शनिवार, 15 मई 2010

टल गई अग्नि दुर्घटना

दुर्ग, 15 मई। बीती रात शिक्षक नगर हरनाबांधा दुर्ग क्षेत्र में एक बड़ी अग्नि दुर्घटना नागरिकों की सूझबूझ एवं नगर निगम दुर्ग के स्वास्थ्य अधिकारी बी.एल. केशरवानी की सक्रियता से टल गई। उल्लेखनीय हैं कि ग्रीष्म ऋतु के कारण तापमान में उल्लेखनीय वृद्धि हुई हैं। फलस्वरुप जल सकने वाली वस्तुएं पर्याप्त सूख गई हैं। शिक्षक नगर हरनाबांधा में नगर निगम दुर्ग के राधाकृष्णन गार्डन के एक छोर पर कचरे के ढेर में नारियल वृक्ष के एक सूखे, बेकार पड़े ठूंठ में किसी शरारती तत्व ने आग लगा दी। ठूंठ सूखा होने एवं रात्रिकालीन तेज हवा के कारण काफी तेजी से आग भभक उठा, जिसे पुलिस के रात्रिकालीन गश्तीदल ने देखकर गाड़ी रोकी और आसपास के नागरिकों को आगाह किया। जिस पर नगर निगम दुर्ग के रिटायर्ड वाहन चालक श्री शब्बीर एवं आसपास के नागरिकों ने पानी डालकर बुझाना प्रारंभ किया।
पुलिस गश्ती दल के चले जाने के बाद ठूंठ की आग और तेज हो गई तथा उसने साईड के लाईट पोल को भी अपनी चपेट में ले लिया था। स्थिति की गंभीरता को समझते हुए नागरिकों ने नगर निगम के अधिकारियों-कर्मचारियों एवं जलगृह विभाग की प्रभारी नीता जैन को घटना की जानकारी दी। जलगृह विभाग के लोगो के मोबाइल बंद होने के कारण वहां से कोई पहल नहीं हो पाई। मध्य रात्रि की स्थिति होने के कारण जलगृह प्रभारी नीता जैन भी मदद नहीं कर पाई। किंतु नगर निगम दुर्ग के स्वास्थ्य अधिकारी बी.एल. केशरवानी फोन पर सूचना पाते ही अकेले ही घर से निकलकर घटनास्थल पहुंचे और घंटों मशक्कत के बाद नागरिकों के सहयोग से आग पर काबू पाने और उसे बुझा पाने में सफल रहें।
स्वास्थ्य अधिकारी बी.एल. केशरवानी ने अपनी सूझबूझ से, नारियल के लंबे चौड़े जलते ठूंठ को, बिजली के खंबे के पोल क्षेत्र से अलग हटाया। नागरिकों के सहयोग से घन-कुल्हाड़ी की व्यवस्था कर स्वयं एवं नागरिकों के साथ जलते ठूंठ को काटा। उसके टुकड़े-टुकड़े किए एवं लोगों के घरों से पानी का इंतजाम कर आग को बुझा पाने में सफलता प्राप्त की। लगभग दो-ढाई घंटे की इस मेहनत में स्वास्थ्य अधिकारी बी.एल. केशरवानी ने, नगर निगम दुर्ग से कोई सहायता न मिल पाने के बाद भी अकेले मोर्चा संभाला, भरसक शारीरिक,मेहनत की और नागरिकों के सहयोग से एक बड़ी अग्नि दुर्घटना को टालने में सफल रहे। वे निगम के पुराने अनुभवी अधिकारी हैं तथा अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन वे हमेशा ही बखूबी करते रहे हैं। कल की घटना में भी अपने अनुभव का लाभ वे देने में सफल रहें।
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