेक्टर ने यह भी चेतावनी दी है कि यदि भविष्य में बिना सक्षम प्राधिकारी की अनुमति के अवैध बोर खनन की शिकायत कहीं से मिलती है तो संबंधित क्षेत्र के तहसीलदार एवं थाना प्रभारी की जिम्मेदारी तय की जाएगी। सूखा राहत शाखा के प्रभारी अधिकारी डिप्टी कलेक्टर एके बाजपेयी ने बताया कि जिले में नए नलकूप खनन पर प्रतिबंध प्रभावशील है और अब तक जिले में अवैध रूप नलकूप करने के 19 मामले दर्ज किए गए है। इन मामलों में बोरिंग मशीन मय वाहन की जप्ती की गई है। और कलेक्टर महोदय के न्यायालय में प्रकरणों की सुनवाई की जा रहीं है। छत्तीसगढ़ पेयजल परिक्षण अधिनियम 1986 के तहत  प्रतिबंध आदेश का उल्लंघन करने पर दो हजार रू जुर्माना एवं दो वर्ष की सजा का प्रावधान है। अवैध रूप से नलकूप खनन करने वालों पर कार्यवाही के साथ ही जहां पेयजल हेतु अत्यावश्यक हुवा वहांं नलकूप खनन की अनुमति भी जारी की गई है। अब तक जिले भर में 78 व्यक्तियों को पेयजल हेतु एवं 52 व्यक्तियों को गन्ना की फसल लगाने हेतु नलकूप खनन की अनुमति दी गई।

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15 दिनों में निराकरण करने कलेक्टरी फरमान

दुर्ग, 25 अप्रैल। कलेक्टर ठाकुर रामसिंह ने जिले के सभी कार्यालय प्रमुखों को निर्देशित किया है कि जनप्रतिनिधियों से प्राप्त आवेदन पत्रों का निराकरण 15 दिनों में करें। अपने निर्देश में उन्होंने कहा कि मंत्रीगण एवं सांसद, विधायकों से प्राप्त आवेदन पत्रों का निराकरण कर संबंधित एवं जिला कार्यालय को अवगत कराने हेतु सीधे आपको भेजे जाते है, किन्तु आपके द्वारा निराकरण के संबंध मेंं कोई जानकारी नहीं दिया जाता है। इससे शासन को जानकारी भेजने में कठिनाई होती है। अत: सभी को निर्देशित किया जाता है कि मंत्रीगण एवं सांसद, विधायकों से प्राप्त आवेदन पत्रों का प्राथमिकता के आधार पर 15 दिवस के भीतर निराकरण किया जाकर इसकी सूचना संबंधित मंत्रीगण के निज सचिव, सांसद, विधायक के एवं जिला कार्यालय को भी भेजें।

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भूतपूर्व सैनिकों के लिए रोजगार

दुर्ग, 25 अप्रैल।  राज्य के भूतपूर्व सैनिकों एवं उनके आश्रितों के लिये स्व-रोजगार से संबंधित पाठ्यक्रमों के प्रशिक्षण संचालित करने के लिये वीनस कम्प्यूटर विपरीत आनंद नगर, जीई रोड रायपुर को अधिकृत किया गया है। जिला सैनिक कल्याण अधिकारी लेफिटनेंट कर्नल एसव्ही उत्तरवार से मिली जानकारी के अनुसार प्रशिक्षण केन्द्र में बेसिक कोर्स कम्प्यूटर साइंस एप्लीकेशन, बुक कीपिंग एवं एकाऊटेंसी व डेस्क टॉप पब्लिशिंग कोर्स चलाये जायेेंगे। कम्प्यूटर प्रशिक्षण के इच्छुक भूतपूर्व सैनिक अथवा उनके आश्रित 28 अप्रैल तक अपना आवेदन जिला सैनिक कल्याण कार्यालय दुर्ग में प्रस्तुत कर सकते है। साथ ही उक्त कार्यालय से इस संबंध में विस्तृत जानकारी प्राप्त की जा सकती है।

बिहार के लिए निकले दो लापता

भिलाई, 25 अप्रैल। बिहार के भोपालगंज जाने ट्रेन से रवाना हुए एचएससीएल के दो सेवानिवृत्त कर्मचारियों की लापता होने की खबर है। लापता रामचंद्र यादव (45) आदर्श नगर कैम्प-1 व उसके साथ लल्लन ठाकुर (42) रिसाली भिलाई का निवासी है। दोनों बुधवार को बिहार जाने के लिए दुर्ग-छपरा सारनाथ एक्सप्रेस से निकले थे। लेकिन वे अब तक न बिहार पहुंचे हैं और न ही उनका कुछ पता चल पाया है। दोनों सेवानिवृत्त कर्मियों के परिजनों द्वारा अपने स्तर पर खोजबीन की गई, किन्तु कोई सुराग नहीं मिल पाया। घबराए परिजनों ने दोनों की जीआरपी चरोदा में आज गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई।

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प्रशिक्षण के लिए आवेदन 30 तक आमंत्रित

दुर्ग, 25 अप्रैल। दुर्ग शहर के गरीब शिक्षित बेरोजगारों को विभिन्न टेक्नीकल, मेकेनीकल ट्रेडों में नि:शुल्क प्रशिक्षण दिया जावेगा। इसके लिए महापौर डां. शिवकुमार तमेर ने विभागीय अधिकारी को जल्द से जल्द प्रक्रिया पूरा हितग्राहियों को लाभ प्रदान करने निर्देश दिया है। जिसके अंतर्गत प्रशिक्षण के लिए 30 अप्रैल तक इच्छुक आवेदन अपना नगर निगम के योजना शाखा में अहमद अली के पास तथा कलेक्ट्रेट परिसर दुर्ग में संतोष कसार के पास जमा कर सकते है। भारत सरकार आवास एवं शहरी गरीबी उपशमन मंत्रालय नई दिल्ली द्वारा शहरी गरीबों को स्वरोजगार व रोजगार में कौशल प्राप्त करने नगरीय क्षेत्रों में निवासरत शहरी गरीब मध्यम परिवार के युवाओं, महिलाओं, युवतियों को औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थाओं(आई.टी.आई.) में विभिन्न टेक्नीकल, मेकेनीकल ट्रेडों में नि:शुल्क प्रशिक्षण देने योजना बनायी गयी है। प्रशिक्षण में बेसिंक आटोमोटिव सर्विसिंग 4 व्हीलर, बेसिंग, इलेक्ट्रीक्लस वर्क, हाउस वायरिंग, बेसिंक वेल्डिंग गैस, विल्डिग गृह, फिटिंग वक्र्स, कम्प्यूटर हार्डवेयर, कम्प्यूटर नेटवर्क, कम्प्यूटर बेसिंग एम.एस. आफिस, इंटरनेट, टेली कम्प्यूटर, वेब डिजाईनिंग, आर्किटेक्टुअल एवं सिविल 2 डी ड्राफटींग आटोकेट में हितग्राहियों को प्रशिक्षित किया जावेगा। महापौर डां. तमेर ने इस संबंध में कहा हर व्यक्ति का सामाजिक, व्यक्तित्व विकास उसके ज्ञान और विवेक से जुड़ा हुआ होता है। गरीब व मध्यम वर्गीय शिक्षित लोगों को सही मार्गदर्शन नहीं मिलने के कारण रास्ते से भटक जाते है परंतु शासन ने ऐसे लोगों को समद्व व सामाजिक , आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के लिए स्वर्ण जयंती स्वरोजगार योजना एवं कुशाभाऊ ठाकरे युवाजन विकास योजना प्रारंभ किया है। जिसमें इच्छुक गरीब हितग्राहियों को नि:शुल्क प्रशिक्षण दिया जावेगा। जनता से अपील है कि अधिक से अधिक योजना का लाभ प्रदान करने प्रशिक्षण प्राप्त करने अपने अपना आवेदन निगम के योजना शाखा में अवश्य जमा करें। योजना का लाभ के अंतर्गत आवेदन करने वाले हितग्राही की उम्र 18 वर्ष से कम नहीं होना चाहिए। उसकी शैक्षिणक योग्यता 5 वीं, 8 वीं, तथा 10 वीं उत्तीर्ण होना अनिवार्य है।

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मिनीडोर ने दुपहिया को ठोका

पिता-पुत्री की मौत, महिला गंभीर

दुर्ग, 25 अप्रैल। बेरला थानांतर्गत ग्राम कुम्हीमोड़ में शनिवार की शाम एक सड़क हादसे में जहां पिता-पुत्री की दर्दनाक मौत हो गई, वहीं मृतक की पत्नी गंभीर रूप से घायल हो गई। घायल महिला को उपचारार्थ सेक्टर-9 अस्पताल में दाखिल करवाया गया है। जहां उसकी हालत चिंताजनक बनी हुई है। हादसे में मौत का शिकार हुए रोहित कुमार साहू बेरला थानांतर्गत ग्राम पतोरा का निवासी था। हादसे में उसकी तीन वर्षीय पुत्री कु. लक्ष्मी साहू को भी जान गंवानी पड़ी। घायल पत्नी का नाम कुंती साहू बताया गया है। यह हादसा शनिवार की शाम तब सामने आया जब साहू दम्पत्ति बीरगांव से मोटरसाइकल पर ग्राम खर्रा के लिए रवाना हुए थे। लेकिन खर्रा पहुंचने से पूर्व ही बेरला थानांतर्गत ग्राम कुम्हीमोड़ पर एक अनियंत्रित मिनीडोर ने मोटर सायकल को जबरदस्त ठोकर मार दी। मृतक रोहित कुमार साहू ग्राम बीरगांव में एक प्रायवेट फैक्ट्री में काम करता था। एक ही परिवार के पिता-पुत्री की मौत व पत्नी की हालत अस्पताल में चिंताजनक होने से गांव में शोक का माहौल है। घटना की खबर से बेरला पुलिस फौरन मौके पर पहुंची। पुलिस ने हादसे के लिए दोषी मिनीडोर के चालक को गिरफ्तार कर वाहन अपने कब्जे में ले लिया है। पुलिस के अनुसार इस हृदय विदारक घटना के पीछे मिनीडोर वाहन की लापरवाही है। मिनी जानकारी के मुताबिक, बेरला थाना के ग्राम पतोरा निवासी रोहित कुमार साहू शनिवार को अपनी पत्नी कुंती साहू व पुत्री कु. लक्ष्मी साहू के साथ मोटर सायकल से अपने मामा के गांव बीरगांव  गया हुआ था। वहां मामा के परिवार से मुलाकात कर रोहित सपरिवार शाम को अपने दूसरे मामा के गांव खर्रा जाने के लिए निकला। लेकिन ग्राम खर्रा पहुंचने से पूर्व बेरला थानांतर्गत ग्राम कुम्हीमोड़ पर एक अनियंत्रित मिनीडोर ने मोटर सायकल को ठोकर मार दी। हादसे में पति-पत्नी व बच्चे को गम्भीर चोंटे आई। तीनों को अस्पताल लाया जा रहा था, इसी दौरान पुत्री कु. लक्ष्मी साहू ने रास्ते में दम तोड़ दिया। जबकि पिता रोहित कुमार साहू की बेरला अस्पताल में मौत हो गई। मृतक रोहित साहू की पत्नी को सेक्टर-9 अस्पताल में भर्ती कराया गया है। चिकित्सकों के अनुसार, कुंती की हालत नाजुक बनी हुई है। बेरला पुलिस ने मर्ग कायम कर मामले को जांच में लिया है।

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पंचों में मारपीट

दुर्ग, 25 अप्रैल। पुलगांव थानांतर्गत ग्राम पीसेगांव के दो पंच शनिवार की शाम आपस में भिड़ गए। मारपीट में एक पंच को चोंटे भी आई। पंच दुखहरण देशमुख (22) की रिपोर्ट पर आरोपी पंच विदेशी देशमुख और उसकी पत्नी के विरूद्ध धारा 448, 294, 506, 323 व 34 के तहत अपराध दर्ज किया गया है। मारपीट की वजह पंचों के बीच आपसी विवाद को बताया गया है। पुलिस के मुताबिक, दुखहरण देशमुख और विदेशी देशमुख ग्राम पीसेगांव के पंच हैं। दोनों के बीच गांव में फर्शीकरण को लेकर विवाद हुआ था। विवाद यह था कि एक पंच ने फर्श को अन्य स्थान पर लगवा दिया था। लिहाजा दोनों के बीच शनिवार की शाम को जमकर मारपीट हो गई। जिसमें दुखहरण देशमुख को चोंटे भी आई।

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पारख ज्वेलर्स में टाप्स की चोरी
सीसी कैमरे में कैद हुई महिला की फुटेज


दुर्ग, 25 अप्रैल। जवाहर चौक स्थित पारख ज्वेलर्स की दुकान से एक महिला ने सोने के टाप्स पार कर दिए। चोरी गए टाप्स की कीमत 5500 रुपए बताई गई है। घटना की रिपोर्ट कोतवाली थाने में दर्ज कराई गई है। मामले का एक अहम् पहलू यह है कि पारख ज्वेलर्स में लगे सीसी कैमरे में आरोपी महिला की फुटेज कैद हो गई है। ज्वेलर्स के संचालक जसराज पारख के मुताबिक, संभवत: महिला भूलवश टाप्स अपने साथ ले गई। उन्होंने कहा कि यदि उक्त महिला चुपचाप टाप्स लाकर दे देती है तो उसका नाम-पता उजागर नहीं किया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों भिलाई में भी इसी तरह की चोरी की वारदात हुई थी। उस वक्त भी एक महिला की फुटेज सीसी कैमरे में कैद हो गई थी। टीवी चैनलों में फुटेज दिखाए जाने और अखबारों में तस्वीरें छपने के बाद आरोपी महिला ने खुद ही चोरी किए गहने वापस लौटा दिए थे। बताया जाता है कि पारख ज्वेलर्स में 23 अप्रैल को शाम 7 से 8 बजे के बीच पहुंची एक महिला ने काउंटर में रखे स्टाक बाक्स से तीन-चार ग्राम के सोने के टाप्स पार कर दिए। दुकान में लगे सीसी कैमरे से चोरी की इस घटना का खुलासा हुआ। जिसके बाद अगले दिन 24 अप्रैल को कोतवाली थाने में मामले की रिपोर्ट दर्ज करवाई गई। पारख ज्वेलर्स के संचालक जसराज पारख ने बताया कि महिला संभवत: भूलवश सोने के टाप्स अपने साथ ले गई है। उन्होंने कहा कि उनके पास घटना से संबंधित वीडियो मौजूद है, किंतु उक्त महिला और उसके परिवार की बदनामी न हो, इसलिए वे इसे सार्वजनिक नहीं कर रहे हैं। यदि उक्त महिला सोने के टाप्स चुपचाप वापस लौटा दे तो बदनामी और चोरी के आरोप से बच सकती है। अन्यथा फिर पुलिस अपना काम करेगी। फिलहाल कोतवाली थाने में भादवि की धारा 380 के तहत मामला पंजीबद्ध किया गया है। पुलिस विवेचना जारी है।

