गुरुवार, 15 अप्रैल 2010

भुरभुरी होने लगी भाजपाई जमीन

दुर्ग, 15 अप्रैल। छत्तीसगढ़ की सत्ता पर काबिज भारतीय जनता पार्टी ग्रास रूट पर जहां कमजोर हुई है, वहीं सत्ता से जुड़े चेहरों की चमक निरंतर बढ़ते गई है। छ: बरस पहले जिन कार्यकर्ताओं के बूते पार्टी ने सत्ता का सफर तय किया, आज वे दूर छिटके नजर आ रहे हैँ। जबकि, कुछ ऐसे कथित नेता जिन्हें राजनीतिक ककहरा सीखे तीन-चार बरस भी नहीं हुए, वे स्थानीय भाजपा के झंडाबरदार समझे जा रहे हैँ। दुर्ग से राजधानी रायपुर के बीच स्वयं को अपने आका के प्रति ज्यादा स्वामीभक्त दिखाने की जद्दोजहद में जुटा भाजपा का यह नया क्रीमीलेयर तबका सत्ता लिप्सा व व्यक्तिवाद चापलूसीपूर्ण राजनीति की ऐसी ताजा कड़ी है, जो हर हाल में सत्ता से चिपके रहने को आतुर रहता है।
राज्य निर्माण के बाद अजीत जोगी के तीन साल तक राज्य का बागडौर संभालने के बाद हुए पहले आम चुनाव में भाजपा को जनादेश मिला और रमन सिंह मुख्यमंत्री बने। तब तक भी पार्टी में सत्ता के बजाए संगठन को पहला दर्जा मिला था। दूसरे चुनाव के बाद हालात तेजी से बदले। हालांकि, स्थानीय भाजपा में सरोज पांडेय का प्रादुर्भाव व ताराचंद साहू का राजनैतिक पतन, दोनों अलग-अलग घटना था। मगर इनके पेंच एक-दूसरे से गहराई से उलझे हुए थे। किसी ने इसे छत्तीसगढ़ व छत्तीसढिय़ों के अस्त्वि एवं अस्मिता की लड़ाई कही, तो किसी ने अखंड भारत की दुहाई दी। कहीं पार्टी मुखर रही तो कहीं नेता। मगर, अंत में आम लोगों को सब समझ आ गया कि यह न तो छत्तीसगढ़ व छत्तीसगढिय़ों की लड़ाई थी और न ही राजनीतिक शूचिता लाने का उपक्रम। ...असली वजह था,.. सिर्फ अपना समग्र स्वार्थ।
दुर्ग से रायपुर तक भाजपा में आज उसी स्वार्थ का बोलबाला परिलक्षित हो रहा है। सर्वोच्च सत्ता के स्थानीय प्रतीक के इर्दगिर्द की यह लाबी शहर से लेकर गांवों तक भाजपा के जमीनी कार्यकर्ताओं के पहुंच से नेेतृत्व को दूर करने का ठेका लिये मंडरा रही है। जनाधार की दृष्टि से देखा जाए, तो इस लाबी के अधिकांश चेहरें इस कदर पीटे हुए हैँ कि वार्ड पार्षद का चुनाव भी नहीं जीत सके। मगर, प्रादेशिक स्तर पर भाजपा की रीति-नीति तय कर रहे हैँ। इस लाबी के सिपाहसलारों में दूसरी अहम समानता यह है कि सभी गैरछत्तीसगढिय़ा हैँ। वहां सवाल सिर्फ सत्ता का है, पार्टी की कतई नहीं। अगली बार यदि गैरभाजपाई सरकार बनती है तो भी इस लाबी की सक्रियता वैसी ही बनी रहेगी। अपने कार्यकर्ता को आगे बढ़ाने के नाम पर छद्म मतभेद का रूप देने वाले सांसद सरोज पांडेय व मंत्री हेमचंद यादव के बीच की रस्साकसी से कार्यकर्ताओं को कोई बरअक्स नहीं। कार्यकर्ता परिणाम चाहते हैँ। अमूमन, सत्ता व संगठन में जगह मिलने की प्रत्याशा में बरसों तक समर्पित रहने वाले कार्यकर्ताओं का नेताओं के प्रति अब मोहभंग होने लगा है। क्योंकि इन कार्यकर्ताओं के मन से अब पर्याप्त तवज्जों पाने की इच्छाशक्ति दम तोड़ चुकी है। 

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पत्नी की हत्या कर आरक्षक ने खुद  को मारी गोली

भिलाई, 15 अप्रैल। नंदिनी थाना में पदस्थ एक आरक्षक ने आज दोपहर अपनी पत्नी पर गोली दागने के बाद खुद पर गोली चला ली। घटना के कुछ देर बाद ही लहुलुहान पति-पत्नी ने मौके पर ही दम तोड़ दिया। घटना बीएसपी के नंदिनी टाऊनशिप एरिया की हैं। खबर से नंदिनी पुलिस का स्टाफ मौके पर पहुंच गया हैं। वहीं घटना से क्षेत्र के लोग हतप्रभ हैं।  मृतक आरक्षक रामस्वरुप साहू नंदिनी थाना में पदस्थ था। उसकी पत्नी का नाम रजनी साहू बताया गया हैं। दिल को दहला देने वाले घटना के पीछे पति-पत्नी के आपसी विवाद को कारण माना जा रहा हैं। बहरहाल पुलिस ने मर्गकायम कर मामले को जांच में लिया हैं।
पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक नंदिनी थाना में पदस्थ आरक्षक रामस्वरुप साहू का आज दोपहर बैंक पेट्रोलिंग में ड्यूटी लगी हुई थी। बैंक पेट्रोलिंग के दौरान रामस्वरुप के साथ उसका एक साथी भी था और रामस्वरुप अपने पास एक थ्री नाट थ्री की रायफल रखा हुआ था। बताया गया हैं बैंक पेट्रोलिंग के दौरान रास्ते में रामस्वरुप साहू का घर पड़ा। तो रामस्वरुप ने अपने साथी आरक्षक को घर से 5 मिनट में तुरंत वापस आने की बात कहकर घर चला गया। इस समय दोपहर के करीब पौने 2 बजे हुए थे। रामस्वरुप का साथी आरक्षक घर के बाहर उसका इंतजार कर रहा था। तभी घर के अंदर से थ्री नाट थ्री रायफल से गोली चलने की आवाजें आई। साथी आरक्षक ने जाकर देखा तो रामस्वरुप व उसकी पत्नी रजनी लहुलुहान हालत में मृत पड़े हुए थे। बताया गया हैं रामस्वरुप ने अपने थ्री नाट थ्री की रायफल से पहले पत्नी पर गोली दागी फिर खुद पर गोली चला ली। घटना की तत्काल नंदिनी थाना पुलिस को सूचना दी गई।
सूचना पर नंदिनी थाना प्रभारी सुशील दुबे एवं पुलिस के अन्य अधिकारी तत्काल मौके पर पहुंचे। यह खबर बीएसपी के नंदिनी टाऊनशिप एरिया में आग की तरह फैली और तत्काल मौके पर लोगों की भारी संख्या में भीड़ जुट गई। घटना से अवगत होकर लोगों का दिल दहल गया। मृत आरक्षक रामस्वरुप ने कितनी गोलियां चलाई फिलहाल यह स्पष्ट नहीं हो पाया हैं। पति-पत्नी के शवों का पोष्टमार्टम के बाद ही इसका खुलासा हो पाएगा। पुलिस ने मौके से थ्री नाट थ्री रायफल जप्त कर ली हैं। घटना के कारणों पर तरह-तरह की चर्चाएं गर्म हैं। पुलिस का मानना हैं कि घटना के पीछे पति-पत्नी का आपसी विवाद बड़ा कारण हैं। बताया गया हैं मृत आरक्षक रामस्वरुप साहू और उसकी पत्नी रजनी साहू बीएसपी नंदिनी टाऊनशिप एरिया के एक मकान में निवासरत थे। रामस्वरुप एक हफ्ता पहले ही स्थानांतरित होकर नंदिनी थाना आया था। रामस्वरुप का 2007 में रजनी साहू से शादी हुई थी। शादी के बाद से मृतका रजनी साहू नि:संतान थी। बहरहाल पुलिस ने मर्ग कायम कर मामले को जांच में लिया हैं।

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धर्मांतरण पर बवाल
दोनों पक्षों के खिलाफ मामला दर्ज


भिलाई, 15 अप्रैल। सेक्टर-2 में कथित धर्मांतरण के चलते आज दोनों पक्षों के बीच खासा विवाद हो गया। मामला पुलिस तक पहुंचने के बाद दोनों पक्षों के खिलाफ अपराध पंजीबद्ध किया गया है। जानकारी के मुताबिक, धर्मसेना से जुड़े हुए दिनेश सिंह, राजेन्द्र नायक, सुधांशु सिंह एवं कौशलेन्द्र प्रताप सिंह को आज सेक्टर-2 के सड़क 15-16 के पास धर्मांतरण कराए जाने की खबर मिली। खबर मिलते ही धर्मसेना के उक्त नेता स्थल पर पहुंचे और मारपीट करते हुए वहां मौजूद लोगों को कोतवाली थाने ले आए। जहां आरोपियों जे सेमुअल, के. रवि, एलेक्स व राजा के खिलाफ भादवि की धारा 294, 323, 341, 34 व छग धर्म अधिनियम 3/4 के तहत मामला पंजीबद्ध किया गया है। आरोपियों में जे सेमुअल जामुल थाने का आरक्षक बताया गया है। सेमुअल के मुताबिक, वह ड्यूटी के लिए जामुल जाने निकला था और विवाद होता देख पुलिस को सूचना देने वहां रूक गया, जिसके बाद धर्मसेना के लोग उसे भी थाने ले आए।
इधर, दूसरे पक्ष के बी स्वामी नादलू, अपर्णा तरूण व शालू का कहना था कि यदि वे धर्मांतरण करवा रहे थे तब भी उनके साथ मारपीट करने का अधिकार किसी को नहीं है। धर्मसेना के लोगों को लगता है कि यदि धर्मांतरण हो रहा है तो इसकी शिकायत पुलिस में की जानी चाहिए। पुलिस ने क्रिश्चयन समाज के सेफरसन सालू की रिपोर्ट पर प्रवीण विश्वाल, नितेश जैन और मोतीलाल जैन के खिलाफ भादवि की धारा 341, 394, 323 व 34 के तहत अपराध दर्ज किया है। बताया जाता है कि धर्मसेना के लोगों ने घटनास्थल से एक पत्रिका मोक्षद्वार भी जब्त की है। धर्मसैनिकों का कहना था कि इसी पत्रिका को बांटकर धर्मांतरण के लिए प्रेरित किया जा रहा था।
घटना आज सुबह की हैं। यह मामला सामने आने के बाद धर्मसेना के लोग बड़ी संख्या में सेक्टर-2 पहुंचे थे और कथित धर्मांतरण पर जमकर विरोध जताया। धर्मसेना के विरोध के चलते क्रिश्चयन समाज के लोग भी विरोध में सामने आए। मामले को लेकर दोनों पक्षों के बीच पहले मौके पर जमकर विवाद हुआ। यह विवाद बाद में मारपीट के रुप में तब्दील हो गया। घटना से क्षेत्र का माहौल गरमा गया था। बाद में दोनों पक्ष थाने पहुंचे। कोतवाली थाना भिलाई में भी दोनों पक्षों के बीच विवाद हुआ। हालात को देखते हुए पुलिस ने दोनों पक्षों के विरुद्ध में अपराध दर्ज किया हैं।

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सट्टा-पट्टी लिखते 4 पकड़ाए

दुर्ग, 15 अप्रैल। कोतवाली पुलिस की पेट्रोलिंग टीम ने बीते शाम शहर के दो अलग-अलग जगहों में दबिश देकर सट्टा-पट्टी लिखते 4 लोगों को धरदबोचा। उनसे कुल 4 हजार रुपए नगद व सट्टा-पट्टी की पर्चीयां जप्त की गई हैं। पकड़े गए आरोपी बंशी सिन्हा 42 वर्ष पिता जोहन सिन्हा बजरंग नगर सिंधी लकड़ीटाल के पास,सुरेशचंद शर्मा 50 वर्ष पिता शक्तिनाथ सरस्वती नगर,शाहिद खान उर्फ गुड्डा 38 वर्ष पिता गफूर खान पोलसायपारा और महम्मूद अली 55 वर्ष पिता अकबर अली पोलसायपारा निवासी के खिलाफ कोतवाली पुलिस ने धारा 4 जुआं एक्ट के तहत कार्यवाही की हैं। पुलिस के मुताबिक आरोपी बंशी सिन्हा और सुरेशचंद शर्मा बजरंग नगर सिंधी लकड़ीटाल के पास कल शाम सट्टा-पट्टी लिख रहे थे। मुखबीर की सूचना पर पुलिस ने मौके पर दबिश देकर दोनों को पकड़ा। बंशी सिन्हा से 1450 रुपए और सुरेशचंद शर्मा से 5सौ रुपए व सट्टा-पट्टी की पर्चियां जप्त की गई हैं। इसी प्रकार पुलिस ने पोलसायपारा झुमरुबार के पास दबिश देकर आरोपी शाहिद खान उर्फ गुड्डा और महम्मूद अली को सट्टा-पट्टी लिखते रंगेहाथों पकड़ा। शाहिद से 14सौ रुपए और महम्मूद अली से 650 रुपए बरामद किए गए हैं। दोनों से सट्टा-पट्टी की पर्चियां भी जप्त की गई हैं।

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छुट्टी के दिनों की भी फीस देने का दबाव

