मंगलवार, 13 अप्रैल 2010

करोड़ों डकारकर भागी कंपनी

दुर्ग,13 अप्रैल। नेटवर्किंग कंपनियों द्वारा हजारों लोगों के खून-पसीने की करोड़ों रूपए हड़प लेने का सनसनीखेज मामला प्रकाश में आया है। गैर राजनीतिक संगठन जनता, युवा, छात्र महासंघ ने राज्य शासन के समक्ष इस फर्जीवाड़े का खुलासा करते हुए आरोपियों पर कड़ी कार्रवाई एवं नागरिकों के डूबे पैसे वापस दिलाने की मांग रखी है। वेल्थ लाईन और वे टू लाइफ नामक कंपनी ने तीन गुणा मुनाफा देने का झांसा देकर प्रदेश के सैकड़ों-हजारों लोगों से अरबों रूपए जमा करा लिया और जब लोगों को उनके पैसे तीन गुणा कर वापस देने की बात आई तो गधे की सिर से सिंग की तरह सब नदारत हो गए। लोगों को जब अपने ठगे जाने का अहसास हुआ तो वे सिर्फ हाथ मलते रह गए। इंटरनेट पर कथित रूप से चलने वाले वेल्थ लाईन और वे टू लाइफ जैसे फर्जी कंपनियों के खिलाफ पीडित लोगों में भारी आक्रोश है। खून-पसीने की कमाई गंवाने लोग भले ही अभी अपना मुंह बंद रखे हुए हैँ। महंगाई और गरीबी की मार से बेजार नागरिकों का गुस्सा कभी भी फूट सकता है। फर्जी कं पनी के संचालकों के खिलाफ 18 अप्रैल को अंबेडकर उद्यान, सेक्टर-1, भिलाई एवं 22 अप्रैल को रायपुर के अनुपम गार्डन में पीडित नागरिकों ने बैठक रखी है।

तीन गुणा पैसा वापस करने का झांसा देने वाली उक्त कंपनियां स्वयं को मलेशिया की बताती है तथा अपने एजेंटों के जरिये आम लोगों को आर्थिक प्रलोभन देकर फांसती है। इन्हीं एजेंटों के माध्यम से भोले-भाले लोगों से पैसे जमा कराए गए। आरबीआई की अनुमति के बिना उक्त कंपनियां कैसे बेखौफ होकर धड़ल्ले से अपना जाल बिछाती है और रूपयों के पेड़ लगाने का झांसा देकर करोड़ों-अरबों ऐंठकर रफूचक्कर हो जाती है, हैरत का विषय है। जनता युवा छात्र महासंघ के केंद्रीय अध्यक्ष संजय सिंह ने वेल्थ लाईन प्रमोटर्स और वे टू लाइफ जैसे फर्जी नेटवर्किंग कंपनियों द्वारा अरबों रूपए के धोखाधड़ी का खुलासा करते हुए बताया कि इन कंपनियों के जाल प्रदेश के शहर से लेकर गांवों तक फैला है। रायपुर, भिलाई, दुर्ग, राजनांदगांव, बिलासपुर व रायगढ़ क्षेत्र के हजारों लोग इसके शिकार बने हैं। उक्त कंपनी की मेहरबानी से दर्जनों लोग दिवालियां भी हो गए हैँ। छोटे व्यापारी, नौकरीपेशा, कालेजियन्स, गृहणियों के अलावा मजदूर वर्ग के लोग इन कंपनियों के शिकार बने हैँ।