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युवती से छेड़छाड़

दुर्ग, 25 अप्रैल। जेवरा सिरसा पुलिस चौंकी अंतर्गत ग्राम समोदा में शनिवार की दोपहर एक युवती छेड़छाड़ का शिकार हो गई। युवक ने बुरी नीयत से युवती का हाथ पकड़ लिया, लेकिन युवती के शोर शराबा मचाने के बाद युवक फरार हो गया। युवती की शिकायत पर पुलगांव पुलिस ने आज आरोपी उत्तम जाटवार के खिलाफ धारा 354 के तहत अपराध दर्ज किया है। आरोपी भी ग्राम समोदा का ही निवासी है। फिलहाल आरोपी पुलिस गिरफ्त से बाहर है। पुलिस ने मामले को गम्भीरता से लिया है। लिहाजा पुलिस आरोपी की सरगर्मी से तलाश कर रही है।
पुलिस के मुताबिक, ग्राम समोदा की 25 वर्षीय युवती सिलाई कढ़ाई का काम करती है। शनिवार की दोपहर वह घर में अकेली बैठकर सिलाई-कढ़ाई में व्यस्त थी। इसका फायदा उठाते हुए आरोपी उत्तम जाटवार बलात् युवती के घर में घुस गया और अपने नापाक इरादों को अंजाम देने के लिए युवती से छेड़छाड़ करने लगा। इस अप्रत्याशित घटना से पहले तो युवती कुछ समझ नहीं पाई किन्तु बाद में उसने शोर मचाना शुरू कर दिया। युवती द्वारा शोर मचाए जाने के बाद आरोपी भाग खड़ा हुआ। परिजनों के साथ आज पीडि़त युवती थाना पहुंची और घटना की रिपोर्ट दर्ज करवाई।

फिंगर एक्सपर्ट व डॉग स्क्वाड ने जुटाए सुराग

भिलाई, 25 अप्रैल। हाऊसिंग बोर्ड कालोनी निवासी ट्रांसपोटर परमजीत सिंह भोगल और उसके भतीजे कुलदीप सिंह भोगल के निवास में शुक्रवार की दोपहर 15 लाख रुपए के सोने-चांदी के जेवरात और नगदी रकम चोरी के मामले में दो दिन बाद भी आरोपियों का कोई सुराग नहीं मिल पाया हैं। वारदात स्थल से फिंगर प्रिंट एक्सपर्ट व डॉग स्क्वाड के अधिकारियों ने कुछ सुराग जुटाए हैं, जो आरोपियों तक पहुंचने अहम् कड़ी साबित हो सकते हैं। रायपुर के फिंगर प्रिंट एक्सपर्ट श्री जैन को कुलदीप सिंह भोगल के आवास से पतली उंगलियों के निशान मिले हैं। जिसके आधार पर श्री जैन यह कहने की स्थिति में हैं कि वारदात में महिला या छोटे बच्चे भी शामिल हो सकते हैं। यह बात सामने आने से जांच अधिकारी इस दिशा में भी हाथ पैर मार रहे हैं। वहीं खोजी कुत्तों का दल घटनास्थल से एमपी क्रिश्चियन कालेज के हास्टल तक गया था। खोजी कुत्ते हास्टल के अंदर भी पहुंचा। लेकिन कुछ देर बार वह हास्टल के मुख्य द्वार पर स्थित एटीएम के पास रूक गया और वहां से वापस लौट आया। खोजी कुत्ते के इस रवैय्ये के आधार पर पुलिस अनुमान लगा रहा है कि संभवत: आरोपी हास्टल के भीतर तक गया होगा और उसने एटीएम का भी उपयोग किया। आरोपियों के जो फिंगर प्रिंट कुलदीप सिंह भोगल के घर से मिले हैं, वह परमजीत सिंह भोगल के घर पर नहीं थे। इससे आरोपियों की संख्या ज्यादा होने का अनुमान है और आरोपी दो गुटों में बंटकर चोरी की घटना को अंजाम दे रहे थे।
उल्लेखनीय है कि ट्रांसोपोटर परमजीत सिंह भोगल व कुलदीप सिंह भोगल का घर हाऊसिंग बोर्ड में आजू-बाजू में स्थित हैं। शुक्रवार को भोगल परिवार के एक सदस्य का तिलक समारोह रायपुर में आयोजित था। लिहाजा परमजीत व कुलदीप सपरिवार रायपुर गए हुए थे। दोनों का आवास सूना था। जिसका फायदा उठाते हुए अज्ञात चोरों ने चोरी की वारदात को इत्मिनान से अंजाम दी। वारदात के दौरान चोर करीब 15 लाख कीमत के सोने-चांदी के जेवरात व नगदी रकम पर हाथ साफ कर गए। बताया गया है चोरी के लिए आरोपियों ने बाउंड्रीवाल को लांघकर मेनगेट के ताले तोड़े। फिर घरों में घुसकर तीन अलमारियों के ताले तोड़कर चोरों ने लाखों की संपत्ति पर हाथ साफ किया। लाखों की संपत्ति में तीन लाख रुपए नगद शामिल हैं। घटना की जानकारी भोगल परिवार को शुक्रवार की दोपहर 3.30 बजे रायपुर से वापस लौटने पर हुई। परमजीत के घर से करीब 7 लाख का और कुलदीप के घर से 5 लाख का सोना और चांदी तथा दोनों के घरों से करीब 3 लाख की नगदी चोरी गई हैं। घटना की खबर से पुलिस महकमें में हड़कंप मच गया था। चोरों के संबंध में सुराग जुटाने खोजी कुत्ते व फींगरप्रिंट एक्सपर्ट की मदद ली गई। लेकिन इसका कोई खास लाभ पुलिस को नहीं मिल पाया।
दो संदिग्ध युवक पकड़ाए
हाउसिंग बोर्ड कालोनी में दिनदहाड़े दो घरों में एक साथ चोरी की घटना से क्षेत्र के लोग चौकस हो गए हैं। लोगों की जागरूकता का ही परिणाम है कि आज दोपहर हाउसिंग बोर्ड, चर्च रोड़ स्थित प्रताप सिंह के घर में संदिग्ध रूप से पकड़े गए दो युवकों की क्षेत्र के लोगों ने जमकर पिटाई कर जामुल पुलिस के हवाले कर दिया। बताया गया है कि प्रताप सिंह के घर की छत में एक युवक बैठा था, जबकि दूसरा युवक घर के सामने बाइक में सवार होकर खड़ा था। इससे क्षेत्र के लोगों का माथा ठनका और युवकों को पकडऩे की कुछ लोगों ने योजना बनाई। क्षेत्र के लोग भीड़ की शक्ल में जब मौके पर पहुंचे तो दोनों युवकों ने उन्हें देखकर भागने का प्रयास किया। लेकिन क्षेत्र के लोगों ने दोनों को दौड़ाकर पकड़ लिया और जमकर पिटाई की। बाद में उन्हें जामुल थाना के हवाले किया गया। माना जा रहा है कि पकड़े गए युवकों का हाथ परमजीत सिंह व कुलदीप सिंह के यहां हुई चोरी की वारदात में हो सकता है। हालांकि फिलहाल पुलिसिया पूछताछ जारी होने की वजह से कुछ भी स्पष्ट नहीं हो पाया है।

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शनिवार, 24 अप्रैल 2010

हत्या मामले में सजा काट रहे बंदी की मौत

दुर्ग, 24 अप्रैल। उपचार के लिए भर्ती कराए गए बेमेतरा उपजेल के एक बंदी की आज तड़के राजधानी रायपुर स्थित अंबेडकर अस्पताल में मौत हो गई। पुलिस ने मर्ग कायम कर शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।
जानकारी के अनुसार बेमेतरा उपजेल में अकल सिंह पिता पंडारु बैगा 45 वर्ष निवासी ग्राम खांदापाल जिला कबीरधाम हत्या के एक मामले में सजा काट रहा था। बताया जाता है कि अकल सिंह को दिल से संबंधित बीमारी थी। इसके अलावा उसे हाई ब्लड प्रेशर की भी शिकायत थी। बताया जाता है कि 19 अपै्रल की रात उसकी तबियत अचानक बिगड़ी और उसे 20 अपै्रल की सुबह प्राथमिक उपचार के पश्चात सीधे जिला अस्पताल दुर्ग लाया गया। यहां स्थिति में सुधार होता ना देख चिकित्सकों ने उसे अम्बेडकर अस्पताल रायपुर रिफर कर दिया। 21 अपै्रल को उसे अम्बेडकर अस्पताल में भर्ती कराया गया और आज तड़के उसकी मौत हो गई। आशंका व्यक्त की जा रही है कि  हाईब्लड प्रेशर व दिल का दौरान पडऩे के कारण ही उसकी मौत हो गई होगी। बहरहाल उसके मौत का कारण पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही मिल पाएगा। अस्पताल चौकी पुलिस ने मर्ग कायम कर शव पोस्टमार्टम हेतु भेज दिया है। वहीं उसके परिजनों को भी सूचना दे दी गई है।

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रूआबांधा में विधायक का सघन जनसंपर्क

दुर्ग, 24 अप्रैल। रूआबांधा बस्ती एवं रूआबांधा सेक्टर में सघन जनसंपर्क अभियान की शुरूवात आज की गई। विधायक दुर्ग ग्रामीण द्वारा क्षेत्र कि समस्याओं के संबंध में संबंधित अधिकारियों को पेयजल समस्या, सफाई व्यवस्था एवं सड़क सिमेन्टीकरण के संबंध में रिसाली जोने के कार्यपालन अधिकारी एसके ताम्रकार, अखिलेश चन्द्राकर, सब इंजीनियर, स्वच्छता निरीक्षक व्हीके सेमुअल के साथ रूआबांधा बस्ती एवं रूआबाधा सेक्टर का भ्रमण किया गया भ्रमण के द्वारा क्षेत्र की जनताओं से विधायक द्वारा रूबरू हो कर समस्याओं के संबंध में जानकारी प्राप्त की गई एवं संबंधित अधिकारियों को तत्काल कार्य कराने के निर्देश भी दिये गये तथा कुछ कार्यो में विधायक द्वारा असंतोष जाहिर किया गया ऐसे कार्यो को तत्काल सुधार करने के भी निर्देश दिये गये। रूआबांधा बस्ती में पेयजल संकट को देखते हुए अधिकारियों को प्रतिदिन टेंकर व्यवस्था से पेयजल उपलब्ध कराने के निर्देश दिये गये। रूआबांधा जनसम्र्पक अभियान के अंतर्गत क्षेत्र के वरिष्ठ नागरिक रूपा रजक पार्षद रूआबांधा, राजेन्द्र रजक, राजेन्द्र यादव, राजकुमार देशमुख, अजय गुप्ता, पारसनाथ भुआर्य, दशरथ साहू, गिरधारी, बाबू लाल साहू, सुरेन्द्र यादव, दीपक चौहान, पिन्टु साव, अभय जैन, दीपक चौहान एवं सैकड़ों कार्यकत्र्ता जनसंपर्क अभियान में शामिल हुए।

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मंत्री, सांसद, विधायकों से प्राप्त आवेदन पत्रों का निराकरण 15 दिन में  

दुर्ग, 24 अप्रैल। कलेक्टर ठाकुर रामसिंह ने जिले के सभी कार्यालय प्रमुखों  को निर्देशित  किया है कि जनप्रतिनिधियों से प्राप्त आवेदन पत्रों का निराकरण 15 दिनों में करें। अपने निर्देश में उन्होंने कहा कि मंत्रीगण एवं सांसद, विधायकों से प्राप्त आवेदन पत्रों का निराकरण कर संबंधित एवं जिला कार्यालय को अवगत कराने हेतु  सीधे आपको भेजे जाते हैं,किन्तु आपके द्वारा निराकरण के संबंध में कोई जानकारी नहीं दिया जाता। इससे शासन को जानकारी भेजने में कठिनाई होती है। अत: सभी को निर्देशित किया जाता है कि मंत्रीगण एवं सांसद, विधायकों से प्राप्त आवेदन पत्रों का प्राथमिकता के आधार पर 15 दिवस के भीतर निराकरण किया जाकर इसकी सूचना संबंधित आवेदक तथा संबंधित मंत्रीगण के निज सचिव, सांसद, विधायक को एवं जिला कार्यालय को भी भेजना सुनिश्चित करें।

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मुख्यमंत्री की घोषणाओं पर काम प्रारंभ

दुर्ग, 24 अप्रैल। मुख्यमंत्री की घोषणाओं पर काम प्रारंभ हो जाने से ग्रामीणों में हर्ष का वातावरण देखने को मिल रहा है। बेमेतरा विकासखंड के मटका गांव में राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना में तालाब गहरीकरण का कार्य प्रारंभ हो गया है। इससे प्रतिदिन 325 ग्रामीणों को रोजगार मिल रहा है। जिला पंचायत द्वारा इसके लिए लगभग 10 लाख रूपये की स्वीकृति दी गई है।
उल्लेखनीय है कि ग्राम सुराज अभियान के दौरान मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह 16 अप्रैल को बेमेतरा विकासखंड के गांव मटका में अचानक पहुंचे थे। वहां ग्रामीणों ने मुख्य रूप से तालाब गहरीकरण की मांग की थी तथा ग्रामीणों को रोजगार दिलाने के लिए मांग की थी। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना मेंं तालाब गहरीकरण का कार्य प्रारंभ करने की घोषणा की थी।मुख्यमंत्री की घोषणा पर जिला प्रशासन ने तत्काल अमल किया तथा कलेक्टर ठाकुर रामसिंह की पहल पर दूसरे ही दिन 17 अप्रैल से तालाब गहरीकरण का कार्य प्रारंभ कर दिया गया।
मुख्यमंत्री की घोषणा पर तुरंत काम प्रारंभ होने से ग्रामीणों में आश्चर्य मिश्रित हर्ष देखा गया। ग्रामीणों को रोजगार का काम मिल गया है वहीं तालाब गहरीकरण से निस्तारी पानी की समस्या हल हो रही है। इसी तरह मटका गांव में की गई अन्य घोषणाओंं के क्रियान्वयन की कार्यवाही प्रारंभ कर दी गई है। गांव के दो वार्डों में गली कांक्रीटीकरण के लिए तीन- तीन लाख की स्वीकृति दे दी गई है तथा कार्य शीघ्र प्रारंभ करने के निर्देश दिये गये हैं। स्कूल के फेसिंग का कार्य शुरू किया जा रहा है तथा खेल मैदान बनाने के लिए भूमि समतलीकरण का कार्य प्रारंभ करने के लिए कहा गया है। इसके लिए लगभग 5 लाख रूपये स्वीकृत किये गये हैं।
गांव के निस्तारी तालाब में बोरिंग पम्प से पानी की व्यवस्था की ग्रामीणों की मांग को भी पूरा किया जा रहा है। इसके लिए 2 पॉवर पम्प एक स्कूल में तथा एक तालाब में लगाने की कार्यवाही प्रारंभ कर दी गई है। स्कूल और आंगनबाड़ी भवन में शौचालय निर्माण करने के निर्देश लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग को दिया गया है। मटका से बीजाभाठ पुरानी सड़क के मरम्मत कार्य के लिए एस्टीमेट बनाने तथा सड़क मरम्मत का कार्य प्रारंभ करने के निर्देश कलेक्टर ठाकुर रामसिंह द्वारा लोक निर्माण विभाग के कार्यपालन यंत्री को दिया गया है। यह कार्य भी शीघ्र प्रारंभ कर दिया जायेगा।
गांव की बुनियादी सुविधाओं के लिए ग्रामीणों द्वारा की गई सभी मांगों को प्रारंभ किये जाने तथा मुख्यमंत्री की घोषणाओं के अनुरूप कार्य होने से मटका के ग्रामवासी काफी प्रसन्न हैं तथा मुख्यमंत्री तथा उनके ग्राम सुराज अभियान की तारीफ कर रहे हैं। वे उन क्षणों से अभिभूत हैं जब मुख्यमंत्री उनके गांव में अचानक हेलीकॉप्टर से उतरे और उनकी आशायें फलीभूत होने लगी।

पुलिस कर्मचारियों को 15 दिनों का विशेष प्रशिक्षण

दुर्ग, 24 अप्रैल। पुलिस महानिरीक्षक दुर्ग रेंज मुकेश गुप्ता एवं सहायक पुलिस महानिरीक्षक अरूण देव गौतम के निर्देशन एवं एसपी दीपांशु काबरा के मार्गदर्शन में रक्षित निरीक्षक एमएस चंद्रा एवं सूबेदार निलेश द्विवेदी की देखरेख में पुलिस लाईन में उन कर्मचारियों को 15 दिन का विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है, जो बुनियादी प्रशिक्षण में किसी विषय में उत्तीर्ण नहीं हो पाए थे। प्रशिक्षण में सुबह पीटी परेड के पश्चात काूनन क्लास, आम्र्स एम्युनेशन एवं फिल्ड क्राफ्ट के प्रशिक्षण के साथ-साथ वरिष्ठ वैज्ञानिक अधिकारी बीपी मैथिल तथा पुलिस विज्ञान निरीक्षक अंगुल चिन्ह विशेष एसके जैन द्वारा विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

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उद्यमिता विकास पर जोर दे-पांडेय

दुर्ग, 24 अप्रैल। कृषि विज्ञान केंद्र दुर्ग द्वारा नाबार्ड दुर्ग के सहयोग से जिले के विभिन्न विकासखंडों में कार्यरत स्व-सहायता समूह के सदस्यों को सोयाबीन उत्पादों के उद्यमिता के प्रति जागरुकता विषय पर एक दिवसीय महिला कृषक प्रशिक्षण संपन्न हुई।
मुख्य अतिथि प्रोफेसर एसपी पांडेय, कुलपति, इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर ने स्व सहायता समूहों के सदस्यों से आव्हान किया की कृषि के सुदृढ़ीकरण हेतु फसलोत्पादन साथ-साथ अन्य विधाओं को अपनाना आज की आवश्यकता है। अपने एकल व्यवसाय के अपेक्षा सामूहिक रुप से स्व सहायता समूह द्वारा उद्यमिता विकास की बात पर जोर दिया। डा. पांडेय ने सोयाबीन के उत्पादन बढ़ाने के साथ-साथ वर्तमान में इसके उत्पादों के प्रति कम रुझान को परिवर्तित कर तेल के अतिरिक्त प्रोटीन के स्रोत के रुप में उपयोग बढ़ाने की सलाह दी। आपने कृषि विज्ञान केंद्र, दुर्ग के कार्यक्रम समन्वयक डा. आरयू खान को उद्यमिता विकास के प्रशिक्षण ग्रामीण पर आयोजित करने की कार्ययोजना का क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के दिशा-निर्देश दिए।
डा. आरपीएस सेंगर, निदेशक विस्तार, इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर ने ग्राम सुराज अभियान 2010 में समुचित रुप से समावेश कर प्रदेश में कृषि के उन्नति के दिशा में बहुत ही उपयोगी होने की आशा व्यक्त की। विशेष अतिथि फूलबासन यादव, ने कहा कि उदबोधन में स्व सहायता समूहकी बहिनों से किसी भी उद्यमिता के लिए समुचित प्रशिक्षण के साथ-साथ स्वयं का दृढ़ निश्चय एवं दूर दृष्टि आवश्यक है।
दुर्ग जिले के स्व सहायता समूह को दिशा-निर्देशन देकर प्रगति केपथ पर ले जो का कार्य करने वाली नारी शक्ति सम्मान से सम्मानित शमशाद बेगम गुंडरदेही, डा. केसीपी सिंह, अधिष्ठाता, पशु चिकित्सा एवं पशु पालन अंजोरा, जिला पंचायत दुर्ग की उपाध्यक्ष संध्या भारद्वाज, जिला विकास प्रबंधक नाबार्ड दुर्ग, अल्पसंख्यक बचत सहकारी साख समिति मर्या. दुर्ग अध्यक्ष रउफ कुरैशी, इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के वरिष्ठ प्राध्यापक दुग्ध प्रौद्योगिकी एवं विशेष कर्तव्यस्थ, कृषि विज्ञान केंद्र दुर्ग के कार्यक्रम समन्वय डा. आरयू खान ने अपने विचार व्यक्त किए।

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साहू को भीम चेतना सम्मान

दुर्ग, 24 अप्रैल। सहगांव हाईस्कूल के प्राचार्य नारायण कुमार साहू को छग का सर्वोच्च राष्ट्रीय अलंकरण भीम चेतना सम्मान-2010 से सम्मानित किया गया। दलित साहित्य अकादमी की छग शाखा द्वारा आयेाजित तीसरे राष्ट्रीय महाधिवेशन धमतरी में श्री साहू को शिक्षा, साहित्य, महिला सशक्तिकरण, ग्राम विकास एवं समाज सेवा में किए गए उत्कृष्ट कार्यों के लिए प्रदान किया गया।

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नहीं मिला चोरों का सुराग

भिलाई, 24 अप्रैल। हाऊसिंग बोर्ड कालोनी निवासी ट्रांसपोटर परमजीत सिंह भोगल और उसके भतीजे कुलदीप सिंह भोगल के निवास में शुक्रवार की दोपहर 15 लाख रुपए के सोने-चांदी के जेवरात और नगदी रकम चोरी के मामले में आरोपियों का आज भी कोई सुराग नहीं मिल पाया हैं। हालांकि आरोपियों तक पहुंचने क्राइंम ब्रांच व जामुल पुलिस की टीम सिद्दत से हाथ-पांव मार रही हैं। लेकिन आरोपियों तक पहुंचने में उन्हे कोई सफलता नहीं मिल पाई हैं। पुलिस ने मामले में दो युवकों व घर की एक नौकरानी को संदेह के आधार पर हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही हैं। पुलिस ने मौके से एक मोटर सायकल भी बरामद की हैं। जानकारी के मुताबिक ट्रांसोपोटर परमजीत सिंह भोगल व कुलदीप सिंह भोगल का घर हाऊसिंग बोर्ड में आजू-बाजू में स्थित हैं। शुक्रवार को भोगल परिवार के एक सदस्य का तिलक समारोह रायपुर में आयोजित था। लिहाजा परमजीत व कुलदीप सपरिवार रायपुर गए हुए थे। दोनों का आवास सूना था। जिसका फायदा उठाते हुए अज्ञात चोरों ने चोरी की वारदात को इत्मिनान से अंजाम दी। वारदात के दौरान चोर करीब 15 लाख कीमत के सोने-चांदी के जेवरात व नगदी रकम पर हाथ साफ कर गए। बताया गया है चोरी के लिए आरोपियों ने बाउंड्रीवाल को लांघकर मेनगेट के ताले तोड़े। फिर घरों में घुसकर तीन अलमारियों के ताले तोड़कर चोरों ने लाखों की संपत्ति पर हाथ साफ किया। लाखों की संपत्ति में तीन लाख रुपए नगद शामिल हैं। घटना की जानकारी भोगल परिवार को शुक्रवार की दोपहर 3.30 बजे रायपुर से वापस लौटने पर हुई। परमजीत के घर से करीब 7 लाख का और कुलदीप के घर से 5 लाख का सोना और चांदी तथा दोनों के घरों से करीब 3 लाख की नगदी चोरी गई हैं। घटना की खबर से पुलिस महकमें में हड़कंप मच गया था। चोरों के संबंध में सुराग जुटाने खोजी कुत्ते व फींगरप्रिंट एक्सपर्ट की मदद ली गई। लेकिन इसका कोई खास लाभ पुलिस को नहीं मिल पाया। 
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सीआईएसएफ के प्रधान आरक्षक ने फांसी लगाकर की खुदकुशी

