शनिवार, 3 अप्रैल 2010

बचपन खो चुके बच्चों को कैसे मिलेगा शिक्षा का अधिकार

दुर्ग, 03 अप्रैल। एक अप्रैल से शिक्षा का अधिकार कानून लागू हो गया है। यह कानून देश के लाखों-करोड़ों बच्चों को शिक्षा का अधिकार मुहैया कराएगा। मगर, इस देश में एक करोड़ से अधिक बच्चे छोटे होटलों, दुकानों व घरों में काम करते हुए हुए अपना घर व बचपन खो चुके हैँ। रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, सरकारी अस्पताल जैसे शहर के सार्वजनिक स्थलों पर आवारा भटकने वाले इन बच्चों को शिक्षा अधिकार कानून का लाभ कैसे मिलेगा, यह बड़ी चुनौती है।
दुर्ग रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म में बरसों से लावारिस जीवन गुजार रहे पौन सैकड़ा बच्चों की जिंदगी शिक्षा अधिकार कानून से नहीं बदलने वाली है। इन बच्चों का कोई एक ठिकाना ही नहीं है। टे्रन के डिब्बे व प्लेटफार्म इनकी जिंदगी है। पांच से 17 साल के बीच की उम्र वाले इन बच्चों की कदकाठी भिन्न-भिन्न है, पर अवस्था एक। चिथड़ों में लिपटे गरीब बचपन ने इनकी मासूम सिसकियां भी छीन ली है। निरंतर उपेक्षा व अभावपूर्ण जीवन को आसानी से जीने के वास्ते नशे की राह पर चल पड़ा बचपन उन्हें जवान होने का अवसर भी नहंी देता। कौन बच्चा कहंा खत्म हो जाए, कोई रिकार्ड नहीं।
गौरतलब है कि एक अप्रैल से राईट टू एजुकेशन (आरटीआई)का सपना साकार होने के साथ ही माना जा रहा है कि मुफ्त व अनिवार्य शिक्षा कानून देश के करोड़ों बच्चों के जीवन में नई रोशनी लाएगा। आरटीआई कानून का शक्ल तो पा गया, परंतु जब तक अनाथ व आवारा बच्चे भी सामाजिक अभियान की शक्ल बनकर इसमें शामिल नहीं हो जाते, तब तक इन करोड़ भर बच्चों का तबका इससे अलहदा ही रह जाएगा।
दुर्ग रेलवे स्टेशन में लावारिश जीवन गुजारने वाले 9 वर्षीया रघुनाथ ने आज तक अपने पिता का चेहरा नहीं देखा है। दो बरस पहले उसकी मां ने दूसरी शादी कर ली और रघुनाथ को अनाथ छोड़ कर चली गई। तब से स्टेशन का प्लेटफार्म रघुनाथ का घर बन गया। वह यहां अकेले नहीं रहता, बल्कि उसके जैसे 50 से अधिक बच्चों का जीवन यूं ही गुजर रहा है। 12 वर्षीय भरत की भी यही कहानी है। राजनंादगांव जिले के किसी गांव में वह अपनी मां के साथ रहता था। एक साल पहले इलाज के बहाने उसकी मां ने उसे जिला अस्पताल दुर्ग लाया और फिर एक दिन उसे बिना बताए कहीं चली गई। फाइलेरिया की बीमारी से ग्रस्त भरत का अस्पताल में कुछ दिन और इलाज चला, जब वह चलने लायक हो गया तो एक दिन अस्पताल से चुपचाप भाग निकला और भटकते-भटकते स्टेशन के आवारा बच्चों की टोली में शामिल हो गया। भरत को याद है कि गांव में वह चार साल तक स्कूल गया। चौथी कक्षा क क्षा के दौरान उसके जीवन की पटरी ही बदल गया।
8 साल की ईश्वरी तो अब अपने मां-बाप, घर-बार सब भूल चुकी है। कभी-कभी उसे अपनी अवस्था पर रोना भी आता है, मगर अपने जैसे दूसरे बच्चों को देखकर उसने संतोष करना सीख लिया है। अपने शरीर के आकार से कई गुणा बड़ा कपड़ा पहना हुआ चार बरस का रवि इस टोली में सबसे छोटा है। वह कहां से आकर इस जमात में शामिल हो गया, नहीं जानता। दूसरे बच्चों की तरह वह भी इंसूलेशन (सायकल का पंचर बनाने वाला पेस्ट) सूंघने का आदी हो चला है। यात्रियों की जूठन पर जैसे-तैसे पेट भर लेने वाला रवि भूखा तो रह सकता है, मगर नशे के बिना नहीं।

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अव्यस्क गैंगरेप मामला
फरार प्रमुख आरोपी गिरफ्त में


