गुरुवार, 13 मई 2010

शोषित हो रहे हैं बाल श्रमिक

दुर्ग, 13 मई। दुर्ग-भिलाई के अनेक होटलों में आज भी बालश्रमिकों से काम लिया जा रहा है इसके पूर्व श्रम आयुक्त ने विधिवत घोषणा कर यह निर्देश दिया था कि कोई भी होटल संचालक किसी भी बाल श्रमिक से काम नही लेगा एवं उसे इस आशय की सूचना बकायदा लिखित तौर पर होटल के सामने चस्पा करनी होगी कि हमारे संस्थान में कोई भी बालश्रमिक काम नही करता। इस आदेश की धज्जियां उड़ाते हुए अनेक होटल संचालकों द्वारा रात्रि 10 से 11 बजे तक बालश्रमिकों से काम लेकर न केवल उनके बचपन का शोषण किया जा रहा है बल्कि किसी नागरिक द्वारा शिकायत करने पर होटल मालिक द्वारा उसे ही चमकाया-धमकाया जाता है। स्थानीय प्रशासन का इस ओर ध्यान न देना अत्यंत ही चिंता का विषय है।

उल्लेखनीय है कि वर्ष भर पूर्व श्रम आयुक्त के कार्यालय से जारी निर्देशों में कहा गया था कि कोई भी होटल संचालक 14 वर्ष से कम के बच्चे से काम नही लेगा। किसी भी होटल में बालश्रमिक पाए जाने पर होटल का लाईसेंस रद्द करने एवं होटल मालिक के खिलाफ अपराधिक मामला दर्ज करने के आदेश दिए गए थे। इस आदेश का प्रभाव शुरूआत के दो-तीन महीनों में ही रहा उसके बाद होटल संचालक बेखौफ होकर बालश्रमिकों से काम ले रहे हैं। इतना ही नही छोटी-छोटी गलती पर उन्हें शारीरिक रूप से बूरी तरह प्रताडित किया जाता है। बालक द्वारा काम छोडऩे की बात कहने पर होटल मालिक द्वारा उसे पुलिस का भय दिखाया जाता है।

इस संबंध में जब बालक के माता-पिता से संपर्क किया जाता है तो वे गरीबी का बहाना बताकर अपने आपको असहाय महसूस करते है। कई स्थानों पर सरकारी प्रचार माध्यमों से यह बताने का प्रयास किया जाता है कि बालश्रमिकों से काम लेना अपराध है। इसके बाद भी श्रम कानूनों का कई होटल मालिक पूरी तरह उल्लंघन करते नजर आ रहे है। अनेक समाज सेवी संस्थानों द्वारा समय-समय पर इस संबंध में आवाज उठाई जाती है, परंतु पिछले छह महीनों से नगर के समाज सेवी संगठन एवं जनप्रतिनिधि रहस्यमय चुप्पी साधे हुए है। ऐसा लगता है कि वे होटल मालिकों का साथ देकर बालश्रमिकों से काम कराने के पक्ष में है। दुर्ग स्टेशन के सामने स्थित कई होटलों में देर रात तक बालश्रमिकों से काम लिया जाता है। बदले में उन्हें 30 रुपए प्रतिदिन एवं एक समय का भोजन नि:शुल्क दिया जाता है। इसी प्रकार जिलाधीश कार्यालय के सामने बने छोटे एवं बड़े होटलों में बालश्रमिकों से काम लेकर कानून को अगूंठा दिखाया जा रहा है। एक अन्य शिकायत के अनुसार सिनेमा कालोनी पॉवर हाऊस में संचालित एक पुराने होटल के स्वामी द्वारा बालश्रमिकों से काम लेकर उन्हें मानसिक एवं शारीरिक रूप से प्रताडित करने का मामला सामने आया है परंतु बालश्रमिकों के माता-पिता द्वारा इस संबंध में किसी प्रकार की रिपोर्ट नहीं लिखाने से मामला दबा दिया गया है।

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1 टिप्पणी:

  1. बालश्रमिकों से काम लेना अपराध है। इसके बाद भी श्रम कानूनों का कई होटल मालिक पूरी तरह उल्लंघन करते नजर आ रहे है

    inhe saja milni chahiye.....

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