मंगलवार, 27 अप्रैल 2010

विषाक्त भोजन ने ली दो जानें

एक ही परिवार के 9 अस्पताल में, 2 बच्चे गम्भीर
दुर्ग, 27 अप्रैल। पाटन थानांतर्गत ग्राम लोहरसी में सोमवार की रात जहरीले भोजन के सेवन के बाद एक ही परिवार के दो लोगों की मौत हो गई जबकि 9 लोगों के अम्बेडकर अस्पताल रायपुर में भर्ती होने से गांव में मातम का माहौल है। वहीं अस्पताल में भर्ती दो बच्चों की हालत गंभीर होने से परिवार के लोग सहमे हुए हैं। ग्राम लोहरसी निवासी दुखु पटेल 55 वर्ष पिता शिवचरण पटेल के घर पर सोमवार की रात करीब 8.30 बजे एक दर्जन लोगों के भोजन करने के बाद यह घटना सामने आया। भोजन करने के आधे घंटे बाद बड़े, बच्चे व महिलाओं को अचानक उल्टियां आनी शुरु हो गई। मुंह से झाग भी निकल रहा था। रात में ही गांव के लोगों की मदद से पीडित लोगों को अम्बेडकर अस्पताल रायपुर में दाखिल करवाया गया। जहां रात करीब 1 से 2 बजे के बीच रजऊ पटेल 32 वर्ष पिता दुखु पटेल ग्राम लोहरसी थाना पाटन और पूर्णिमा पटेल 27 वर्ष पिता नरेन्द्र पटेल तेलीगुण्डरा थाना रानीतराई निवासी ने दम तोड़ दिया। द्रोपती पति दुखु पटेल लोहरसी,नरेन्द्र पटेल पिता दुखु पटेल लोहरसी ,हेमलता पटेल 27 वर्ष पिता रजऊ पटेल लोहरसी,शालिनी पटेल 6 वर्ष पिता रजऊ पटेल लोहरसी,निशा पटेल 3 वर्ष पिता रजऊ पटेल, शेषनारायण पटेल, कंचन पटेल 8 वर्ष पिता नरेन्द्र पटेल, ज्योति पटेल 6 वर्ष पिता नरेन्द्र पटेल,निठेश्वर पटेल का अम्बेडकर अस्पताल रायपुर में उपचार जारी हैं। इनमें से 3 वर्षीय निशा पटेल और 6 वर्षीय ज्योति पटेल की हालत चिंताजनक बनी हुई हैं। मृत लोग व अस्पताल में भर्ती सभी लोग आपस में रिश्तेदार हैं। भोजन जहरीला कैसे हुए फिलहाल परिजन इस संबंध में कुछ बता नहीं पा रहे हैं। बताया गया हैं भोजन में कल रात चांवल,दाल,रोटी व मसालेदार आलू-भाठा की सब्जी परोसा गया था। पाटन पुलिस ने घटनास्थल से खाद्य पदार्थो के अलावा उल्टीयुक्त खाद्य पदार्थ परीक्षण के लिए जप्त किया हैं। पुलिस भोजन के जहरीले होने के संबंध में कुछ भी बताने की स्थिति में नहीं हैं। पीडि़त पटेल परिवार सब्जी व्यवसाय से जुड़ा हुआ हैं। पुलिस का कहना हैं कि खाद्य पदार्थो के परीक्षण उपरांत ही इस मामले में कुछ कहा जा सकता हैं। घटना से जहां गांव के लोगो में शोक की लहर हैं वहीं वे घटना को लेकर आश्चर्यचकित भी हैं कि ताजा भोजन कैसे अचानक जहरीला हो गया। जिसका पटेल परिवार को भारी खामियाजा भुगतना पड़ा।
पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक पाटन के ग्राम लोहरसी निवासी दुखु पटेल के घर सोमवार को उनके रिश्तेदार सपरिवार आए हुए थे। लिहाजा रिश्तेदारों के मेहमान नवाजी के लिए बीती रात भोजन की भी व्यवस्था की गई। भोजन के दौरान पटेल परिवार के लोगों में भारी खुशी थी लेकिन भोजन के आधे घंटे बाद यह खुशी पीड़ा के रुप में बदल गई। बताया गया हैं भोजन करने वाले परिवार के सभी सदस्यों को अचानक पेट में दर्द के साथ उल्टियां आनी शुरु हो गई। परिवार के कुछ सदस्यों के मुंह से झाग भी निकल रहा था। एक दो सदस्य तो घर पर ही गश खाकर गिर गए। अचानक यह घटना सामने आने से पटेल परिवार के लोगों के होश उड़ गए। घटना की गांव के अन्य लोगों को खबर दी गई। तत्पश्चात सभी पीडितों को गांव वालो की मदद से उपचारार्थ रायपुर के अम्बेडकर अस्पताल पहुंचाया गया। एक ही परिवार के दस लोगों के अचानक इलाज के लिए अम्बेडकर अस्पताल पहुंचने से अस्पताल प्रबंधन भी सकते में आ गया था। पीडितों का तत्काल इलाज शुरु किया गया। लेकिन रात 1 से 2 बजे के बीच रजऊ पटेल और पूर्णिमा पटेल ने दम तोड़ दिया। शेष 9 लोगों का इलाज जारी हैं। जिनमें 3 वर्ष की निशा पटेल और 6 वर्षीय ज्योति पटेल की हालत नाजुक बनी हुई हैं। अस्पताल में भर्ती पीडि़तों का कुशलक्षेम जानने ग्राम लोहरसी के लोग अस्पताल पहुंच रहे हैं और घटना पर आश्चर्य व्यक्त कर रहे हैं। एक ही चर्चा छिडी हुई है कि भोजन अचानक जहरीला कैसे हो गया। पीडित पटेल परिवार सब्जी व्यवसाय से जुड़ा हुआ हैं। सब्जी व्यवसाय में कीटनाशकों का उपयोग बहुतायत होता है। आशंका है कि घर में रखा कीटनाशक ही भोजन तक पहुंच गया होगा। बहरहाल पाटन पुलिस ने मर्ग कायम कर मामले को जांच में लिया हैं।

