रविवार, 9 मई 2010

नकली घी के बाद नकली खोवा!

दुर्ग, 09 मई। शादी-ब्याह के चलते खोवे की मांग में व्यापक बढ़ोत्तरी हुई है, लिहाजा शहर में नकली खोवे की आवक से इनकार नहीं किया जा सकता। पूर्व में भी दुर्ग शहर में नकली खोवा पकड़े जाने का मामला सामने आ चुका है, जिसमें दुर्ग के एक नामी रेस्टारेंट के संचालक की संलिप्तता उजागर हुई थी। नकली खोवा को लेकर जहां, उपभोक्ता चौकस है, वहीं विभिन्न संगठन नकली खोवा बेचने व खरीदने वाले व्यवसायियों को बेनकाब करने सक्रियता से जुटे हुए हैं। कथित नकली खोवा का एक मामला आज रेलवे स्टेशन में सामने आने के बाद माहौल गरमा गया। खोवे के नकली व असली होने के मसले पर विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल के कार्यकर्ता और व्यवसायी के बीच जमकर वाद-विवाद भी हुआ। कार्यकर्ता खोवे के नकली होने पर अड़े हुए थे, जबकि व्यवसायी उसे असली बता रहा था। विहिप व बजरंग दल कार्यकर्ताओं ने घटना की जीआरपी में शिकायत दर्ज कराई है। खोए की शुद्धता का खुलासा तो जांच के बाद ही होगा, लेकिन मामले के सामने आने से गहमा गहमी की स्थिति निर्मित रही।

जानकारी के मुताबिक, बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं ने आज दोपहर रेलवे स्टेशन के पार्सल ऑफिस के पास 8 बोरे में भरे खोवे को नकली होने की आशंका पर पकड़ा। खोवा की मात्रा करीब 8 क्विंटल थी। जिसकी कीमत लगभग 80 हजार रूपए बताई जा रही है। यह खोवा तिवारी डेयरी, इटावा (यूपी) से दुर्ग के व्यवसायी वीरेन्द्र मिश्रा के लिए ट्रेन से भेजा गया था। विहिप व दल के कार्यकर्ताओं के हाथ खोवा पडऩे की खबर से व्यवसयी वीरेन्द्र मिश्रा ढीमरपारा निवासी भी मौके पर पहुंचा। पहले तो व्यवसायी ने खोवे को नकली बताए जाने पर ऐतराज जताया, इससे विहिप और बजरंग दल के कार्यकर्ता आक्रोशित हो गए। उनका कहना था कि यह खोवा नकली है, वहीं बोरे में रखे खोवे के पार्सल ऑफिस के पास गंदगी में रखे जाने पर भी कार्यकर्ताओं ने विरोध जताया। इस दौरान असली और नकली खोवे के मसले पर दोनों पक्षों में जमकर तू-तू, मैं-मैं हुई। विवाद से आपस में हाथापाई की नौबत भी आ गई। लेकिन कुछ लोगों के हस्तक्षेप के बाद मामला शांत हुआ। घटना की कार्यकर्ताओं ने रेलवे पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। जांच के बाद ही खोवे की शुद्धता का खुलासा हो पाएगा।

विहिप के संभागीय सहसंयोजक विजय अग्रवाल का कहना था कि शादी-ब्याह के चलते व्यवसायियों द्वारा बाहर से खोवा मंगाया जा रहा है। नकली खोवा स्वास्थ्य की दृष्टि से लोगों के लिए हानिकारक है। पहले भी दुर्ग में नकली खोवे का मामला सामने आया था। इस खोवे के भी नकली होने की आशंका है, इसीलिए इसे पकड़ा गया है। उन्होंने कहा कि लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करने वाले ऐसे व्यवसायियों को बख्शा नहीं जाना चाहिए। इधर, ढीमरपारा निवासी व्यवसायी वीरेन्द्र मिश्रा ने दावा किया है कि उक्त खोवा नकली नहीं है। उन्होंने खोवे की शुद्धता की जांच पर बल दिया। श्री मिश्रा ने बताया कि यह खोवा मीठा है, जिसका उपयोग मिठाइयों में किया जाता है। इस दौरान विहिप और बजरंग दल के रतन यादव, संतोष राखोंडे, दुर्गेश पटेल, संजय पाटिल, मनोज साहू, अनिल सूर्यवंशी समेत अन्य कार्यकर्ता मौजूद थे।

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