दुर्ग, 15 अप्रैल। बढ़ते तापमान के मद्देनजर स्कूलों में अध्यापन कार्य बंद करने संबंधी सरकारी निर्णय से स्कूली विद्यार्थियों की बांछें खिल गई है। अब वे निर्विध्न रूप् से अपने सगे-संबंधियों के घर छुट्टी का मजा लेने जा सकेंगे। खास तौर पर निजी अंग्रेजी माध्यम स्कूलों की निजी बसों से इस भीषण गर्मी की दुपहरी में स्कूल जाने के लिए बाध्य रहने वाले छोटे बच्चों को सूरज देवता की तपिश से राहत मिलेगी। सरकारी निर्णय से पालकों की भी चिंता खत्म हो गई है। गत वर्ष 25 अप्रैल को सरकार ने स्कूल बंद करने का फैसला किया था। किंतु इस बार 15 अप्रैल तक ही तापमान इतना ऊपर चला गया कि अध्यापन कार्य बंद करने का निर्णय लेना पड़ा।
ट्विनसिटी के महंगे आंग्लभाषी निजी स्कूलों में बच्चों से अवकाशकाल का भी फीस वसूला जाता है। अपने बच्चों को अंग्रेजी मीडियम स्कूलों में पढ़ाने की चाह में मोटी रकम खर्च करने वाले पालकों के सामने अब संशय की स्थिति है कि वे घोषित ग्रीष्म अवकाश की खुशी मनाए, कि गम। महंगे निजी स्कूलों में हर महीने ट्यूशन के नाम पर हजारों रू फीस वसूले जाते हैँ। सरकार द्वारा अवकाश घोषित करने के निर्णय के बाद भले ही स्कूलें तो बंद कर दी जाएगी, मगर फीस की वसूली बदस्तूर जारी रहेगी। मालूम हो कि हर साल गर्मी के दिनों का औसत तापमान बढ़ते ही जा रहा है। ग्लोबल वार्मिंग के चलते प्र्रकृति का कालचक्र बाधित हुआ है और इसका खामियाजा छोटे बच्चों को भुगतना पड़ रहा है। बताते हैँ कि आगामी दस सालों में 2020 तक औसम तापमान में दो डिग्री सेल्सियस की वृद्घि हो जाएगी। गर्मी पडऩे से ग्लेशियर तेजी से पिघलेगा और समुद्र का जल स्तर तीन मीटर तक ऊपर उठ जाएगा। मालदीप जैसे शहर जमींदोज हो जाएंगे।

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हथियार मिलने का सिलसिला जारी

दुर्ग, 15 अप्रैल। हथियारों का जखीरा मिलने वाले जिला कलेक्टोरेट स्थित वर्षो पुराने कुएं का आज नगर निगम द्वारा तीसरे दिन भी साफ-सफाई किया गया। साफ-सफाई के दौरान मजदूरों को आज भी कुछ हथियार मिले हैं। जिन्हे कोतवाली पुलिस ने अपने सुपुर्द में लिया हैं। शहर के कुओं के गहरीकरण व साफ-सफाई के लिहाज से नगर निगम द्वारा छेड़े गए विशेष साफ-सफाई अभियान के तहत 13 अप्रैल को जिला कलेक्टोरेट स्थित वर्षो पुराने कुएं की साफ-सफाई शुरु की गई थी। सफाई अभियान के दूसरे दिन 14 अप्रैल को सफाई में जुटे मजदूर उस समय हतप्रभ रह गए, जब उन्हे एक के बाद एक हथियार मिलने लगे। मजदूरों ने इसकी सूचना तत्काल कोतवाली पुलिस को दी। पुलिस की मौजूदगी में कुएं का पुन: साफ-सफाई किया गया। सफाई के दौरान 14 अप्रैल को 25 तलवार,45 चाकू,10 कटार,5 छोटा छुरा,एक गंडासा,एक गुफ्ती,हाकी स्टीक, लाठी -डंडे बरामद किए गए थे। इनमें से अधिकांश हथियार जंग लगे हुए हैं तथा कुछ नए हैं,जिससे माना जा रहा हैं कि इसमें से बहुतायत हथियार 10 से 15 वर्ष पुराने और कुछ हथियार 1-2 वर्ष पुराने हैं। पुलिस के मुताबिक कुएं से बरामद हथियार न्यायालय में पेश होने वाले उन आरोपियों से जप्त किए गए हथियार है। जिन्हें पुलिस द्वारा न्यायालय में पेश किया जाता हैं और मामले के फैसले के बाद कुंए में नष्टीकरण किया जाता हैं। बहरहाल कोतवाली पुलिस ने हथियारों को जप्त कर मामले को जांच में लिया हैं।

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