०००

निर्माणाधीन मकान को जेबीसी लगा तुड़वाया
पुलिस भी नहीं लिख रही रिपोर्ट


भिलाई, 27 अप्रैल। नेवई थानांतर्गत आशीष नगर में जमीन पर कब्जे को लेकर दो संयंत्र कर्मियों में विवाद हो गया। विवाद के चलते ताजा-ताजा संयंत्र के अधिकारी बने एक व्यक्ति ने जेसीबी लगवाकर मकान को तुड़वा दिया। जबकि रेवेन्यू इंस्पेक्टर पहले ही विवाद का समाधान कर चुके थे। मामले का अहम् पहलू यह भी है कि पीडि़त पक्ष जब नेवई थाना पहुंचा तो उसकी रिपोर्ट लिखने से ही मना कर दिया गया।
जानकारी के मुताबिक, भिलाई इस्पात संयंत्र में कार्यरत् सेक्टर-5, 31 ए, स्ट्रील 29 निवासी रामेश्वर वर्मा का आशीष नगर में प्लाट है। श्री वर्मा इस प्लाट पर मकान बनवा रहे थे, किन्तु इससे संयंत्र में ही कार्यरत् 18ए, सड़क 30, सेक्टर 10 निवासी एसके देवांगन को आपत्ति थी। देवांगन का आरोप था कि श्री वर्मा ने उनकी जमीन पर कब्जा किया। इसके चलते पूर्व में दोनों के बीच हाथापाई की स्थितियां भी निर्मित हुई। बाद में रेवेन्यू इंस्पेक्टर को बुलवाकर जब जमीनों का सीमांकन करवाया गया तो जमीन पर कब्जे का आरोप निराधार निकला। रेवेन्यू इंस्पेक्टर ने श्री वर्मा को क्लिनचिट देते हुए यहां तक कह दिया कि देवांगन ने ही कब्जा कर रखा था। इस घटनाक्रम से बौखलाए एसके देवांगन ने जेसीबी बुलवाकर श्री वर्मा के लगभग बन चुके मकान को तुड़वा दिया। मामले की शिकायत करने के लिए जब पीडि़त श्री वर्मा नेवई थाना पहुंचे तो उनकी रिपोर्ट तक दर्ज नहीं की गई और उन्हें लिखित में शिकायत देने को कहा गया। बताया जाता है कि मकान तुड़वाने के बाद से एसके देवांगन लापता हो गया है।

0000

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें