रविवार, 18 अप्रैल 2010

कागजों में खर्च हुई ट्रांसपोर्ट नगर की राशि

दुर्ग, 18 अप्रैल। नगर पालिक निगम दुर्ग के पाषद सुरेंद्र बजाज ने निगम प्रशासन पर प्रदेश शासन की योजनाओं के प्रति लापरवाही बरतने एवं निगम के बजट प्रावधानों की अवहेलना करने का आरोप लगाते हुए कहा कि शासन की मंशा है कि प्रत्येक निगम क्षेत्रों में यातायात को सुगम बनाने हेतु सुविधायुक्त ट्रांसपोर्ट नगर बनाया जाए और इस संबंध में निगम द्वारा कार्ययोजना बनाकर देने पर प्राथमिकता से फंड देने की व्यवस्था है।
इसी तरह दुर्ग निगम के वार्षिक बजट में पिछले 5 वर्षों से इस कार्य के लिए धनराशि की व्यवस्था दर्शाया गया है। पिछले वर्ष के बजट में ट्रांसपोर्ट नगर निर्माण के लिए 5 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया था। किंतु इस कार्य में एक रूपया भी खर्च नहीं किया गया है। इस वर्ष के निगम बजट में भी 5 करोड़ रूपए खर्च करने का प्रावधान है, किंतु सुविधाजनक ट्रांसपोर्ट नगर निर्माण के प्रति निगम प्रशासन उदासीन है। पार्षद सुरेंद्र बजाज ने कहा कि ट्रांसपोर्ट नगर के अभाव में शहर के अनेक मोहल्लों के गली-कूचों में अघोषित रूप से मिनी ट्रांसपोर्ट नगर विकसित हो रहे हैं, जिससे नागरिकों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। इसी तरह शहर में यातायात का दबाव बढ़ रहा है, जिससे दुर्घटना की आशंका बनी रहती है और इससे शहर के अंदरूनी हिस्सों के सड़कों को भी नुकसान हो रहा है।
पार्षद सुरेंद्र बजाज ने बताया कि चार वर्ष तत्कालिक महापौर ने गंजपारा से बाजे-गाजे के साथ जुलूस निकलवाकर ट्रांसपोर्ट व्यवसायियों को नचाते हुए चिखली रोड के खाली पड़े जमीन में अस्थायी ट्रांसपोर्ट नगर में उन्हें स्थापित किया था। तत्कालिक महापौर ने तब गंजपारा से चलकर अंत तक मुख्य बाजार होते हुए निकले जुलूस का स्वयं नेतृत्व किया था। निगम प्रशासन ने उस वक्त ट्रांसपोर्ट व्यवसायियों को सुविधा के नाम पर अनेक सब्जबाग दिखाए। ट्रांसपोर्टरों ने उन पर विश्वास करते हुए निगम प्रशासन एवं तत्कालिक महापौर को भरपूर सहयोग प्रदान किया था किंतु उस वक्त कुछ ट्रक मुरुम डालने के अलावा कुछ भी कार्य नहीं किया। विगत चार वर्षों में वह स्थल अभी भी सुविधाओं का बाट जोह रहा है। वहां पर सड़क, पेयजल, बिजली एवं धूप एवं पानी से बचने के लिए बैठने की सुविधा नहीं है। किंतु निगम प्रशासन इस ओर गंभीर नहीं है। सबसे बुरी स्थिति बरसात में होती है जब वहां पर वाहन खड़ा करना तो दूर पैदल चलना भी दूभर हो जाता है। मजबूरन ट्रक मालिकों को अपना वाहन सड़क किनारे खड़ा करना पड़ता है, जिससे उन्हें अनेकों बार वाद-विवादों एवं अन्य अप्रिय स्थिति का सामना करना पड़ता है। ट्रांसपोर्ट व्यवसायी अपने आपको ठगा महसूस कर रहे हैं और उनमें आक्रोश व्याप्त है। प्रशासन समय रहते नहीं चेता तो कभी भी अप्रिय स्थिति निर्मित हो सकती है एवं ट्रांसपोर्ट व्यवसायी एवं नागरिकों के आक्रोश का सामना करना पड़ सकता है।
पार्षद सुरेंद्र बजाज ने बताया कि प्रदेश शासन की शहरी क्षेत्रों में व्यवस्थित एवं सुविधाजनक ट्रांसपोर्ट नगर बनाने की योजना है। इस कार्य के लिए फंड की प्राथमिकता से व्यवस्था की जाती है। जिसके कारण प्रदेश के सभी प्रमुख बड़े शहरों में ट्रांसपोर्ट नगर बन चुका है, किंतु निगम प्रशासन की लापरवाही का खामियाजा यहां के निवासियों को भुगतना पड़ रहा है। पटरीपार के लोगों के लिए यह एक गंभीर समस्या बेनतीजा रही है। अत: निगम प्रशासन इस महत्ती योजना के प्रति सक्रियता दिलाए, ताकि भविष्य में होने वाली अप्रिय स्थिति से निपटा जा सके।
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