कंपनी नेट के जरिये पैसे का आन लाईन लेनदेन करती है। प्रत्येक लेनदेने का एसएमएस के जरिये संदेश भेज कर जनविश्वास जीतने का प्रयत्न करती है। लोगों के बीच अपनी विश्वसनीयता साबित करने के लिए शुरू-शुरू में उक्त कंपनी कई बैंकों के चेक के माध्यम से लेनदेन करती है, फिर बहाने से कंपनी के अपलाइनर के जरिये नेट पर ही पिन खरीदकर लोगों के पैसे ऐंठ लेती है। इस कड़ी में विगत 10 दिसंबर तक कंपनी करोड़ों रूपए एकत्र कर चुकी थी। फिर धीरे-धीरे रफूचक्कर होने का प्रयास करने लगी। लोगों के समझ में वास्तविकता आ पाती, इससे पहले ही यह कंपनी नेट पर अपना व्यवसाय बंद कर चुकी थी। कंपनी का वेबसाइट नहीं खुलने से लोग अपनी आईडी डालकर खाता भी नहीं खोल पाए। तब लोगों को समझ आ गया कि वे लूट लिये गए हैँ। लोगों के होश फाख्ता हो गए कि रियल स्टेट व प्रोडक्शन कंपनी कैसे उन्हें बेवकूफ बनाकर नदारत हो गई। बाद में पता चला कि चेन्नई की एक महिला अरूणा गिरी बालकृष्णन इस कंपनी का चलाती थी तथा अब वह भी भूमिगत हो गई है।

जनता, युवा, छात्र महासंघ के केंद्रीय अध्यक्ष संजय सिंह ने सवाल उठाया है कि वेल्थ लाईन प्रमोटर्स और वे टू लाइफ जैसे फर्जी कंपनियां अरबों रू लूटकर फरार हो गए, मगर आयकर विभाग ने इसे संज्ञान में लेने की जहमत भी न उठायी। शासन व पुलिस ने हाथ पर हाथ धरे बैठकर कैसे आम आदमी की खून पसीने की कमाई को लूटने दिया? उन्होंने कहा कि इस तरह की सैकडों फर्जी कंपनियां अभी भी चल रही है, मगर सरकार चुप क्यों है? महासंघ के अध्यक्ष श्री सिंह ने गृहमंत्री ननकीराम कंवर से हुए चर्चा का हवाला देते हुए बताया कि गृह मंत्री ने फर्जीवाड़ा का खुलासा करने पर श्री सिंह को बधाई दी और मामले में तत्परता दिखाते हुए जिला पुलिस अधीक्षक को फोन पर तलब कर निर्देश दिए कि हर हाल में फर्जीवाड़ा करने वाले तत्वों की धरपकड़ की जाए तथा दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करते हुए लोगों के डूबे पैसे वापस दिलाया जाए।

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उरला-बेलौदी एनीकेट का पानी हुआ प्रदूषित

दुर्ग,13 अप्रैल। जीवनदायिनी शिवनाथ नदी में नवनिर्मित उरला-बेलौदी एनीकेट का पानी बुरी तरह प्रदूषित हो चला है। गाढ़े मटमैला पानी और उससे उठने वाली तीखी दुर्गंध के चलते एनीकेट के पानी में हाथ-मुंह धोना तो दूर की बात है, निकट जाने में भी दिक्कत हो रही है। शिवनाथ नदी के पानी का यह हाल भिलाई-दुर्ग के सिवरेज से निकल कर शिवनाथ नदी में मिल जाने वाले शंकरनाला व अन्य गंदी नालियों के चलते हो रहा है। जल संरक्षण व संवद्र्घन की बड़ी-बड़ी बातें करने वाले शासन व प्रशासन की नाक के नीचे जीवनदायिनी शिवनाथ नदी का अमृत जल विषैला हो रहा है, मगर किसी को इससे कोई बरअक्स नहीं। प्रदूषित उरला-बेलौदी एनीकेट के ऊपर कोटनी और फिर महमरा एनीकेट पूरे दुर्ग-भिलाई का प्यास बुझाता है, और नीचे में भटगांव इलाका अवस्थित है। यदि समय रहते शासन नहीं जागा तो उरला-बेलौदी एनीकेट का गंदा पानी आगे चलकर भटगांव ही नहीं, बल्कि एक बड़े इलाके के बाशिंदों पर महामारी का कहर बन कर टूटेगा।

