बुधवार, 14 अप्रैल 2010

कल से छुट्टी

दुर्ग, 14 अप्रैल। छत्तीसगढ़ स्कूल शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल के निर्देश पर 15 अप्रैल से भीषण गर्मी को देखते हुए 15 जून तक सभी शालाओं में अवकाश घोषित किया गया है।
पूरे प्रदेश में अप्रैल माह में ही पूर्व के वर्षों की अपेक्षा तापमान में लगातार भारी वृद्धि हो रही है। रायपुर में तापमान 44 डिग्री जहां पहुंच गया है वहीं प्रदेश के कई हिस्सों में तापमान 45 डिग्री को पार कर चुका है। सरगुजा तथा बस्तर में भी तापमान में वृद्धि बताई जा रही है। प्रदेश के स्कूलों में अध्ययन करने वाले बच्चों को लू से बचाने के उद्देश्य से शिक्षामंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने 15 अप्रैल से 15 जून तक सभी हिन्दी, अंग्रेजी माध्यम की शालाओं में अवकाश रखने के निर्देश दिए है। ज्ञातव्य हो कि दो दिन पूर्व ही कोरबा जिले में लू लगने से तीन लोगों की मृत्यु हो चुकी है। स्कूलों में अध्ययन करने वाले बच्चों के पालक इस बात को लेकर पहले से ही  चिंतित थे। अब उन्हें स्कूल शिक्षा विभाग के अवकाश की घोषणा से काफी राहत मिली है।
बताया जाता है कि स्कूलों में अवकाश के निर्देशों का कड़ा पालन करने निजी स्कूलों को भी निर्देश दिए गए हैं, साथ ही चेतावनी दी गई है कि यदि निजी स्कूल खुले पाए गए तो उन पर कड़ी कार्यवाही की जाएगी। गौरतलब है कि स्कूलों में वर्तमान सत्र अप्रैल के अंत तक चलना था। किन्तु लगातार बढ़ रही गर्मी से बच्चों को हो रही परेशानियों के मद्देनजर स्कूल बंद करने का निर्णय लिया गया।

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मृत वृद्धा के शव को परिजनों का इंतजार

