मंगलवार, 4 मई 2010

पेयजल व निस्तारी की समस्या गम्भीर- केदार

दुर्ग, 04 मई। लोकस्वास्थ्य यांत्रिकीय मंत्री केदार कश्यप मंगलवार सुबह दुर्ग पहुंचे। उन्होने स्थानीय सर्किट हाऊस में पत्रकारों से चर्चा में कहा कि छत्तीसगढ़ में पानी की स्थिति चिंताजनक हैं। पेयजल के साथ-साथ निस्तारी की समस्या भी गंभीर हैं। प्रदेश में करीब 2 लाख नलकूप हैं। जो पेयजल की मौजूदा हालात को देखते हुए पर्याप्त नहीं हैं। नलकूपों की संख्या में वृद्धि की जायेगी। पेयजल व निस्तारी के लिए  लोगों को पर्याप्त पानी मिले यह विभाग का प्रमुख उद्देश्य हैं। जनता को पेयजल उपलब्ध कराने पंप लगाकर पानी लिया जा रहा हैं।
दुर्ग में 4सौ हेंडपंप में पावर पंप लगाकर पानी की पूर्ति की जा रही हैं। जल स्तर घटने के कारण बोरवेल खनन पर प्रतिबंध लगाया गया हैं। अवैध बोरवेल खनन पर विभाग द्वारा नजर रखी गई हैं। पेयजल की स्थिति जब तक सामान्य नहीं हो जाती हैं, तब तक बोरवेल खनन पर प्रतिबंध नहीं हटाया जायेगा। बड़े व्यवसायी व कृषक पानी का ज्यादा उपयोग करते हैं। पानी संरक्षण के लिए ऐसे वर्ग को गंभीर होना चाहिए। साथ ही लोगों में पानी संरक्षण के लिए जागरुकता भी जरुरी हैं।

लोकस्वास्थ्य यांत्रिकीय मंत्री केदार कश्यप ने एक सवाल के जवाब में कहा कि अन्य विभागों के सहयोग से ग्राउंड वाटर रिचार्ज का प्रयास जारी हैं। वहीं नए एनीकेट,तालाब का निर्माण किया जा रहा हैं। जिसके आगामी वर्षो में लाभ सामने आएंगे। उन्होने कहा कि वृहद पेयजल योजना का फेस-2 का कार्य तकनीकी कारणों से रुका हुआ हैं। लेकिन जल्द ही यह पूर्ण हो जायेगा और योजना का लाभ मिलना भी शुरु हो जायेगा। 
उन्होने नक्सली समस्या पर कहा कि नक्सली समस्या छत्तीसगढ़ भर की नहीं है बल्कि पूरे देश की समस्या हैं। इसके लिए कांग्रेस सरकार के तात्कालिक मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह जिम्मेदार हैं। दिग्विजय सिंह सरकार उस समय नक्सलियों के बढ़ते कदम को रोक लेती तो आज नक्सली समस्या की यह स्थिति नहीं होती। समस्या के समाधान के लिए केन्द्र सरकार को ठोस कदम उठाना चाहिए। चर्चा के दौरान दुर्ग पीएचई विभाग के कार्यपालन अभियंता एस. पांडे, भाजपा नेता राजेन्द्र पाध्ये व अन्य अधिकारी मौजूद थे।

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पेयजल के लिए जागरुकता लाएं-कश्यप
पेयजल समस्या से निपटने हुई समीक्षा बैठक


दुर्ग, 04 मई। बहुत जरुरी होने पर ही टयूबवेल खनन का परमिशन दिया जाये। नलकूप जो लगे हैं वह नियमित कार्य कर रहा हैं इसकी मानिटरिंग की जाये। कारण कि जिले में खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल की समस्या गंभीर हैं। उक्ताशय की बातें प्रदेश के लोकस्वास्थ्य यांत्रिकीय मंत्री केदार कश्यप ने अधिकारियों की समीक्षा बैठक में कही। जिले में पेयजल स्थिति की समीक्षा बैठक में पीएचई सचिव दिनेश श्रीवास्तव भी मौजूद थे। मौजूद जनप्रतिनिधि विधायकगण श्रीमती प्रतिमा चंद्राकर,विरेन्द्र साहू, ताम्रध्वज साहू, बी.डी. कुरैशी, विजय बघेल,डोमनलाल कोर्सेवाड़ा, दयालदास बघेल, महापौरगण डॉ. शिवकुमार तमेर, विद्यारतन भसीन, जिला पंचायत अध्यक्ष जीवनलाल वर्मा ने अपने-अपने क्षेत्र में व्याप्त पेयजल की समस्या बतायी। मंत्री श्री कश्यप ने माना की ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल की समस्या गंभीर हैं। वाटर लेबल नीचे चले जाने से यह स्थिति निर्मित हुई हैं। इसे उपर लाने के लिए बरसात पानी का तालाबों में संग्रहण करने मुहिम चलायी जाये। कुंंओं की सफाई के लिए कार्ययोजना बनाये। नये ट्यूबवेल खनन का कार्य कम से कम किया जाये। जहां आवश्यकता हो नलकूप में पावरपम्प लगाकर पेयजल पूर्ति किया जाये। जो ट्यूबवेल लगे हैं वह नियमित कार्य कर रहा हैं या नहीं उसकी मानिटरिंग हो अधूरी नलजल योजना को पूरा करने का प्रयास की जानी चाहिए।
मंत्री ने कहा पेयजल संग्रहण के प्रति ग्रामीण क्षेत्रों में जागरुकता लायी जाये। जिला जल उपयोगिता समिति इसके लिए प्रयास करें। भिलाई महापौर विद्यारतन भसीन की मांग पर मंत्री ने जानकारी दिया कि भिलाई पेयजल योजना फेस दो 2 करोड़ की योजना पर मंत्रालय स्तर पर कार्यवाही जारी हैं। दुर्ग महापौर डॉ. शिवकुमार तमेर ने दुर्ग पेयजल योजना को पूरा करने की बात मंत्री श्री कश्यप से कही।

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