रविवार, 18 अप्रैल 2010

शंकर नाला में बह गए करोड़ों रूपए

नगर निगम के भ्रष्ट अफसरों का कारनामा
जानबूझकर की जा रही है देर


दुर्ग, 18 अप्रैल। शंकर नाला के पुनरोद्धार को लेकर नगर निगम द्वारा जानबूझकर लेटलटीफी की जा रही है। करोड़ों रूपयों की इस महत्वाकांक्षी योजना से दुर्ग शहर के बाढ़ से मुक्त हो जाने का दावा किया जा रहा है, लेकिन निगम के रवैय्ये के चलते लगने लगा है कि शंकर नाला का काम और चार-पांच साल आगे खिंच सकता है।
उल्लेखनीय है कि पिछले करीब चार सालों से शंकर नाला के पुनरोद्धार का कार्य चल रहा है। अब तक इस कार्य के लिए करोड़ों रूपए खर्च किए जा चुके हैं, बावजूद इसके कार्य अभी आधा ही हो पाया है। पिछले दो सालों में यह कार्य चुनावी पचड़े में पड़ता रहा है। एक के बाद एक तीन चुनावों के चलते वोट बैंक की राजनीति करने में माहिर भाजपा ने काम ढीला कर दिया था, ताकि अवैध निर्माण तोडऩे और अतिक्रमण हटाए जाने की नाराजगी से बचा जा सके। किन्तु अब अगले चार सालों तक कोई चुनाव नहीं है। बावजूद इसके लेटलतीफी लोगों को समझ में नहीं आ रहा है। लोगों का कहना है कि यदि नगर निगम को वोट बैंक की इतनी ही चिंता है तो फिर शंकर नाले का पुनरोद्धार कार्य शुरू ही क्यों करवाया गया। बताया जाता है कि निर्माण कार्य को लम्बा खींचने के पीछे निगम के अफसरों की सोची-समझी नीति काम कर रहा है। इससे ठेकेदारों के साथ ही निगम के अफसरों के अपने हित जुड़े हैं। नतीजतन वर्तमान नगर निगम परिषद के पूरे कार्यकाल तक उक्त कार्य करवाने और इसके ऐवज में पूरे पांच सालों तक रूपए बटोरने की भ्रष्ट सोच काम कर रही है। सबसे चिंतनीय बात यह है कि नगर निगम अफसरों की भ्रष्ट सोच का खामियाजा आम लोगों को भुगतना पड़ सकता है। पिछले साल कम बरसात की वजह से शहर के लोग बाढ़ के खतरे से बच गए थे, किन्तु हर साल ऐसे हालात नहीं होते। दो साल होने को आए हैं और जिन मकानों को तोड़ा गया था, वहां निगम ने निर्माण कार्य नहीं करवाया है। जबकि पहली प्राथमिकता यही होनी चाहिए कि जहां तोडफ़ोड़ की जाए, वहां तत्काल निर्माण शुरू कर दिया जाए।
नगर निगम के निकम्मेपन का सबसे बड़ा उदाहरण पोलसायपारा और संतराबाड़ी को जोडऩे वाली पुलिया है, जिसे तीन महीने पहले तोड़ तो दिया गया, लेकिन उसका निर्माण अब तक पूर्ण नहीं हो पाया है। पुलिया नहीं बन पाने की वजह से लोगों को आवागमन में भारी असुविधा हो रही है, किन्तु निगम के महापौर और अफसरों को लगता है इससे कोई वास्ता नहीं है। जबकि इस पुलिया के बन जाने के बाद शंकर नाले पर सिंधी कालोनी की ओर पहले तोडफ़ोड़ और फिर निर्माण करना है। यह कार्य सम्पन्न होने के बाद सिंधी कालोनी के पुलिया को तोड़े जाने की संभावना है। इस पुलिया तक पहुंचने में ही नगर निगम को डेढ़ से दो महीने लग जाएंगे- वह भी तब जबकि तेजी से काम किया जाए। वर्तमान में जिस रफ्तार से काम चल रहा है, उसे देखकर लगता है कि डेढ़-दो सौ कदमों का यह कार्य डेढ़ से दो वर्ष लम्बा न खिंच जाए। स्वाभाविक है कि यह कार्य जितना लम्बा खिंचेगा, उसकी लागत उतनी ही ज्यादा बढ़ जाएगी और भ्रष्ट अफसरों को कमाई का उतना ही ज्यादा अवसर भी मिलेगा।

०००

महिला पर चाकू से हमला

दुर्ग, 18 अप्रैल। तहसील कार्यालय के सामने शनिवार की शाम एक युवक ने सरेआम एक महिला पर चाकू से वार कर घायल कर दिया। चाकू के हमले से महिला के पेट,छाती व माथे पर चोंटे आई हैं। महिला को उपचारार्थ जिला अस्पताल में भर्ती करवाया गया हैं। मामले में कोतवाली पुलिस ने हेमंत महानंद 35 वर्ष पिता राधन महानंद सेक्टर-9 सड़क-6क्वार्टर 5ए निवासी की रिपोर्ट पर आरोपी पिंटू उर्फ श्याम सिद्धार्थनगर दुर्ग निवासी के खिलाफ धारा 294,506 व 323 के तहत अपराध दर्ज किया हैं। फिलहाल आरोपी पिंटू उर्फ श्याम की गिरफ्तारी नहीं हो पाई हैं।
पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक चंपा बाई 45 वर्ष तहसील कार्यालय के पास किसी दुकान में काम करती हैं। शनिवार की शाम 4 बजे के आसपास वह तहसील कार्यालय के सामने खड़ी थी तभी आरोपी पिंटू उर्फ श्याम शराब के नशे में धुत्त होकर आया और चंपा बाई से जबरदस्ती विवाद करने लगा। जिसका चंपाबाई ने विरोध भी किया। लेकिन आरोपी समझने के बजाय और आक्रोशित हो उठा। इसी बीच आरोपी पिंटू उर्फ श्याम ने अपने पास छिपाकर रखे एक चाकू से चंपा बाई पर हमला कर दिया। हमले के बाद आरोपी भाग खड़ा हुआ। घायल चंपाबाई को आसपास के लोगों ने जिला अस्पताल में भर्ती करवाया हैं।

०००

नाबालिक को भगाने वाले ने किया खुदकुशी का प्रयास

दुर्ग, 18 अप्रैल। नाबालिक को बहला फुसलाकर अपने साथ भगा ले जाने वाला आरोपी विनोद तिवारी पंचमुखी हनुमान मंदिर के पास माडल टाऊन सुपेला निवासी को नाबालिक के परिजनों ने खोज निकाला। देर रात्रि नाबालिक के परिजन आरोपी विनोद तिवारी को कोतवाली थाना लेकर आ रहे थे। तब आरोपी विनोद तिवारी ने जहरीले पदार्थ का सेवन कर खुदकुशी करने का प्रयास किया। आरोपी को उपचार के लिए जिला अस्पताल में भर्ती करवाया गया हैं। नाबालिक को भगाने के मामले में कोतवाली पुलिस ने आरोपी विनोद तिवारी के खिलाफ धारा 363, 366 के तहत पूर्व में अपराध पंजीबद्ध किया था। पुलिस के मुताबिक आरोपी विनोद तिवारी पूर्व में केपीएस में स्कूल बस चलाता था। डेढ़ महीना पहले उसे केपीएस प्रबंधन ने नौकरी से हटा दिया था।
जानकारी के मुताबिक आरोपी विनोद तिवारी माडल टाऊन सुपेला निवासी ने 9 अप्रैल को गवलीपारा की एक 15 वर्षीय छात्रा को बहला-फुसला कर अपने साथ भगा ले गया था। जिसकी छात्रा के परिजनों ने कोतवाली थाने में शिकायत दर्ज करवाई थी। शिकायत को गंभीरता से लेते हुए कोतवाली पुलिस ने आरोपी विनोद के खिलाफ अपराध पंजीबद्ध किया गया था। लेकिन आरोपी विनोद तिवारी छात्रा के साथ लापता था। नाबालिक के परिजनों ने आरोपी को ढूंढ निकाला और बीती देर रात्रि आरोपी को कोतवाली थाने लाया जा रहा था। तब उसने जहरीले पदार्थ का सेवन कर खुदकुशी का प्रयास किया। आरोपी के जहर खाने की खबर से कोतवाली पुलिस सकते में आ गई। पुलिस ने तत्काल मौके पर पहुंचकर आरोपी को जिला अस्पताल में भर्ती करवाया।

०००

तालाब संरक्षण के लिए श्रमदान

दुर्ग, 18 अप्रैल। तालाबों के संरक्षण के लिए जल अवतरण दिवस पर आज पोटिया वार्ड के लोगों ने माता तालाब में श्रमदान कर एक मिशाल पेश की। इस अवसर पर मौजूद स्थानीय लोगों ने तालाब के चारों ओर उग आए खरपतवारों की साफ-सफाई कर लोगों के समक्ष आदर्श प्रस्तुत किया। वार्डवासियों का कहना था कि तालाब में गंदा पानी नहीं आता और न ही वार्ड के लोग यहां मवेशी को नहलाते हैं। माता तालाब नाम के अनुरुप तालाब के धार्मिक महत्व को बरकरार रखा गया हैं। वार्डवासियों ने कहा कि नहर नाली से तालाब में पानी भरा गया हैं। पानी की स्वच्छता के लिए वार्डवासी संकल्पित हैं। इस अवसर पर  पार्षद गायत्री साहू, कमल नारायण मोहिले, मनीष यादव,रामजी यादव,नरेन्द्र बंजारे, अनुरुप साहू, गौकरहीन भारती,चंद्रावती वर्मा,देवंतीन साहू, रुपाली वर्मा, टेमेश्वरी साहू, सराम दास साहू, संजय साव, मेहतरु साहू समेत वार्ड के सैकड़ों लोग मौजूद थे।

