रविवार, 25 अप्रैल 2010

बिना अनुमति के बोरिंग खोदने पड़ेगा महंगा

दुर्ग, 25 अप्रैल। अल्पवर्षा एवं सूखा के कारण दुर्ग जिले का भूजल स्तर निरंतर गिरते जा रहा है। नदी नाले सूख गये है एवं जल स्तर नीचे चले जाने के कारण हेण्ड पंप भी काम करना बंद कर रहे है। पेयजल की संभावित समस्या को ध्यान मे रखते हुए कलेक्टर ठाकुर रामसिंह द्वारा छत्तीसगढ़ पेयजल परिक्षण अधिनियम 1986 के तहत पिछले साल नवंबर महीने तक सम्पूर्ण दुर्ग जिले को जलाभाव क्षेत्र घोषित कर नवीन नलकूपों के खनन पर प्रतिबंध लगाया गया है।
भीषण गर्मी के कारण भूजल स्तर में लगातार गिरावट आ रही है नए नलकूपों के खनन से आगामी दिनों में स्थिति और भी भयावह होगी इसे देखते हुए कलेक्टर ने जिले के अनुविभागीय अधिकारियों अनुविभागीय दंडाधिकारियों, तहसीलदारों एवं थाना प्रभारियों को इस आशय का निर्देश प्रसारित किया है कि छत्तीसगढ़ पेयजल परिक्षण अधिनियम के तहत लगाए गए नलकूपों के खनन संबंधी प्रतिबंध आदेश का सख्ती से पालन कराया जावे। कलेक्टर ने यह भी चेतावनी दी है कि यदि भविष्य में बिना सक्षम प्राधिकारी की अनुमति के अवैध बोर खनन की शिकायत कहीं से मिलती है तो संबंधित क्षेत्र के तहसीलदार एवं थाना प्रभारी की जिम्मेदारी तय की जाएगी। सूखा राहत शाखा के प्रभारी अधिकारी डिप्टी कलेक्टर एके बाजपेयी ने बताया कि जिले में नए नलकूप खनन पर प्रतिबंध प्रभावशील है और अब तक जिले में अवैध रूप नलकूप करने के 19 मामले दर्ज किए गए है। इन मामलों में बोरिंग मशीन मय वाहन की जप्ती की गई है। और कलेक्टर महोदय के न्यायालय में प्रकरणों की सुनवाई की जा रहीं है। छत्तीसगढ़ पेयजल परिक्षण अधिनियम 1986 के तहत  प्रतिबंध आदेश का उल्लंघन करने पर दो हजार रू जुर्माना एवं दो वर्ष की सजा का प्रावधान है। अवैध रूप से नलकूप खनन करने वालों पर कार्यवाही के साथ ही जहां पेयजल हेतु अत्यावश्यक हुवा वहांं नलकूप खनन की अनुमति भी जारी की गई है। अब तक जिले भर में 78 व्यक्तियों को पेयजल हेतु एवं 52 व्यक्तियों को गन्ना की फसल लगाने हेतु नलकूप खनन की अनुमति दी गई।

०००

15 दिनों में निराकरण करने कलेक्टरी फरमान

दुर्ग, 25 अप्रैल। कलेक्टर ठाकुर रामसिंह ने जिले के सभी कार्यालय प्रमुखों को निर्देशित किया है कि जनप्रतिनिधियों से प्राप्त आवेदन पत्रों का निराकरण 15 दिनों में करें। अपने निर्देश में उन्होंने कहा कि मंत्रीगण एवं सांसद, विधायकों से प्राप्त आवेदन पत्रों का निराकरण कर संबंधित एवं जिला कार्यालय को अवगत कराने हेतु सीधे आपको भेजे जाते है, किन्तु आपके द्वारा निराकरण के संबंध मेंं कोई जानकारी नहीं दिया जाता है। इससे शासन को जानकारी भेजने में कठिनाई होती है। अत: सभी को निर्देशित किया जाता है कि मंत्रीगण एवं सांसद, विधायकों से प्राप्त आवेदन पत्रों का प्राथमिकता के आधार पर 15 दिवस के भीतर निराकरण किया जाकर इसकी सूचना संबंधित मंत्रीगण के निज सचिव, सांसद, विधायक के एवं जिला कार्यालय को भी भेजें।

०००

भूतपूर्व सैनिकों के लिए रोजगार

दुर्ग, 25 अप्रैल।  राज्य के भूतपूर्व सैनिकों एवं उनके आश्रितों के लिये स्व-रोजगार से संबंधित पाठ्यक्रमों के प्रशिक्षण संचालित करने के लिये वीनस कम्प्यूटर विपरीत आनंद नगर, जीई रोड रायपुर को अधिकृत किया गया है। जिला सैनिक कल्याण अधिकारी लेफिटनेंट कर्नल एसव्ही उत्तरवार से मिली जानकारी के अनुसार प्रशिक्षण केन्द्र में बेसिक कोर्स कम्प्यूटर साइंस एप्लीकेशन, बुक कीपिंग एवं एकाऊटेंसी व डेस्क टॉप पब्लिशिंग कोर्स चलाये जायेेंगे। कम्प्यूटर प्रशिक्षण के इच्छुक भूतपूर्व सैनिक अथवा उनके आश्रित 28 अप्रैल तक अपना आवेदन जिला सैनिक कल्याण कार्यालय दुर्ग में प्रस्तुत कर सकते है। साथ ही उक्त कार्यालय से इस संबंध में विस्तृत जानकारी प्राप्त की जा सकती है।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें