बुधवार, 5 मई 2010

दुर्ग पेयजल फेस-टू : नो गारंटी

दुर्ग, 05 मई। गर्मी का मौसम है, पानी की राजनीति का दौर है। पानी के बरखुरदार मंत्री, अपने जिले के प्रभारी मंत्री, अपने शहर के विधायक हेमचंद यादव हैं। पानी की व्यवस्था का साजो सामान तैयार कराने वाले मंत्री केदार कश्यप हैं। जाने-माने सांसद रहे बलीराम कश्यप के पुत्र और बस्तर के युवा तुर्क केदार कश्यप ने दुर्ग के आइडियल मेयर को खुले शब्दों में मगर प्यार से समझा दिया कि दुर्ग शहर की फेस-टू जल आवर्धन योजना की वे कोई समयवार गारंटी नहीं दे सकते।

शासन का लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग सही मायने में एक शासकीय ठेकेदार हैं जो मस्त हाथी की तरह अपने ही ढर्रे पर चलता है और अपने तरीके से ही काम करता है। इस विभाग पर किसी का कोई नियंत्रण नहीं है। दुर्ग शहर की फेस-टू योजना पिछले सात साल से अपना नगाड़ा बजा रही है, मगर अब तक इसका हाल-बेहाल ही है। सबसे पहले नगर निगम ने पी.एच.ई. के माध्यम से ही फेस-टू योजना बनवाने का निर्णय लिया। जिसके लिए पी.एच.ई. विभाग ने नगर निगम से डी.पी.आर. तैयार कर मांगा। नगर निगम ने कार्य में देरी का बहाना बनाकर पी.एच.ई. से कार्य वापस ले लिया और एक प्राइवेट एजेंसी से 15 लाख रुपए में डी.पी.आर. तैयार करवाया जो तकनीकी दृष्टि से काम नहीं आया।

भिलाई के मड़ोदा से पानी लाने की योजना नगर निगम द्वारा बनाई गई थी, जिसमें कांग्रेस ने रोड़ा अटकाते हुए सामान्य सभा में आपत्ति दर्ज कराई थी कि जब मड़ोदा से पानी दिया जा सकता है तो फिर भिलाई की योजना के लिए शिवनाथ नदी से लेकर दुर्ग शहर को चीरते हुए जल आवर्ध योजना क्यों क्रियान्वित की गई? और फिर आज दुर्ग शहर की फेस-टू योजना के लिए शिवनाथ की बजाय मड़ोदा से पानी लाने की बात किस आधार पर की ज रही है? सामान्य सभा में कांग्रेसियों की इस आपत्ति का नगर निगम के पास आज भी कोई जवाब नहीं है।

फेस-टू योजना को बगैर किसी ठोस आधार के लीप-पोत के शासन के सामने पटक दिया गया है ताकि नगर निगम के ऊपर कोई ऊंगली न उठे। अब पी.एचई विभाग ने भी वित्त विभाग से फाइनेंसियल सेक्शन की बात कहकर अपना पल्ला झाड़ लिया है। प्रेम प्रकाश पांडेय जैसे दमदार नेता अब मैदान से बाहर हैं, जो अपने क्षेत्र के ऐसे बड़े प्रोजेक्ट को पास कराने के साथ-साथ डंके की चोट पर फाइनेंसियल सेंक्सन भी दिलाया करते थे और पूरा काम कराया करते थे। ताराचंद साहू के पी.ए. से अहिवारा के विधायक बने डोमनलाल कोर्सेवाड़ा ने अपने विधानसभा क्षेत्र के लिए भी शिवनाथ का पानी मांगा है। उन्हें कौन बताए कि नंदिनी-अहिवारा क्षेत्र में सास-बहू तालाब के रूप में बीएसपी के विशाल पानी के समुद्र हैं, जहां से बी.एस.पी. रोज पानी फेंककर बहाता है। एक तरफ देवनारायण चंद्राकर और अजय वर्मा जैसे समझदार, कर्मठ पार्षद भी हैं जो जल विभाग की लुप्त हो चुकी नहरों को खुदवाकर नागरिकों और शहर का भला कर रहे हैं। दूसरी तरफ जल विभाग के ही हमारे मंत्री जी हैं जो अपने विभागों की नहरों और ठगड़ा जैसे महत्वपूर्ण बांध का सही और व्यवहारिक उपयोग किए जाने को भूले हुए हैं।

०००

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें