दुर्ग, 27 अप्रैल। दुर्ग शहर का एक बड़ा तबका इन दिनों पेयजल की समस्या से जूझ रहे है। हालांकि यह समस्या आसमानी भी है, लेकिन लापरवाही और जनप्रतिनिधियों की उदासीनता ने इसे और भी विकराल बना दिया है। केवल दोषारोपण करने से समस्या कैसे हल होगी। तालाबों के इस शहर में पानी की किल्लत लापरवाही के अलावा कुछ भी नहीं। नगर निगम के पूर्व पार्षद , पूर्व जलगृह विभाग प्रभारी श्रीकांत समर्थ का कहना है कि प्राथमिकता तय करने में कहीं चूक हुई है। वर्तमान महापौर डा शिवकुमार तमेर के इन सौ दिनों में लगभग पांच करोड़ रूपए के कार्य होने का दावा किया गया है। लगभग एक करोड़ रू की लागत से सड़कों का डामरीकरण होना बताया गया है, जबकि पहली प्राथमिकता केवल पानी होनी चाहिए थी।
उल्लेख करना लाजिमी होगा कि दुर्ग नगर निगम क्षेत्र का ठगड़ा बांध वैसे तो सिंचाई विभाग का है लेकिन विभाग ने इसे अनुपयोगी करार दिया है। सिंचाई विभाग का यह अनुपयोगी बांध वास्तव में आज दुर्ग शहर के लिए बहुत उपयोगी साबित हो सकता है। यदि इस बांध में लबालब पानी भरा रहे तो दुर्ग शहर के करीब एक तिहाई हिस्सों में पानी की समस्या नहीं होगी। यदि इस बांध में पानी भरा रहा तो आसपास के अनेक वार्ड जैसे सिविल लाईन, पद्मनाभपुर, बोरसी, पोटियाकला, कसारीडीह, गुरूघासीदास वार्ड, विद्युत नगर, न्यू आदर्श नगर, मिनाक्षी नगर जैसे वार्डों का जल स्तर बढ़ जाएगा। नगर के कई तालाबों को भरने का काम इन दिनो ंचल रहा है। ठगड़ा बांध तालाब में पानी नहीं भरा जा रहा है। कांग्रेस पार्षदों ने आरोप लगाया है कि ठगड़ा बांध में मुरूम उत्खनन के लिए भाजपा से जुड़े छगनलाल गुप्ता को एक वर्ष की अस्थायी लीज मिली है और वहंा मुरूम खुदाई का काम चल रहा है। इसलिए ठगड़ा बांध में पानी न भरकर डायवर्ट कर दिया गया है। एक ओर जहंा पानी की किल्लत है, वहीं हजारों लीटर पानी बर्बाद हो रहा है। शहर के आधे से अधिक बिना टोटी वाले नलों से पानी बहता रहता है। निगम अधिकारियों का कहना है कि टोटी लगाते ही दूसरे दिन तक ये टोटियां नहीं बचती। सड़ेगले पाइप लाईन भी पानी की बर्बादी की वजह बने हुए हैँ। पुराने हो चुके पाइपों को लंबे समय से बदला नहीं गया है। हर दो दिनों की आड़ में ये पाइप लाईन टूट जाती है। और जब तक इसमें सुधार कार्य होता है तब तक हजारों लीटर पानी बह जाता है। अभी दो दिनों पूर्व ही शंकरनगर, शक्तिनगर पानी टंकी को भरने वाली पाइप लाईन फूट गई थी, दो दिनों तक क्षेत्र में जलापूर्ति बाधित रही। यहां के लोगों को पानी के लिए इधर-उधर भटकना पड़ा। बीच-बीच में पंप हाऊस के मोटर में भी खराबी आ जाती है। मोटर में खराबी के वजह से टंैक में पानी का भराव नहंी हो पाता। इससे जलापूर्ति बाधित होती है। शहर के अनेक वार्डों में अभी भी घरों तक पानी पहुंचाने के लिए पाइप लाईन नहीं बिछी है। बताया जा रहा है कि वृहद पेयजल योजना फेस-2 के आरंभ होने के बाद ही इन वार्डों में पाइप लाईन बिछायी जाएगी। अप्रैल माह तक इस योजना के आंरभ होने का आश्वासन मिला था। जो अभी तक आश्वासन ही है।
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गौरव पथ पर भारी वाहनों का प्रवेश रोके-कांग्रेस
दुर्ग, 27 अप्रैल। पूर्व विधायक अरूण वोरा की अगुवाई के नेतृत्व में कांग्रेस नेताओं ने जिला कलेक्टर व पुलिस अधीक्षक को एक ज्ञापन सौपकर गौरव पथ पर बेरियर लगाकर भारी वाहनों के प्रवेश पर रोक लगाने की मांग की है। सौपे गए ज्ञापन में कहा गया है कि 7 करोड़ रू की लागत से गांधी प्रतिमा से लेकर उतई नाका रेल्वे फाटक के बीच बना गौरव पथ भारी वाहनों की आवाजाही के कारण क्षतिग्रस्त होकर अपना गौरव खोने लगा है। पूर्व में इस मार्ग पर भारी वाहनों के प्रवेश पर रोक लगी थी और इसके लिए महिला समृद्धि बाजार और टैम्पो स्टैण्ड के पास बेरियर भी लगाए थे, किन्तु बाद में उक्त बेरियर हटा दिए गए। फलस्वरूप चार, छ: व दस चक्कों वाली लोडेड भारी वाहन गौरव पथ मार्ग पर दिन और रात दौड़ते है, जिसके चलते गौरव पथ मार्ग जगह-जगह से उखडऩे लगा है। हाल ही में इसकी मरम्मत भी कराई गई है। महिला समृद्धि बाजार के सामने एक विशाल होर्डिंग भी है, जो सड़क तक आ गया है जो दुर्घटनाओंं का कारण बन रहा है। कांग्रेस ने उक्त होर्डिंग को हटाने के साथ ही गौरव पथ मार्ग पर पुन: बेरियर लगाकर इस पर भारी वाहनों का प्रवेश तत्काल प्रतिबंधित करने की मांग करते हुए चेतावनी दी है कि शीघ्र कार्यवाही नहीं होने पर इस मुद्दे को लेकर कांग्रेसी धरना, प्रदर्शन और चक्काजाम करने बाध्य होंगे।
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