दुर्ग, 14 अप्रैल। कलयुगी पुत्रों ने अपनी बीमार मां को रायपुर स्थित अंबेडकर अस्पताल में भर्ती तो करा दिया लेकिन उसकी मौत होने के बाद शव तक लेने नहीं गए। पुलिस ने मृत महिला के शव को मरचुरी में रखवा दिया है और उसके परिजनों की तलाश कर रही है।
जानकारी के अनुसार 19 मार्च को भिलाई निवासी फूलबाई 70 वर्ष को उसके पुत्रों ने लाकर अम्बेडकर अस्पताल मेंं भर्ती कराया था। बताया जाता है कि वृद्धा को कुछ गंभीर बीमारी हो गई थी। अस्पताल में भर्ती कराने के बाद उसके पुत्र दवाई आदि लाने का बहाना कर अस्पताल से निकल गए और फिर वापस नहीं लौटे। इधर अंतिम समय में अपने बेटों को याद करते-करते वृद्धा फूलबाई की 12 अपै्रल को मौत हो गई। अस्पताल प्रशासन ने इसकी सूचना पुलिस को दी, लेकिन नाम-पता नहीं होने के कारण पुलिस भी असमंजस में है। फिलहाल मृतका के शव को चीरघर में रखवा दिया गया है। वहीं उसके परिजनों की तलाश की जा रही है।
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कुएं में मिला हथियारों का जखीरा
दुर्ग, 14 अप्रैल। जिला कलेक्टोरेट स्थित वर्षो पुराने कुएं में आज सुबह हथियारों का जखीरा मिलने से लोगों में सनसनी फैल गई। कुए से बरामद हथियारों में 25 तलवार,45 चाकू,10 कटार,5 छोटा छुरा,एक गंडासा,एक गुफ्ती,हाकी स्टीक, लाठी -डंडे शामिल हैं। इनमें से अधिकांश हथियार जंग लगे हुए हैं तथा कुछ नए हैं,जिससे माना जा रहा हैं कि इसमें से बहुतायत हथियार 10 से 15 वर्ष पुराने और कुछ हथियार 1-2 वर्ष पुराने हैं। खबर पर कलेक्टोरेट पहुंची कोतवाली पुलिस ने हथियारों के जखीरों को जप्त किया हैं। पुलिस के मुताबिक कुएं से बरामद हथियार न्यायालय में पेश होने वाले उन आरोपियों से जप्त किए गए हथियार है। जिन्हें पुलिस द्वारा न्यायालय में पेश किया जाता हैं और मामले के फैसले के बाद कुंए में विनिष्टीकरण किया जाता हैं। लेकिन अब सवाल यह उठता हैं कि इतने घातक हथियारों का सार्वजनिक जगह के कुएं में विनिष्टीकरण का क्या औचित्य हैं। यदि यह संगीन हथियार गलत हाथों तक पहुंच जाता तो निश्चित ही इन हथियारों का पुन: गलत उपयोग से साफ इंकार नहीं किया जा सकता। बहरहाल कोतवाली पुलिस ने हथियारों को जप्त कर मामले को जांच में लिया हैं। नगर निगम द्वारा कुएं व तालाबों की गहरीकरण व साफ-सफाई का अभियान चलाया जा रहा हैं। अभियान के तहत आज सुबह उस समय दुर्ग कलेक्टोरेट परिसर में हड़कंप मच गया जब कलेक्टोरेट परिसर स्थित कुंए की साफ-सफाई के दौरान सफाई कर्मियों को एक बाद एक संघातिक हथियार मिलना शुरु हो गया। इससे सफाई कर्मी सकते में आ गए और इसकी खबर तत्काल कोतवाली पुलिस को दी गई। सूचना पर पहुंची कोतवाली पुलिस की मौजूदगी में पुन: कुएं की साफ-सफाई की गई। इस दौरान सीएसपी राकेश भट्ट,सहायक उपनिरीक्षक जलालुद्दीन खान एवं अन्य पुलिस कर्मी मौजूद थे। साफ-सफाई के दौरान कुएं से हथियारों का जखीरा बरामद हुआ हैं। कुएं की सफाई 13 अप्रैल से शुरु हुई हैं लेकिन कुएं की पहले दिन की सफाई में कुछ नहीं मिला था। आज सुबह कुएं की साफ-सफाई की गई तो हथियारों का जखीरा बरामद हुआ। कुएं की कल 15 अप्रैल को भी साफ-सफाई की जाएगी। गौरतलब है कि कलेक्ट्रेट परिसर में न्यायालय भी जुड़ा हुआ है। पुलिस के एक वरिष्ठ अफसर ने बताया कि आरोपियों से जप्त हथियारों को पुलिस द्वारा पहले न्यायालय में पेश किया जाता है जिसके बाद उन हथियारों को या तो नष्ट कर दिया जाता है या फिर तोड़-फोड़कर उनकी निलामी की जाती है।  अब जांच का विषय यह है कि भारी मात्रा में बरामद इन हथियारों को किन-किन पुलिस कर्मियों द्वारा कुंए में फेंका गया है। इस संबंध में जब दुर्ग कोतवाली के सीएसपी राकेश भट्ट से जानकारी मांगी गई तो उन्होंने कहा कि इस मामले में जांच पड़ताल की जाएगी।

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मेटाडोर-यात्री बस में भिड़ंत

दुर्ग, 14 अप्रैल। बेमेतरा-नवामार्ग पर आज सुबह एक यात्री बस तथा मेटाडोर में हुई भीषण टक्कर में करीब 8 यात्रियों को गंभीर चोटें आई वहीं मेटाडोर चालक की स्थिति नाजुक बनी हुई है। पुलिस ने घायलों को तत्काल अस्पताल रवाना किया है।
पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार हादसा आज सुबह करीब 8 बजे के आसपास बेमेतरा-नवापारा मार्ग पर हुआ। बताया जाता है कि रायपुर से जीवन बस सर्विस की यात्री बस क्रमांक सीजी 04 ई 2006 करीब 40-45 यात्रियों को लेकर बेमेतरा जाने निकला था। इसी दौरान नवापारा मार्ग पर विपरीत दिशा से आ रही मेटाडोर क्रमांक सीजी 04 जेए 5452 से यात्री बस की आमने-सामने जोरदार ठक्कर हो गई। हादसे में मेटाडोर के केबिन के परखच्चे उड़ गए। वहीं मेटाडोर चालक पंचराम सतनामी निवासी पंडरिया को गंभीर चोटें आई।
बताया जाता है कि हादसे के बाद आरोपी यात्री बस चालक वाहन छोड़कर भाग निकला। वहीं बस में सवार करीब 8 यात्रियों को भी चोटें आई हैं। घायल यात्रियों में कमलेश कुमार, टीकाराम, दिलीप दास, सागर दास, दिनेश कुमार, त्रिलोक, कुमारी लोकेश्वरी तथा निर्मलदास शामिल हैं। हादसे की सूचना मिलते ही बेमेतरा थाना पुलिस मौके पर पहुंच गई थी और लोगों के सहयोग से घायल यात्रियों को तत्काल अस्पताल पहुंचाया।
गौरतलब है कि ज्यादा से ज्यादा यात्रियों को ढोने और समय से पहले पहुंचने की होड़ के चलते निजी बसें बेलगाम रफ्तार से सड़कों पर दौड़ती हैं। इन बसों पर शासन-प्रशासन का किसी तरह का नियंत्रण नहीं होने की वजह से अक्सर दुर्घटनाएं होती हैं, जिसका शिकार यात्रियों को होना पड़ता है। बस संचालकों की आपसी प्रतिस्पर्धा के चलते भी कई बार मारपीट की स्थितियां निर्मित होती रहती हैं। इसके अलावा कहीं भी अचानक बस रोक देने से दुर्घटना को आमंत्रण मिलता है।

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पावर हाउस रेलवे स्टेशन के फिरेंगे दिन

दुर्ग, 14 अप्रैल। छोटे स्टेशनों में रेल्वे को सर्वाधिक आय देने वाले पावर हाउस स्टेशन को भव्यता प्रदान करने वाली योजना बनकर तैयार हो गई है। दक्षिण पूर्वी मध्य रेल्वे का एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधि मंडल विगत सप्ताह यहां पहुंचा एवं इस संबंध में विस्तृत जानकारी दी। इस योजना के अन्तंर्गत स्टेशन में ठहरने के लिए वातानुकुलित कमरे एवं सर्वसुविधायुक्त केन्टीन का निर्माण किया जाएगा।
गौरतलब है कि पावर हाउस का रेल्वे स्टेशन छोटे स्टेशनों के क्रम में रेल्वे को सर्वाधिक कमाई करके देता है लेकिन यात्री सुविधा के नाम पर रेल्वे प्रबंधन ने हमेशा अपने हाथ बांधकर ही रखे। वर्षों का इंतजार करने के बाद अब कही जाकर रेल्वे ने इसकी सुध ली है। वर्ष में लगभग 18 करोड़ का राजस्व देने वाले इस स्टेशन में आज तक ठंडा पानी पीने की सुविधा भी उपलब्ध नहीं है। महिलाओं के लिए शौचालय नहीं होने से महिला यात्रियों को काफी कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है इतनी जटिल समस्या होने पर भी जनप्रतिनिधियों का इस मामले पर चुप रहना समझ से परे है।  बताया जाता है कि केन्टीन रेलमंत्री ममता बेनर्जी ने इस बार के बजट में पावर हाउस रेल्वे स्टेशन के उत्थान के लिए एक बड़ी राशि को मंजूरी दी है। इस राशि में यात्रियों के ठहरने के लिए स्टेशन परिसर में वातानुकुलित कमरे एवं सर्वसुविधा युक्त योजनालय का निर्माण किया जाएगा। निर्माण स्थल के निरीक्षण के लिए कलकत्ता से अधिकारियों का एक दल विगत सप्ताह यहां पहुंचा एवं कई स्थानों को चिन्हित किया।  स्टेशन के प्रशासनिक सूत्रों ने इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि निर्माण कार्य जून माह से शुरू होना संभावित है।

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धूमधाम से मनी आम्बेडकर जयंती

दुर्ग, 14 अप्रैल। भारत के संविधान निर्माता डॉ. बाबा साहेब आम्बेडकर का 119वीं जयंती आज हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। जयंती के अवसर पर दुर्ग के शंकर नगर स्थित बुद्ध विहार में मुख्य समारोह का आयोजन किया गया। बुद्धविहार में सुबह से ही डॉ.साहेब के अनुयाईयों की भीड़ जुटनी शुरु हो गई थी। बुद्धविहार में लोगों ने डॉ. आम्बेडकर के तैलचित्र पर माल्यार्पण कर पूजा अर्चना की। तत्पश्चात दिनभर धार्मिक एवं सांस्कृतिक आयोजन होते रहे। दोपहर बाद डॉ.आम्बेडकर की शहर में भव्य शोभायात्रा निकाली गई। शोभायात्रा का जगह-जगह लोगों ने स्वागत किया।

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निर्धन नि:शक्तजन युवक युवती परिचय सम्मेलन 2 मई को

दुर्ग, 14 अप्रैल। आस्था संस्था के तत्वाधान में विगत 5 वर्षो से 2 हजार नि:शक्त जनों का परिचय सम्मेलन कराया जिसमें अब तक युवक युवती संख्या में 20 अपने स्वंय के व्यय पर निर्धन युवक-युवती का सार्वजनिक सामुहिक विवाह सम्पन्न कराया जायेगा। आस्था द्वारा नि:शक्तजनों के लिए विवाह की सामुहिक पहल को नि:शक्तजनों के परिवार ने खुब सराहा जिससे नि:शक्तजनों के सैकड़ो परिवार आस्था के सेक्टर-2 कार्यालय में अपना निवेदन आवेदन दिये है। नि:शक्तजनों की मांग को देखते हुए आस्था संस्था द्वारा इस वर्ष भी परिचय सम्मेलन व सामुहिक विवाह करने का निर्णय लिया है। जिसके तहत इसकी प्रारंभिक शुरूवात दिनांक 6 अप्रैल को भिलाई में मानस भवन स्थित नि:शक्तजनों सामर्थ शिविर में संस्था द्वारा विवाह हेतु पंजीयन स्टॉल लगाया था। जहॉ मिले नि:शक्तजनयुवक युवती ने आस्था के द्वारा किये जा रहे कार्यो की उत्साह पूर्वक जानकारी ली। और 32 युवक युवती में अपना नाम पंजीयन कराया है। आस्था संस्था द्वारा नि:शक्तजन परिचय सम्मेलन में शामिल होने के लिए सेक्टर-2 कार्यालय, एवं सेक्टर-6 सी मार्केट भारत फोटो फे्र मिंग में आवेदन पत्र उपलब्ध करवाये है। जिन्हें नि:शक्तजन विवाह परिचय सम्मेलन में भाग लेना है वे दिनांक 30 अप्रैल तक अपना नाम पंजीयन करावें। सामर्थ नि:शक्तजन शिविर में संख्या के स्टॉल पर सहयोग करने वाले के प्रमुख प्रकाश गेडाम, मनोज ठाकरे, नंदलाल उपाध्याय, रत्ना नारमदेव उपस्थित थे।

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किसानों ने ली कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी

दुर्ग, 14 अप्रैल। जिले में चल रहे ग्राम सुराज अभियान में किसान सम्मेलन में कृषि विभाग द्वारा विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी दी जा रहीं है। कृ षि विभाग के उप संचालक धुरंधर ने बताया कि किसानों को योजनाओं की जानकारी देने के साथ ही योजनाओं से लाभान्वित भी किया जा रहा है। किसान सम्मेलन में कृषि विभाग द्वारा हस्त चलित, बैल चलित एवं शक्ति चलित पम्प अनुदान राशि संबंधि जानकारी, जल संरक्षण तथा जैविक खेती को बढ़ावा देने हेतु नाडेप, वर्मी कम्पोस्ट, नील हरित काई योजना की जानकारी दी जा रहीं है। साथ ही नलकूप एवं कूप भरण योजना अंतर्गत 5 हजार रू या लागत 50 प्रतिशत जो भी कम हो अनुदान देने का प्रावधान के संबंध में बताया जा रहा है। फसल परिवर्तन कार्यक्रम के तहत कम पानी वाले फसल जैसे- उड़द, मूंग, मक्का लाभकारी फसल लगान हेतु सलाह दी जा रहीं है। अग्रिम खाद बीज उठाने वाले कृषकों को समिति द्वारा 3 प्रतिशत पर ब्याज उपलब्ध कराये जा रहे है, जिसमें 15 जून तक कोई ब्याज नही लिया जायेगा एवं समय पर कृषकों को सुगमता से आदान सामग्री प्रदान किया जा सकेगा। धान के छिटवा पद्धति के स्थान पर कतार बोनी पद्धति से किया जाना लाभदायक है। क्योंकि पानी की कमी से पौधों में सहनशक्ति की क्षमता 15 से 20 दिन अधिक होती है एवं पौधों की मानक संख्या आवश्यकतानुसार होती है जिससे उत्पादन में 10 से 15 प्रतिशत की वृद्धि संभावित है। धान की रोपाई विधि से ज्यादा कारगार मेडागास्कर पद्धति से रोपाई करने से उत्पादन में 20 से 25 प्रतिशत तक की वृद्धि किया जा सकता है। धान केे खाली मेडों पर अरहर तिल का फसल लिया जाकर कृषक दलहन तिलहन का अधिक उत्पादन लिया जा सकता है। पानी की समस्या को देखते हुए कम पानी में उत्पादन देने वाने फसलों का चयन ड्रिप एवं स्प्रिंकलर विधि से सिंचाई किये जाने से जल की बचत के साथ-साथ उत्पादन में भी 10 ससे 15 प्रतिशत की वृद्धि किया जा सकता है।
उद्यानिकी विभाग दे रहा फल-फू ल की जानकारी
ग्राम सुराज अभियान के किसान सम्मेलन में उद्यानिकी विभाग दे रहा है फल-फूल की जानकारी। योजनाओं के बाबत बताया जा रहा है कि फल विकास हेतु राज्य योजना द्वारा 4360 रू प्रति हे. की दर से आम पौधा,खाद दवा का प्रावधान है। इसी प्रकार राष्ट्रीय बागवानी मिशन द्वारा आम, नीबू फलोद्यान हेतु 1800 रू का अनुदान प्रावधानित है। केला, पपीता हेतु 50 हजार रू की दर से पौधा खाद दवा के रूप में दिया जाता है। सब्जी उत्पादन को बढ़ावा देने हेतु 15सौ रू का छूट प्रदान किया जाता है। बीजोत्पादन हेतु 25 हजार रू की दर से अनुदान दिया जाता है। व्यावसायिक पुष्प उत्पादन हेतु गुलाब, झरबेरा पर 35 हजार रू की दर से ग्लेडिमोलस, रजनीगंधा पर 45 हजार रू तथा गेंदा, सेवंती पर 12 हजार रू हे. की दर से पौधा, बीजा, खाद एवं दवा प्रदाय की जाती है। राज्य योजना में 3 हजार रू का अनुदान पुष्प खेती हेतु प्रावधानित है। फसल तोड़ाई पश्चात् उद्यानिकी फसलों के संग्रहण, भण्डारण, विपणन तथा प्रसंस्करण हेतु विभिन्न योजनाएं संचालित है। संरक्षित एवं टिकाऊ खेती हेतु उद्यानिकी फसल वालें कृषकों को वर्मी, पक्का टांका तथा पोटैबल वर्मी बेड की योजना 30 हजार रू हे. अनुदान पर क्रियान्वित की जा रही है। इसी तरह ग्रीन हाऊस प्लास्टिक मल्चिंग, शेडनेट हाऊस, की योजना चलाई जा रही है। सूक्ष्म सिंचाई योजनान्तर्गत लघु सीमांत कृषकों को लागत का 50 प्रतिशत एवं बड़े कृषकों को 70 प्रतिशत अनुदान की योजना निरंतर क्रियान्वित है।
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1 टिप्पणी:

  1. अच्‍छा लगा अपने प्रदेश की घटनाक्रमों की जानकारी किसी ब्‍लोग पर पढकर. लगे रहे आगे बढते रहे. इसके लिए मैं आपकों धन्‍यवाद देता हूं.

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