दुर्ग, 3 अप्रैल। कादम्बरी नगर के एक सूने मकान में एक 16 वर्षीया नाबालिक से हुए गैंगरैप के मामले में फरार सातवें आरोपी को भी पुलिस ने आज धरदबोचा। पुलिस के शिकंजे में आया यह आरोपी अनि उर्फ चम्पेश्वर निर्मलकर 20 वर्ष शांतिनगर निवासी अपना मुंहकाला करने के बाद इलाहाबाद फरार हो गया था। वहां फरारी काटने के दौरान पैसा खर्च होने पर आरोपी ने अपने चाचा से पैसा भेजवाने की मांग की थी। इधर मोहन नगर पुलिस द्वारा शांतिनगर निवासी चाचा तामनलाल निर्मलकर पर आरोपी चम्पेश्वर को गिरफ्तार करवाने लगातार दबाव बनाया गया था। लिहाजा चाचा ने चम्पेश्वर को इलाहाबाद से अपने साथ दुर्ग ले आया। इसकी खबर पुलिस को होने पर चम्पेश्वर को आज दोपहर गिरफ्तार किया गया। मामले के अन्य 6 आरोपियों को क्राइंम ब्रांच पुलिस ने घटना के दो दिन बाद ही धरदबोचा था। नाबालिक से सामूहिक बलात्कार का मामला सामने आने से पुलिस के होश उड़ गए थे। आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस को भारी हाथ-पांव मारना पड़ा। आरोपियों की गिरफ्तारी पुलिस के लिए बड़ी चुनौती भी बनी हुई थी। मामले के सातों आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने आज राहत की सांसें ली।
पुलिस के मुताबिक शांतिनगर निवासी एक 16 वर्षीया नाबालिक से कादम्बरी नगर के आऊटर क्षेत्र पर स्थित एक सूने आवास में 29 व 30 मार्च की दरम्यानी रात 7 आरोपियों ने मुंहकाला किया था। मामले में मोहन नगर पुलिस ने अनि उर्फ चम्पेश्वर निर्मलकर शांतिनगर निवासी के अलावा गणेश मानिकपुरी 18 वर्ष शांतिनगर,बसंत यादव 25 वर्ष शांतिनगर, चमन साहू 22 वर्ष शांतिनगर,सूर्या उर्फ मुकेश राजपूत 26 वर्ष कादम्बरी नगर, दीपक सिंग 19 वर्ष कुटेलाभाठा, पिताम्बर केंवट 21 वर्ष कुटेलाभाठा जेवरासिरसा निवासी को आरोपी बनाया था। आरोपियों के खिलाफ मोहन नगर पुलिस ने धारा 365,376(2जी),342 के तहत अपराध दर्ज किया था। लेकिन घटना के बाद से सभी आरोपी फरार हो गए थे। 7 आरोपियों में से 6 आरोपियों की क्राइंम ब्रांच पुलिस ने घटना के दो दिन बाद गिरफ्तारी कर ली थी। लेकिन अनि उर्फ चम्पेश्वर निर्मलकर का कुछ सुराग नहीं मिल पाया था। बताया गया हैं अनि निर्मलकर घटना के बाद से इलाहाबाद फरार हो गया था। चाचा के साथ इलाहाबाद से लौटने के बाद पुलिस ने अनि को गिरफ्तार कर लिया। चाचा पर अनि की गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने दबाव बनाया हुआ था। जिसके चलते मोहन नगर पुलिस को अनि उर्फ चम्पेश्वर निर्मलकर की गिरफ्तारी में आज सफलता मिली।

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कहर बरपाने लगी गर्मी

दुर्ग, 03 अप्रेल। गर्मी बढऩे के साथ ठन्डे पानी के लिए घरों व दूकानों में मटके रखने का प्रचलन बढऩे के साथ प्यास बुझाने के लिए लोग शीतल पेय गन्ना रस नींबू पानी व फलों के जूस व नारियल पानी कोल ङ्क्षड्रक का सहारा ले रहें हैं। फलों में मंहगे होने के साथ इस बार इन पेय पदार्थों की कीमत में तेजी आ गई है।
अप्रेल माह में चिलचिलाती धूप का अहसास होने लगा है। दुर्ग, रायपुर सहित शहरों में पारा 43 से पार हो गई है। गर्मी बढऩे के साथ ठंडे पानी के लिए घरों व दुकानों में देसी फ्रिज मटका का इस्तेमाल करने लगेंं हैं। मटके का पानी गर्मी में स्वास्थ्य वद्र्धक माना जाता है। खासकर नल लगे मटके पसंद किए जा रहें हैं। दुकानों में गर्मी में मटका व सुराही का पानी ही पीतें है। और लोगों को भी पिलाते हैं। मंहगाई बढऩे के साथ मटके के दाम में मामूली बढ़ोतरी हुई है्र। मटका व्यवसायी अनसुईया चक्रधारी ने बताया कि बाजारों में मटके का उठाव होने लगा है। सुराही अभी बाजार में 40 रूपये प्रति नग मिल रहा है। लोकल घड़ा भी इसी दाम से बिक रही है। लोकल घड़े की आवक अभी आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों से होती है। वहीं नल घड़ा उड़ीसा होते हुए यहां आ रहा है। जिसकी कीमत 70 से 80 रूपये है। उधर तपती गर्मी मे प्यास बुझाने शहर में लोग शीतल पेय गन्ना रस,नीबू पानी, व फलों के जूस पसंद किए जा रहें हैं। कॅालेज का छात्र सौरभ शर्मा का कहना है कि गर्मी में उन्हे जूस बहुत भाता है। कोल ङ्क्षड्रक भी पीतें हैं। वहीं नारियल पानी भी कई स्थानों पर मिल रहा है। नारियल पानी शरीर में पानी की कमी को पूरा करता है।
शहर के जूस सेंटरों में आम दिनों की अपेक्षा लोगों की भीड़ बढ़ गयी है। एक जूस व्यवसायी ने बताया कि दुकान में मोंसंबी रस की मांग सबसे अधिक है। 15 से 20 रूपये ग्लास बिक रही है। यही दर पाईन एपल की है। अनार के दाम बढऩे के साथ इसका रेट बढ़ गया है। अभी मार्केट में 20 से 25 रूपये बिक रही है। वहीं गन्ना 5 से लेकर 10 रूपये बिक रहा है। कहीं -कहीं मेंगो जूस भी मिलने लगी है। इसकी कीमत 20 रूपये चल रही है। इसके अलावा आईस गोला भी बच्चों को खूब लुभा रही है। काजू कतली डिक्स फालूदा लोगों के द्वारा पसंद की जा रही है। इसकी कीमत पांच से लेकर बीस रूपये तक है। स्कूली छात्र अतुल जैन का कहना है कि अपनी प्यास बुझाने गन्ना रस के साथ जूस भी इस्तेमाल करतें है।

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झुलसी विवाहिता की मौत

दुर्ग, 3 अप्रैल। चिमनी की आग से झुलसी ममता साहू 23 वर्ष पति अरुण साहू बोरसी निवासी की शुक्रवार की शाम उपचार के दौरान जिला अस्पताल में मौत हो गई। मृतका ममता का पति अरुण साहू राजमिस्त्री हैं। पुलगांव पुलिस ने मर्गकायम कर मामले को जांच में लिया हैं।
पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक ममता साहू 18 मार्च की शाम घर पर चूल्हे की आग से खाना बना रही थी। इस दौरान बिजली गुल हो गई। जिसके चलते ममता ने चिमनी जलाया और चिमनी को पठेरे में रख दिया था। यही चिमनी कुछ देर बाद ममता के उपर गिर गया और आग भभक उठी। चिमनी की आग से जब तक ममता अपने को अलग कर पाती वह 40 फीसदी झुलस चुकी थी। आग पर काबू पाकर परिजनों ने ममता को उपचार के लिए जिला अस्पताल पहुंचाया। उपचार के दौरान शुक्रवार की शाम ममता साहू ने अंतिम सांसे ली।

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वृद्ध का शव मिला

दुर्ग, 3 अप्रैल। अंजोरा पुलिस चौकी अंतर्गत ग्राम थनौद में स्थित स्कूल के पास नाली में आज सुबह एक वृद्ध का शव मिला। शव की पंचम देशमुख 60 वर्ष पिता रेवाराम ग्राम थनौद निवासी के रुप में शिनाख्त की गई हैं। मृतक थनौद में बन रहे एक कालेज में चौकीदार था। बताया गया हंैं वह अल्कोहल सेवन का आदी था। माना जा रहा हंै कि शराब के नशे में वह सायकल समेत नाली में गिर गया। घटना के दौरान उस पर किसी की नजर नहीं पडऩे से उसने वहीं दम तोड़ दिया। घटना की खबर आज सुबह लगने पर गांव में सनसनी फैल गई। अंजोरा पुलिस ने मर्ग कायम कर मामले को जांच में लिया हैं।
पुलिस के मुताबिक पंचम देशमुख थनौद में बन रहे एक कालेज में चौकीदार था। 1 अप्रैल की रात वह चौकीदारी के लिए कालेज जाने घर से सायकल पर निकला था। लेकिन कालेज नहीं पहुंच पाया था। परिजनों ने उसकी तलाश भी की। लेकिन उसके संबंध में कोई जानकारी नहीं मिल पाई थी। आज सुबह परिजनों को ग्राम थनौद स्थित स्कूल के पास नाली में एक वृद्ध का शव मिलने की सूचना मिली। परिजनों ने मौके पर जाकर देखा तो उनके होश उड़ गए। शव किसी और का नहीं बल्कि पंचम देशमुख का ही था। पुलिस ने मामले को जांच में ले लिया हैं।

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