384 किलोमीटर की लंबाई में बहने वाली शिवनाथ नदी आज दुर्ग क्षेत्र में ही सर्वाधिक प्रदूषित है। कहा जाता है कि शिवनाथ नदी में सिर्फ पानी नहीं बहता, बल्कि दुर्ग की समन्वित संस्कृति शिवनाथ नदी के जरिये बहकर छत्तीसगढ़ में विस्तार पाती है। जानकारों के मुताबिक कुछ दशक पहले शिवनाथ नदी में साल भर मीठा पानी बहते रहता था। किंतु बीते वर्षों की तेज शहरीकरण व औद्योगिकीकरण की कीमत शिवनाथ नदी को चुकानी पड़ रही है। दुर्ग व भिलाई के दस लाख से भी अधिक लोगों की प्यास बुझाने वाले शिवनाथ नदी को बदले में सिवरेज का गंदा पानी देकर प्रदूषित किया जा रहा है। शंकरनाला व भिलाई के सिवरेज से आने वाला गंदा पानी उरला होते हुए शिवनाथ नदी में मिल जाता है। लगभग एक किलोमीटर में फैैले उरला-बेलौदी एनीकेट आज गंदे पानी का डबरा प्रतीत होता है। जबकि इस एनीकेट का निर्माण शहर की भविष्य की जरूरतों के मद्देनजर किया गया था। आगामी सालों में महमरा एनीकेट की तरह दुर्ग-भिलाई को उरला-बेलौदी एनीकेट से जलापूर्ति की मंशा इन हालातों में धरी की धरी रह जाएगी। यदि शिवनाथ नदी का पानी प्रदूषित हो गया तो उसे उपचारित करना टेढ़ी खीर साबित होगी। तब जनप्रतिनिधि ही नहीं बल्कि आमलोगों को भी इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा।

आसपास के लोग उरला-बेलौदी एनीकेट के प्रदूषित जल का उपयोक निस्तारी के लिए करने बाध्य हैं, क्योंकि निस्तारी के लिए और कोई दूसरा विकल्प नहीं। साथ कुछ किसान एनीकेट आसपास सब्जी-भाजी उगाते हैँ। सिवरेज के गंदे पानी का इस्तेमाल वे सिंचाई के लिए करते हैँ। अगर किसान गंदे पानी का इस्तेमाल सिंचाई में नहीं करते तो उरला-बेलौदी एनीकेट के प्रदूषित होने की गति और भी तेज होती। शिवनाथ नदी में मिलने वाले समोदा नाले में बीएसपी का भयंकर प्रदूषित पानी के अपचार के लिए आज भी आज तक विकल्प नहीं तलाश गया है। लिहाजा संयंत्र का गंदा पानी शिवनाथ नदी में बदस्तूर समाहित हो रहा है। शिवनाथ में मिलकर संयंत्र का गंदा पानी बड़े क्षेत्र को विषाक्त कर रहा है। हर साल अरबों रूपए का मुनाफा कमाने वाली बीएसपी पर शासन स्तर पर भी गंदे जल के अपचार के लिए खास दबाव नहीं।

कभी तालाबों की नगरी के रूप में विख्यात दुर्ग शहर में आज तालाबों की स्थिति किसी से छुपी नहीं है। शहर के तालाब कचरा फेंकने वाले गंदे डबरों में तब्दील हो गए हैं। अब यही हाल शिवनाथ नदी का हो रहा है। एक ओर नगर निगम शहर के तालाबों के सौंदर्यीकरण करने की दुहाई देती है तो दूसरी ओर जो है, उसे बचाने की दिशा में कुछ कर नहीं पा रही है। जनप्रतिनिधियों की निष्क्रियता एवं समाजिक जागरूकता के अभाव में शहर के कमोबेश सभी तालाबों में पानी प्रदूषित हो चुके हैँ। वही दूसरी ओर भिलाई नगर निगम ने तालाबों के संरक्षण व संवंर्द्धन के लिए ठोस प्रयास शुरू कर दिया है।

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ससुराल में खुद को आग लगाकर दी जान

भिलाई, 13 अप्रैल। पत्नी से हुए विवाद के बाद एक युवक ने अपने ही ससुराल में स्वयं पर मिट्टीतेल छिड़ककर आग लगा लिया। हादसे में गंभीर रूप से झुलसे युवक को तत्काल अस्पताल पहुंचाया गया जहां चिकित्सकों ने जांच उपरांत उसे मृत घोषित कर दिया।

कुम्हारी थाना पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मृतक प्रकाश पिता साधूराम निषाद 28 वर्ष निवासी ग्राम अटारी थाना आमानाका का ससुराल कुम्हारी में है। वह 9 तारीख को अपनी पत्नी को लेने पहुंचा था। यहां ससुराल में किसी बात को लेकर वह नाराज हो गया और शराब पीकर वापस लौटा। पति के शराब पीकर लौटने से नाराज उसकी पत्नी ने इसका विरोध किया तो दोनों के बीच बहस हो गई और इसी बहस से क्षुब्ध प्रकाश ने स्वयं पर मिट्टीतेल छिड़ककर आग लगा ली। पति को झुलसते देख उसकी पत्नी उसे बचाने दौड़ी और स्वयं भी झुलस गई। दोनों को तत्काल अम्बेडकर अस्पताल पहुंचाया गया जहां उपचार के दौरान प्रकाश की मौत हो गई। पुलिस ने मर्ग कायम कर शव पीएम के लिए भेज दिया है।

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मरीज से छेड़छाड़ मामले की जांच शुरू

भिलाई,13 अप्रैल। सेक्टर-9 अस्पताल में चर्म रोग विशेषज्ञ द्वारा एक महिला के साथ हुई छेड़छाड़ के मामले में जांच शुरू हो गई है। प्रबंधन ने मामले की जांच के लिए पांच डाक्टरों की एक टीम बनाई है, जो दो दिनों में अपनी रिपोर्ट संयंत्र और अस्पताल प्रबंधन को सौंपेगी। जांच टीम की कमान डॉ. केकरे को सौंपी गई है। उनके अलावा डॉ. आरके प्रसाद, डॉ. अनुपूर्णी, डॉ. एसपी बावरे और डॉ. सितोरिया भी जांच टीम में शामिल हैं।

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अस्पताल के पास पायरेटेड सीडी बेचते चार पकड़ाए

दुर्ग,13 अप्रैल। जिला चिकित्सालय के पास लम्बे समय से नकली सीडी और डीवीडी बेचने वालों पर आज पुलिसिया कहर टूटा। कापीराइट प्रोटेक्शन, मुम्बई के फील्ड अफसर की पहल पर 4 लोगों को मौके पर ही 464 नकली सीडी व डीवीडी के साथ गिरफ्तार किया गया। बरामद की गई सीडी में कई ऐसी भी हैं, जो अब तक सीडी में उपलब्ध ही नहीं करवाई गई थीं। पकड़े गए चारों आरोपियों के खिलाफ कॉपीराइट एक्ट के तहत कार्यवाही की गई।

जानकारी के मुताबिक, कापीराइट प्रोटेक्शन, मुम्बई के फील्ड ऑफिसर गुरजीत सिंह ने लगातार मिल रही शिकायतों के बाद आज जिला चिकित्सालय के आसपास के क्षेत्रों का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने चार अलग-अलग जगहों पर सीडी बेच रहे लोगों को पकड़ा। पकड़े गए लोगों में घनश्याम निषाद पिता सूरज प्रसाद डिपरापारा के पास से 115 सीडी, कलाम अली पिता ईद अली (40) निवासी कोहका से 137 सीडी, संजय देवांगन पिता मोहनलाल (26) निवासी आनंदनगर डिपरापारा दुर्ग से 214 सीडी व विनोद शर्मा पिता भवन शर्मा (20) निवासी आनंद नगर डिपरापारा से 98 पायरेटेड सीडी जब्त की गई। कोतवाली पुलिस ने सभी आरोपियों के विरूद्ध कॉपीराइट एक्ट की धारा 51, 52 ए, 63, 68 ए के तहत अपराध पंजीबद्ध किया गया।

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मालवाहक में अब नहीं ढोए जाएंगे मजदूर
दुर्ग-धमधा मार्ग पर चलेगी मिनीबस

दुर्ग, 13 अप्रैल। दुर्ग-धमधा नाका मार्ग पर मालवाहक के लापरवाह चालक लोगों की जान से खिलवाड़ कर रहे हैं। इस मार्ग पर अक्सर मालवाहक वाहनों से दर्जनभर से अधिक लोगों को एक साथ ढोते देखा जा सकता है। खुदा न करे यदि कोई दुर्घटना घट गई तो बड़ी जनहानि से इंकार नहीं किया जा सकता। मालवाहक वाहनों में सवारी की अधिक संख्या को देखकर यातायात पुलिस का आंख मूंदना समझ आता है। वह है यातायात पुलिस की अवैध वसूली। लेकिन इस मसले पर किसी भी राजनीतिक पार्टी के जागरूक जनप्रतिनिधियों का मौन होना आश्चर्य का विषय बना हुआ है।

जागरूक जनप्रतिनिधि शायद शहर में किसी बड़ी जनहानि की घटना का इंतजार कर रहे हैं। यही वजह है कि छोटे-छोटे मुद्दे पर सड़कों पर आकर आंदोलन करने वाले से जागरूक जनप्रतिनिधि मालवाहक वाहनों में जानवरों की तरह सवारी ढोहने के मसले पर अब तक कुछ बोलने से परहेज बरत रहे हैं। इस गंभीर मसले पर जहां कोई मुंह खोलने तैयार नहीं है, वहां धमधा नाका नई गंजमंडी के थोक सब्जी व्यवसायियों की सार्थक पहल तारीफे काबिल है लेकिन शासन-प्रशासन का उन्हें इस मसले पर अपेक्षानुसार सहयोग नहीं मिलने से उनके कार्य में शिथिलता आई है। फिर भी थोक सब्जी व्यवसायी जनहित के इस मसले को अंजाम तक पहुंचाने शिद्दत से जुटे हुए हैं। मालवाहक वाहनों में जानवरों की तरह सवारी ढोने पर अपनी प्रतिक्रिया में एक व्यवसायी ने कहा कि मालवाहक वाहनों में फुटकर सब्जी व्यवसायी व गरीब वर्ग ज्यादा सवार होते हैं। मालवाहक वाहनों में निर्धारित सवारियों से अधिक सवारी ढोहने का क्रम धमधा नाका नई गंजमंडी से पटेल चौक तक सर्वाधिक देखा जा सकता है। ऐसी स्थिति में बड़ी जनहानि का हमेशा खतरा मंडराता रहता है लेकिन शासन-प्रशासन इस दिशा में मौन है। थोक सब्जी व्यवसायियों ने इस समस्या के समाधान के लिए पहल की है। मालवाहक वाहनों में सवारी के दबाव को कम करने उक्त मार्ग पर एक विशेष मिनीबस चलाने का प्रस्ताव बनाया है। यह विशेष मिनीबस नई गंज मंडी स्थित सब्जी मंडी में सवारियों के दबाव के दौरान दो वक्त चलाई जाएगी। मिनी बस की सेवा शुरू करने आरटीओ अधिकारी से बातचीत चल रही है।

इस नई व्यवस्था से सब्जी व्यवसायियों द्वारा प्रभारी मंत्री हेमचंद यादव को भी अवगत कर मिनी बस सेवा शुरू करवाने मांग की जाएगी। उक्त व्यवसायी का कहना था कि दुर्ग धमधा नाका मार्ग पर विशेष मिनीबस की सेवा शुरू होने से सवारियों का आवागमन सुरक्षित होगा। सवारियों को मजबूरन मालवाहक वाहनों में सवार होकर जान का जोखिम नहीं उठाना पड़ेगा। मिनी बस में आवागमन में समय तो कम लगेगा, साथ ही किराया भी कम लगेगा। उक्त मार्ग पर मिनीबस की सेवा व्यवसायियों समेत आम लोगों के लिए लाभकारी साबित होगा। थोक सब्जी व्यवसायियों के इस पहल से फुटकर सब्जी व्यवसायियों एवं दीगर लोगों में हर्ष है।

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उद्यानिकी विभाग दे रहा है, फल-फूल की जानकारी

दुर्ग, 13 अप्रैल। ग्राम सुराज अभियान के किसान सम्मेलन में उद्यानिकी विभाग दे रहा है- फल-फूल की जानकारी। योजनाओं के बाबत बताया जा रहा है कि फल विकास हेतु राज्य योजना द्वारा 4360 रूपये प्रति हे. की दर से आम पौध, खाद दवा का प्रावधान है। इसी प्रकार राष्ट्रीय बागवानी मिशन द्वारा आम, नीबू फलोद्यान हेतु 1800 रूपये का अनुदान प्रावधानित है।