दुर्ग, 24 अप्रैल। उतई स्थित सीआईएसएफ आरटीसी के एक प्रधान आरक्षक ने बीती रात फांसी लगाकर
खुदकुशी कर ली। घटना की खबर सीआईएसएफ के जवानों को आज सुबह हुई। खबर से सीआईएसएफ के अधिकारी व जवान सकते में हैं।  सीआईएसएफ के प्रधान आरक्षक ने किन कारणों से खुदकुशी की फिलहाल इसका खुलासा नहीं हो पाया हैं। मौत पूर्व प्रधान आरक्षक ने कोई सुसायडल नोट भी नहीं छोड़ा हैं। जिससे उसकी खुदकुशी का कारण रहस्य बना हुआ हैं। मृत प्रधान आरक्षक देवेन्द्र 23 वर्ष पिता धरमवीर मूलत: हरियाणा जिला रोहतक के ग्राम माइना का निवासी था। देवेन्द्र की मौत की खबर परिजनों को दे दी गई हैं। आज सुबह दुर्ग मच्र्युरी में देवेन्द्र का पोष्टमार्टम किया गया। इस दौरान सीआईएसएफ के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे। उतई पुलिस ने मर्गकायम कर मामले को जांच में लिया हैं। पुलिस के मुताबिक सीआईएसएफ के प्रधान आरक्षक देवेन्द्र को अन्य जवानों ने आज सुबह रुम नं.9 के बैरक में फांसी पर झूलते हुए पाया। देवेन्द्र सिलिंग फैन के सहारे नायलोन की रस्सी से फांसी पर झूल गया था। माना जा रहा हैं कि देवेन्द्र ने बीती रात ही फांसी लगा ली थी। घटना की खबर सीआईएसएफ के जवानों को आज सुबह लगी। खुदकुशी का कारण अज्ञात हैं।

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ट्रक चालक ने की आत्महत्या

दुर्ग, 24 अप्रैल। जेवरा सिरसा पुलिस चौकी अंतर्गत ग्राम जेवरा निवासी रेवाराम साहू 43 वर्ष पिता भागीरथी
साहू ने आज सुबह फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। मृतक रेवाराम ट्रक का चालक था। उसके तीन बच्चे हैं। रेवाराम की खुदकुशी के पीछे छिपे कारणों का खुलासा नहीं हो पाया हैं। जेवरा सिरसा पुलिस ने मामले को जांच में लिया हैं।
पुलिस के मुताबिक रेवाराम साहू ने आज सुबह 9 से12 बजे के बीच उक्त आत्मघाती घटना को अंजाम दिया। बताया गया हैं वह सिलिंग फैन में चुनरी के सहारे फांसी पर झूल गया था। परिजनों को जब तक घटना की खबर हुई रेवाराम की सांसे थम चुकी थी।

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माल समेत पकड़ाया चोर

भिलाई, 24 अप्रैल। केम्प-2 चटाई कालोनी निवासी मोहम्मद मकतूद पिता हाजी मोहम्मद के घर पर मार्च माह में हुई हजारों रुपए की चोरी के मामले में क्राइंम ब्रांच की पुलिस ने आरोपी संजय मौर्य 23 वर्ष पिता फौजदार मौर्य शीतला काम्पलेक्स केम्प-2 निवासी को गिरफ्तार किया हैं। आरोपी से चोरी के 80 हजार के सोने-चांदी के जेवरात बरामद कर लिए गए हैं। आरोपी पानठेला चलाता हैं। पुलिस के मुताबिक आरोपी संजय मौर्य चोरी के उक्त सोने-चांदी के जेवरात को सरकुलर मार्केट में बेचने के फिराक में था। लेकिन वह अपने इरादों में कामयाब हो पाता, पुलिस ने उसे धरदबोचा।

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शुक्रवार, 23 अप्रैल 2010

अस्पताल में गोली चलने की वारदात अब तक सुराग नहीं

दुर्ग, 24 अप्रैल। गत दिनों दल्लीराजहरा मुख्य मार्ग पर स्थित संजीवनी अस्पताल में दो अज्ञात युवकों द्वारा गोली चलाए जाने की घटना से कई प्रश्र खड़े हो गए हैं। चर्चा इस बात की है कि ऐसा कौन सा कारण आन पड़ा कि युवकों द्वारा डाक्टर के चेम्बर में गोली चलानी पड़ी। राजहरा पुलिस भी इसी गुत्थी को सुलझाने में लगी है पर वस्तुस्थिति तभी स्पष्ट हो पाएगी जब वे हमलावर पुलिस की पकड़ में आएंगे। माना यह जा रहा है कि यहां इलाज में लापरवाही बरती जाती है। बहरहाल यह स्थिति सिर्फ संजीवनी अस्पताल की ही नहीं है कमोबेरा अन्य कुछ निजी अस्पतालों में भी कुछ इसी प्रकार की स्थिति है राजहर नगर में विशेषज्ञ डाक्टरों युक्त पूर्ण सुविधा युक्त अस्पताल नहीं होने के कारण मरीजों को इन अस्पतालों में इलाज करवाना पड़ रहा है।
नगर के अनेक लोगों से बातचीत करने पर उन्होंने कहा कि यहां के डाक्टर इलाज के नाम पर मरीजों को लूट रहे हैं अस्पताल खोल कर मरीजों को भरती करने का काम ज्यादा कर रहे हैं। सोचनीय बात यह है कि एक या दो डाक्टर के भरोसे दिन रात अस्पताल का संचालन कैसे किया जा रहा। यहां के अस्पताल में विशेषज्ञ डाक्टर तथा महिला डाक्टर की कमी है। जानकार सूत्र का कहना है कि इस प्रकार के अस्पताल या नर्सिंग होम चलाने के लिए बकायदा स्वास्थ्य विभाग से अनुमति लेनी होती है पर यहां किस नियम कायदे के तहत अस्पताल संचालित हो रहे हैं यदि इसकी जांच हो तो सही स्थिति का पता चल पाएगा।
प्राय: देखा यह जा रहा है कि अस्पताल संचालकों द्वारा मरीजों के इलाज की ओर कम तथा धनउपार्जन पर अधिक ध्यान दिया जा रहा है इसलिए कुछ ही वर्षों मेें डाक्टर लाखों की चल व अचल संपत्ति के मालिक बनते जा रहे हैं। लोगों का मानना है कि इस प्रकार अर्जित सम्पत्ति की जांच के दायरे में लाना चाहिए। शिकायत तो यह भी मिली है कि इस प्रकार के अस्पतालों में कम गुणवत्ता वाली दवाईयों को मरीजों के बीच अधिक खपाया जाता है तथा उनसे इसकी मनमानी कीमत वसूली की जाती है। मरीज जानते समझते हुए भी संकोचवश डाक्टर से जवाब सवाल नहीं कर पाता इस मजबूरी का फायदा यहां के अस्पताल संचालक उठा रहे हैं। 
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40 करोड़ की योजना हुई एक अरब की

भिलाई, २३ अप्रैल। भिलाई नगर निगम की महात्वाकांक्षी वृहद पेयजल योजना एक बार फिर अधर में लटक गई है। अब तक 67 वार्डों में से केवल 15 वार्ड तक ही पाईप लाइन का बिछाव हो पाया है। 40 करोड़ रुपयों से शुरू हुई यह योजना एक अरब पार कर गई है फिर भी इस वर्ष के बीत जाने तक इस योजना के पूर्ण होने के लक्षण दिखाई नही दे रहे है।
गौरतलब है कि नगर निगम एवं प्रदेश में भाजपा की सत्ता आने के बाद से यह कयास लगाए जा रहे थे कि वृहद पेयजल योजना निगम के चुनाव के पूर्व पूर्ण कर ली जाएगी। परंतु वैशाली नगर क्षेत्र से भाजपा का पराजित होना इस क्षेत्र के लोगों के लिए मानो अभिशाप बन गया हो। अब तक इस योजना के अंतर्गत केवल सुपेला क्षेत्र तक ही पाईप लाइन का बिछाव हो पाया है। आगे पाईप लाइन के लिए अधिकारियों को किसी प्रकार की दिशा-निर्देश नही दिए जा रहे है। दूसरी ओर निगम प्रशासन के कतिपय अधिकारियों द्वारा यह प्रचारित किया जा रहा है कि जिन नागरिकों को इस योजना के अंतर्गत नल कनेक्शन लेना हो वे निगम में 6000 रुपए जमा करावें एवं जो पुराने कनेक्शनधारी है वे 3500 रुपए जमा करके अपने कनेक्शन का नवीनीकरण करा सकते है। यह बात समझ से परे है कि जिन वार्डों में पाईप लाइन का बिछाव भी नही हो पाया है उनके भी नागरिकों से नए कनेक्शन हेतु शुल्क वसूला जा रहा है। नगर निगम के पार्षद भी इस संबंध में कोई सही जानकारी बताने में असमर्थ दिखाई दे रहे है। विश्वसनीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार निगम प्रशासन ने इस योजना पर से ध्यान हटा दिया है एवं अपने अधिकारियों को दूसरे कार्य पूर्ण करने के आदेश दिए है। यहां यह बताना भी गैर जरूरी नही है कि नगर निगम के चुनाव इस वर्ष के अंत तक संपन्न होने है। वृहद पेयजल योजना के अलावा नगर निगम द्वारा किया जा रहा गौरवपथ का निर्माण अभी अधूरा है। वैशाली नगर से औद्योगिक क्षेत्र जाने वाले श्रमिकों एवं उद्योगपतियों के लिए यह मार्ग परेशानी का सबब बन गया है। आधा-अधूरा निर्माण दुर्घटनाओं को न्यौता दे रहा है। नागरिकों का मानना है कि गौरवपथ का आधा-अधूरा निर्माण और वृहद पेयजल योजना का पूरा न होना कहीं आने वाले निगम चुनाव में सत्ताधीशों को हकीकत का आईना न दिखा दें।
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काहे का सुराज

दुर्ग, २३ अप्रैल। इस प्रतिनिधि ने जब एक अधिकारी से पूछा कि इस भीषण गर्मी में ग्राम सुराज अभियान चलने का क्या औचित्य है? तब उक्त अधिकारी का जवाब था कि इस समय गांव में खेती-किसानी का काम बंद रहता है, गांव वाले खाली रहते हैं, इस अभियान के तहत गांव में पहुंचने वाले अधिकारियों को अपनी समस्याएं बताने के लिए उपलब्ध रहते हैं।
वैसे तो गांवों में इतनी समस्याएं हैं कि कभी भी, किसी भी मौसम में वहां पहुंचे, समस्याओं से संबंधित ढेरों का आवेदन उनको मिल जाएंगे। जिला प्रशासन द्वारा प्रत्येक ब्लाक में जनसमस्या निवारण शिविर लगाए जाते हैं। इन शिविरों में जितना संभव हो सके, विभिन्न विभागों से संबंधित समस्याओं का निराकरण शिविर स्थल पर ही करने का प्रयास किया जाता है। दुर्ग जिले में सुुराज अभियान के कुछ समय पूर्व ही जनसमस्या निवारण शिविर लगाए गए थे, इसके बावजूद इस साल के सुराज अभियान के पहले चरण में हजारों समस्याएं आवेदन के रूप में अधिकारियों को सौंपी जा चुकी है। आवेदनों का ढेर ले लेने से सुराज नहीं आ जाएगा। उन समस्याओं का निराकरण भी करना पड़ेगा, जिनकी जानकारी अधिकारियों को ग्रामीणों से मिलती है। सुराज अभियान के पहले चरण में सुराज दल पांच दिनों में 920 ग्रामों में पहुंच चुका है। अधिकांश ग्रामों में दल को यह शिकायत मिली कि पूर्व के अभियानों में दिए गए आवेदनों का निराकरण अभी तक नहीं हो सका है। जिले के प्रभारी मंत्री हेमचंद यादव जब बेरला विकासखंड के ग्राम भिंभौरी में इस अभियान का निरीक्षण करने पहुंचे तो गांववालों ने पिछले साल उनके द्वारा की गई घोषणा के बारे में पूछताछ की।
उल्लेखनीय है कि गत वर्ष हेमचंद यादव ने भिंभौरी में एनीकट निर्माण का वायदा किया था। इसी प्रकार कुसुमकसा ग्राम पंचायत के निवासी भी अधिकारियों से बहुत नाराज हैं। वहां की ढेरों लंबित समस्याओं का समाधान अभी तक नहीं हो सका है। उल्लेखनीय है कि दो वर्षों पूर्व इसी नाराजगी के चलते सुराज अभियान के लोगों को गांव वालों ने बंधक बना लिया था। इस ग्राम पंचायत में स्वास्थ्य सुविधाओं का अभाव है। यहां के ग्रामीण 30 बिस्तर वाला अस्पताल स्थापित करने की मांग लम्बे समय से करते चले आ रहे हैं। पूर्व में 14 सूत्रीय मांग पत्र सुराज अभियान दल को सौंपा गया था, जिस पर कोई कार्यवाही अभी तक नहीं हुई है। बेमेतरा से लगभग 6 किलोमीटर दूर ग्राम सिरवाबांधा के लोगों ने गांव की मूलभूत समस्याओं का समाधान न होने से नाराज होकर वर्तमान में चल रहे सुराज अभियान के दूसरे दिन सुराज दल के लोगों को कुछ घंटों को बंधक बना लिया था। बाद में वरिष्ठ अधिकारियों ने वहां पहुंचकर दल के लोगों को बंधनमुक्त कराया था। इस पहले चरण में अनेक गांवों में सुराज दल को ग्रामीणों के विरोध का सामना करना पड़ा है। पाटन विकासखंड के ग्राम झींठ में जब पहले दिन प्रभारी मंत्री पहुंचे थे तो गांव वालों ने उनसे मुख्यमंत्री द्वारा पूर्व में घोषित 30 बिस्तर अस्पताल के बारे में याद दिलाया। जब मुख्यमंत्री की घोषणा पर अभी तक अमल नहीं हो सका है तो दिए गए आवेदनों के निराकरण क्या होगा?
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इतिहास को वर्तमान से जोडऩे का अनूठा प्रयास

भिलाई, २३ अप्रैल। नेलसन कालागृह ने सम्राट अशोक की आदकमद प्रतिमा निर्मित कर इस वीर पुरूष को इतिहास के   पन्नों से निकालकर उन्हें वर्तमान से जोडऩे का अनूठा प्रयास किया है। पदमश्री अलंकृत जे.एम.नेलसन के निर्देशन में बीते  दो माह में बनी यह प्रतिमा अब लोकापर्ण के इंतजार में है। 12 फीट उची यह प्रतिमा रामनगर आजाद चौक में स्थापित होनी है। स्थापना स्थल में फाऊंडेशन बनने के बाद  इस  खूबसूरत प्रतिमा को गंतव्य स्थल में रवाना किया जाएगा। फिलहाल इतिहास के इस अमर नायक की प्रतिमा नेलसन कालागृह में लोगों के आकर्षण का केंद्र बनी हुई है। देश में यह पहला मर्तबा है जब सम्राट अशोक की विशालकाय प्रतिमा बनाकर इतिहास के  इस अमर नायक को किताब के पन्नों से निकालकर वर्तमान से जोडऩे का अनूठा प्रयास किया गया है। स्थापना स्थल पर सम्राट अशोक नायक  के साथ 25  फीट उचां उनका विजयी  प्रतीक अशोक स्तंभ भी स्थापित किया जायेगा।
पदमश्री जे.एम. नेलसन ने कहा कि सत्ता व राजनीति से जुड़ी भारतीय संस्कृति जिन इतिहास पुरूषों की वजह से कालजयी  विश्व प्रसिद्ध  है। । सम्राट अशोक उन इतिहास पुरूषों की अग्रेणी पंक्ति में है। उनकी प्रतिमा सम्राट अशोक अकादमी के अध्यक्ष गुरू प्रसाद मौर्य की पहल पर बनाई गई है। श्री नेलसन ने बताया कि सम्राट अशोक का संपूर्ण जीवन उदम्य साहस पौरूष बल,और वीरता का प्रतीक है। हमारी चेतनाशील स्मृतियों में बसे वे इतिहास के ऐसे यशस्वी नायक है जिन्होंने अपने समय को अपनी उर्जावन उपस्थिति से सार्थक किया है वे अपने समय के एक ऐसे शासक और नेतृत्वकर्ता रहे जिनकी वीरगाथा ने अतीत के अध्याय को स्वर्णिम बनाया है। उनके सैन्य शासन काल की धरोहर अशोक स्तंभ आज हमारे राष्ट्र गौरव का प्रतीक है। सम्राट अशोक की दिव्य जीवंत प्रतिमा की स्थापना का सम्राट अशोक अकादमी का प्रयास निसंदेह प्रशसनीय है। मै इस विशेष अवसर पर अकादमी और इससे जुड़े कुशवाहा, मौर्य, मरार पटेल ज्योतबा फू ले  मेहता एवं समाज से जुड़े सभी वर्गो को बधाई देता हूँ। समाज के संगठित प्रयासों से छत्तीसगढ़ की नई पीढ़ी सम्राट अशोक की वीरगाथा से प्रेरित होकर नई दिशा पा सकेगी।

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मछली व्यवसायी की पिटाई के बाद जान से मारने की धमकी

दुर्ग, 23 अप्रैल। नयापारा देशी शराब भट्ठी के पास मछली बेचने वाले एक युवक की मामूली विवाद पर आरोपी लच्छू ढीमर 20 वर्ष पिता शांतिलाल सरस्वती नगर निवासी ने पिटाई कर दी। मारपीट के दौरान आरोपी ने पीडि़त के साथ गाली-गलौच करते हुए जान से मारने की धमकी भी दी। कोतवाली पुलिस ने आरोपी लच्छू के खिलाफ धारा 294,323 व 506 के तहत अपराध पंजीबद्ध किया हैं। आरोपी की फिलहाल गिरफ्तारी नहीं हो पाई हैं।
पुलिस के मुताबिक नयापारा केजू राईस मिल के पास रहने वाले भागवत ढीमर 22 वर्ष पिता शंकरलाल ढीमर मछली बेचने का काम करता हैं। आज सुबह वह मछली बेचने नयापारा स्थित देशी शराब भट्ठी के पास पहुंचा था और रोड किनारे दुकान लगाकर मछली बेच रहा था। तभी 10.15 बजे लच्छू ढीमर वहां आ धमका और भागवत ढीमर से जबरदस्ती विवाद पर उतारू हो उठा। जिस पर भागवत ने लच्छू के हरकतों पर विरोध दर्ज करवाया। लेकिन आरोपी लच्छू ने शांत होने के बजाय भागवत से गाली-गलौच करने लगा और उसकी पिटाई भी कर दी। मारपीट के बाद लच्छू ने भागवत को जान से मारने की भी धमकी दी। जिससे आहत भागवत ढीमर ने आज सुबह कोतवाली थाने पहुंचकर घटना की शिकायत दर्ज करवाई।

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अधिवक्ता को मेटाडोर ने ठोका

दुर्ग, 23 अप्रैल। अधिवक्ता विष्णु प्रसाद देवांगन 57 वर्ष गयानगर निवासी को एक अज्ञात मेटाडोर ने ठोकर मार दिया। हादसे में अधिवक्ता को चोंटे आई हैं। रिपोर्ट पर कोतवाली पुलिस ने अज्ञात मेटाडोर के लापरवाह चालक के खिलाफ धारा 279 व 337 के तहत अपराध दर्ज किया हैं।
पुलिस के मुताबिक अधिवक्ता विष्णु प्रसाद देवांगन 16 अप्रैल को 11 बजे घर से सायकल पर जिला न्यायालय आ रहा था। इस दौरान पटेल चौक में गंजपारा की ओर से आ रही एक अज्ञात मेटाडोर ने सायकल सवार अधिवक्ता को ठोकर मार दी। मेटाडोर की ठोकर से अधिवक्ता सायकल समेत गिर गया। हादसे में उसे चोंटे आई हैं। घटना के बाद अज्ञात मेटाडोर चालक वाहन समेत फरार हो गया। कोतवाली पुलिस ने मामला दर्ज कर मेटाडोर चालक की तलाश कर रही हंैं।

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इंश्योरेंस एजेंट की मोटर सायकल पार

दुर्ग, 23 अप्रैल। कसारीडीह आजाद  चौक गली नं.-4 निवासी प्रसन्ना अग्रवाल 33 वर्ष की मोटर सायकल चोरी चली गई। घटना पद्मनाभपुर स्थित एलआईसी आफिस के सामने की हैं। चोरी गए वाहन की कीमत 10 हजार रुपए आंकी गई हैं। कोतवाली पुलिस ने मामले में अज्ञात चोर के विरुद्ध धारा 379 के तहत अपराध दर्ज किया हैं।
पुलिस के मुताबिक कसारीडीह आजाद चौक निवासी प्रसन्ना अग्रवाल इंश्योरेंस का काम करता हैं। अपने काम के सिलसिले में वह 19 अप्रैल को दोपहर करीब 3 बजे हीरोहोण्डा पैशनप्लस मोटर सायकल क्र.सीजी 07 के 2563 से एलआईसी आफिस गया हुआ था। इस दौरान उसने अपनी मोटर सायकल एलआईसी आफिस के सामने खड़ी की थी। आफिस से काम निपटाकर वह कुछ देर बाद बाहर आया तो मोटरसायकल लापता मिली। प्रसन्ना ने पहले अपने स्तर पर मोटर सायकल की खोजबीन की। लेकिन मोटर सायकल का कुछ पता नहीं चलने पर उसने घटना की शिकायत कोतवाली थाने में की। मामले में कोतवाली पुलिस ने अज्ञात चोर के विरुद्ध अपराध दर्ज किया हैं।

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नवब्याहता की जलने से मौत

दुर्ग, 23 अप्रैल। नंदिनी थानांतर्गत ग्राम पथरिया में आज सुबह एक महिला की जलने से मौत हो गई। महिला ने खुदकुशी की या किसी हादसे का शिकार हो गई। फिलहाल इसका खुलासा नहीं हो पाया हैं। नंदिनी पुलिस ने मर्गकायम कर मामले को जांच में लिया हैं।
पुलिस के मुताबिक मृतका सुनीता बाई राऊत 25 वर्ष पति झरोखा राऊत ग्राम पथरिया की निवासी थी। बताया गया हैं कि आज सुबह सुनीता को परिजनों ने आग से घिरा पाया। आनन-फानन में परिजनों ने सुनीता के शरीर में लगी आग पर काबू पाया। जब तक सुनीता गंभीर रुप से झुलस चुकी थी। जिसे तत्काल जिला अस्पताल में उपचारार्थ भर्ती करवाया गया। चिकित्सक के मुताबिक सुनीता सौ फीसदी झुलस गई थी। करीब 8 बजे सुनीता ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। घटना के संबंध में परिजन भी कुछ प्रकाश नहीं डाल पा रहे हैं। नंदिनी पुलिस ने मामले की जांच शुरु कर दी हैं।

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डम्फर व टेम्पों में भिड़ंत: एक घायल

दुर्ग, 23 अप्रैल। केलाबाड़ी सुराना कालेज के पास टेम्पों व ट्रकडम्फर में भिड़ंत हो गई। हादसे में टेम्पों जहां बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया वहीं चालक को भी गंभीर चोंटे आई हंै। कोतवाली पुलिस ने मामले में दुलरवा राम कुर्रे 60 वर्ष पोटिया रोड कुंदरापारा निवासी की रिपोर्ट पर ट्रक डम्फर क्र. सीजी07 सी 6989 के अज्ञात चालक के विरुद्ध धारा 279 एवं 337 के तहत अपराध पंजीबद्ध किया हैं।
पुलिस के मुताबिक टेम्पों क्र.सीजी 07 जेड ए 1565 का चालक मन्नू धोबी डिपरापारा निवासी टेम्पों लेकर उतई रोड पर जा रहा था। वह सुराना कालेज के पास पहुंचा था इसी दौरान एक ट्रक डम्फर ने टेम्पों को जबरदस्त ठोकर मार दी। हादसे में टेम्पों का सामने का हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया। वहीं चालक को गंभीर चोंटे आने से जिला अस्पताल में भर्ती करवाया गया हैं। बताया गया हैं कि टेम्पों चालक मन्नू धोबी का बांया पैर फैक्चर हो गया हैं।

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