सोमवार, 10 मई 2010

भिलाई में नगर निगम चुनाव की तैयारी प्रारंभ

दुर्ग, 10 मई। नगर पालिक निगम भिलाई, नगर पालिका भिलाई-चरौदा और नगर पालिका जामुल के चुनाव निर्वाचन की प्रशासनिक कार्यवाही प्रारंभ हो गई हैं। इनके लिए रिटर्निंग अफसर तय किए जाने एवं इन क्षेत्रों की निर्वाचन नामावली का कार्य दुरुस्त किए जाने के प्रशासनिक आदेश हो गए हैं। उल्लेखनीय हैं कि ननि भिलाई एवं नपा भिलाई-चरौदा एवं जामुल की वर्तमान निर्वाचित परिषद का कार्यकाल इसी वर्ष अक्टूबर-नवंबर में समाप्त हो रहा हैं। संविधान के 73वें एवं 74 वें संविधान संशोधन के बाद स्थानीय निकायों में निर्वाचित परिषद के कार्यकाल की समाप्ति के बाद प्रशासक की भूमिका समाप्त कर दी गई हैं तथा अनिवार्य निर्वाचन के तहत एक परिषद से सीधे दूसरे परिषद को पदभार एवं कार्य सौंपा जाना हैं। इस क्रम में वर्तमान परिषदों के शेष 6 माह के कार्यकाल को देखते हुए निर्वाचन की प्रशासनिक प्रक्रिया प्रारंभ हो गई हैं। उल्लेखनीय है कि 6 माह पूर्व,स्थानीय निकायों के सपना चुनाव में बिलासपुर, रायपुर, राजनांदगांव की सीटें भाजपा के हाथ से निकल गई थी। भाजपा ले-देकर दुर्ग महापौर की कुर्सी बचा पाई थी।
वर्तमान इन तीन निकायों के चुनाव उपचुनाव की भांति होंगे जहां सारे प्रदेश की निगाहे लगी होगी। वर्तमान सत्तारुढ़ शासन के लिए भिलाई जैसी महत्वपूर्ण सीट के साथ-साथ शेष दोनों निकायों में भी विजय प्राप्त करना एक चुनौती ही होगी। कांग्रेस के लिए भी ये सीटें महत्वपूर्ण हैं। वर्तमान में नगर निगम भिलाई से जुड़े तीनों विधायक कांग्रेस के है। इसलिए कांग्रेस की कोशिश होगी कि वे भिलाई में, किसी भी सूरत में अपना महापौर बैठा पाने में सफल रहे। भाजपा की सरकार भी इस गंभीरता को समझ रही हैं। इसीलिए गरीबों की नल-जल योजना को इस भरी गर्मी में, पानी की किल्लत के बावजूद अमलीजामा पहनाने की कोशिश की गई हैं। फिर भिलाई के लिए महापौर पद का प्रत्याशी भी दो पांडो की कश्मकश के बाद ही तय हो पाना हैं। जागेश्वर साहू की वैशाली नगर विधानसभा क्षेत्र से उपचुनाव में हार के बाद मुख्यमंत्री रमन सिंह भी समझ गए हैं कि मिनी इंडिया में सत्ता के बल पर कुछ भी झोंक देना संभव नहीं हैं। कांग्रेस इस मौके का कितना फायदा उठा पाती हैं यह भी देखने की बात होगी।
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