केला, पपीता हेतु 50,000 रूपये की दर से पौधा खाद दवा के रूप में दिया जाता है। सब्जी उत्पादन को ब$ढावा देने हेतु 1500 रूपये हे. का छूट प्रदान किया जाता है। बीजोत्पादन हेतु 25,000 रूपये हे. की दर से अनुदान दिया जाता है। व्यावसायिक पुष्प उत्पादन हेतु गुलाब, झरबेरा पर 35,000 रूपये की दर से ग्लेडिमोलस, रजनीगंधा पर 45,000 रूपयें तथा गेंदा, सेवंती पर 12,500 रूपये हे. की दर से पौधा, बीज, खाद एवं दवा प्रदाय की जाती है। राज्य योजना में 3000 रूपये का अनुदान पुष्प खेती हेतु प्रावधानित है। फसल तोड़ाई पश्चात् उद्यानिकी फसलों के संग्रहण, भण्डारण, विपणन तथा प्रसंस्करण हेतु विभिन्न योजनाएं संचालित है। संरक्षित एवं टिकाऊ खेती हेतु उद्यानिकी फसल वालें कृषकों को वर्मी, पक्का टांका तथा पोर्टैबल वर्मी बेड की योजना 30,000 रूपये हे. अनुदान पर क्रियान्वित की जा रही है। इसी तरह ग्रीन हाऊस प्लास्टिक मल्चिंग, शेडनेट हाऊस, की योजना चलाई जा रही है। सूक्ष्म सिंचाई योजनान्तर्गत लघु सीमांत कृषकों को लागत का 50 प्रतिशत एवं बड़े कृषकों को 70 प्रतिशत अनुदान की योजना निरंतर क्रियान्वित है।

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महापौर ने किया सड़क डामरीकरण कार्य का अवलोकन

दुर्ग, 13 अप्रैल। शहर के विभिन्न सड़कों का डामरीकरण कार्य नगर पालिका निगम दुर्ग द्वारा कराया जा रहा है इस कड़ी में महापौर डॉ. शिव कुमार तमेर ने चण्डी मंदिर चौक से सुभाष चौक पोलसाय पारा तक किये जा रहे सड़क डामरीकरण कार्य का अवलोकन लोक कर्म प्रभारी जयश्री जोशी व अन्य एमआईसी प्रभारी के साथ किये। इस दौरान क्षेत्रिय वार्ड पार्षदगण व अधिक संख्या में नागरिक उपस्थित थे। उल्लेखनिय है कि महापौर डॉ. शिव कुमार तमेर ने अपने प्रथम एमआईसी बैठक में सहयोग मार्ग का डामरीकरण कार्य के प्रस्ताव को पास किया गया था। इसी के साथ शहर के प्रमुख सड़कों का डामरीकरण करने भी निर्देश दिये थे। इस कड़ी में मालवीय नगर चौक के पास रेल्वे स्टेशन रोड तक, गंजपारा में सुराना भवन के पास से सत्ती चौरा होते हुये यादव होटल तक और चण्डी मंदिर चौक से सुभाष चौक तक की सड़क का डामरीकरण किया जाना था। महापौर ने अवलोकन के दौरान अधिकारियों को निर्देशित किये कि अन्य प्रमुख मार्गो में जहॉ पैच कार्य किया जाना है उन्हें भी पूरा करें। शहर के सभी प्रमुख मार्ग बारिश के पूर्व डामरीकृत करने कहा। उन्होंने नागरिकों से कहा कि सड़क का डामरीकरण किया जा रहा है अत: सड़क के ऊपर से आपका जो भी अतिक्रमण, कब्जा हो उसे हटा लेवें ताकि सड़क का डामरीकरण पूरी चौड़ाई में किया जा सके। चण्डी मंदिर चौक से सुभाष चौक के मार्ग से लोगों को अधिक आवागमन होता है इस मार्ग से बाजार, रेल्वे स्टेशन, बस स्टैण्ड व अन्यत्र जाना आना रहता है। यातायात के दबाव को देखते हुये कार्य करवाया जाना आवश्यक था। महापौर की मंशा के अनुरूप शहर की सड़के डामरीकृत हो रहीं है। अवलोकन के दौरान पर्यावरण प्रभारी देवनारायण चंद्राकर, संस्कृति प्रभारी अजय दुबे आदि उपस्थित थे।

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