०००
 
कागजों में खर्च हुई ट्रांसपोर्ट नगर की राशि

दुर्ग, 18 अप्रैल। नगर पालिक निगम दुर्ग के पाषद सुरेंद्र बजाज ने निगम प्रशासन पर प्रदेश शासन की योजनाओं के प्रति लापरवाही बरतने एवं निगम के बजट प्रावधानों की अवहेलना करने का आरोप लगाते हुए कहा कि शासन की मंशा है कि प्रत्येक निगम क्षेत्रों में यातायात को सुगम बनाने हेतु सुविधायुक्त ट्रांसपोर्ट नगर बनाया जाए और इस संबंध में निगम द्वारा कार्ययोजना बनाकर देने पर प्राथमिकता से फंड देने की व्यवस्था है।
इसी तरह दुर्ग निगम के वार्षिक बजट में पिछले 5 वर्षों से इस कार्य के लिए धनराशि की व्यवस्था दर्शाया गया है। पिछले वर्ष के बजट में ट्रांसपोर्ट नगर निर्माण के लिए 5 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया था। किंतु इस कार्य में एक रूपया भी खर्च नहीं किया गया है। इस वर्ष के निगम बजट में भी 5 करोड़ रूपए खर्च करने का प्रावधान है, किंतु सुविधाजनक ट्रांसपोर्ट नगर निर्माण के प्रति निगम प्रशासन उदासीन है। पार्षद सुरेंद्र बजाज ने कहा कि ट्रांसपोर्ट नगर के अभाव में शहर के अनेक मोहल्लों के गली-कूचों में अघोषित रूप से मिनी ट्रांसपोर्ट नगर विकसित हो रहे हैं, जिससे नागरिकों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। इसी तरह शहर में यातायात का दबाव बढ़ रहा है, जिससे दुर्घटना की आशंका बनी रहती है और इससे शहर के अंदरूनी हिस्सों के सड़कों को भी नुकसान हो रहा है।
पार्षद सुरेंद्र बजाज ने बताया कि चार वर्ष तत्कालिक महापौर ने गंजपारा से बाजे-गाजे के साथ जुलूस निकलवाकर ट्रांसपोर्ट व्यवसायियों को नचाते हुए चिखली रोड के खाली पड़े जमीन में अस्थायी ट्रांसपोर्ट नगर में उन्हें स्थापित किया था। तत्कालिक महापौर ने तब गंजपारा से चलकर अंत तक मुख्य बाजार होते हुए निकले जुलूस का स्वयं नेतृत्व किया था। निगम प्रशासन ने उस वक्त ट्रांसपोर्ट व्यवसायियों को सुविधा के नाम पर अनेक सब्जबाग दिखाए। ट्रांसपोर्टरों ने उन पर विश्वास करते हुए निगम प्रशासन एवं तत्कालिक महापौर को भरपूर सहयोग प्रदान किया था किंतु उस वक्त कुछ ट्रक मुरुम डालने के अलावा कुछ भी कार्य नहीं किया। विगत चार वर्षों में वह स्थल अभी भी सुविधाओं का बाट जोह रहा है। वहां पर सड़क, पेयजल, बिजली एवं धूप एवं पानी से बचने के लिए बैठने की सुविधा नहीं है। किंतु निगम प्रशासन इस ओर गंभीर नहीं है। सबसे बुरी स्थिति बरसात में होती है जब वहां पर वाहन खड़ा करना तो दूर पैदल चलना भी दूभर हो जाता है। मजबूरन ट्रक मालिकों को अपना वाहन सड़क किनारे खड़ा करना पड़ता है, जिससे उन्हें अनेकों बार वाद-विवादों एवं अन्य अप्रिय स्थिति का सामना करना पड़ता है। ट्रांसपोर्ट व्यवसायी अपने आपको ठगा महसूस कर रहे हैं और उनमें आक्रोश व्याप्त है। प्रशासन समय रहते नहीं चेता तो कभी भी अप्रिय स्थिति निर्मित हो सकती है एवं ट्रांसपोर्ट व्यवसायी एवं नागरिकों के आक्रोश का सामना करना पड़ सकता है।
पार्षद सुरेंद्र बजाज ने बताया कि प्रदेश शासन की शहरी क्षेत्रों में व्यवस्थित एवं सुविधाजनक ट्रांसपोर्ट नगर बनाने की योजना है। इस कार्य के लिए फंड की प्राथमिकता से व्यवस्था की जाती है। जिसके कारण प्रदेश के सभी प्रमुख बड़े शहरों में ट्रांसपोर्ट नगर बन चुका है, किंतु निगम प्रशासन की लापरवाही का खामियाजा यहां के निवासियों को भुगतना पड़ रहा है। पटरीपार के लोगों के लिए यह एक गंभीर समस्या बेनतीजा रही है। अत: निगम प्रशासन इस महत्ती योजना के प्रति सक्रियता दिलाए, ताकि भविष्य में होने वाली अप्रिय स्थिति से निपटा जा सके।
०००

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें