सोमवार, 3 मई 2010

धन उगाही का जरिया बनी जनगणना

दुर्ग, ०४ मई। राष्ट्रीय जनगणना जैसे महत्वपूर्ण राष्ट्रीय अभियान को भी बाबुओं व कतिपय सरकारी अधिकारियों ने धनउगाही का चोखा धंधा बना लिया है। जनगणना कार्य में ड्यूटी लगाए गए सरकारी कर्मचारी अपना नाम कटवाने जिम्मेदार बाबू व अधिकारियों को एक से दो हजार रूपए भेंट चढ़ा रहे हैँ। नगर निगम के जिन कर्मचारी व अधिकारियों को शहर में जनगणना की जवाबदेही सौंपी गई है, वे महज कुछ रूपयों के एवज में जनगणना जैसे राष्ट्रीय अभियान को मजाक बना डाले हंै। आज भी जो कर्मचारी जनगणना कार्य नहीं करना चाहते, उन कर्मचारियों के नाम धड़ाधड़ कट रहे हैं और नए नाम जोड़े जा रहे हैँ। एक मई से जनगणना कार्य आरंभ हो चुका है, मगर जनगणना कार्य से जी-चुराने वाले कर्मचारियों के नाम आर्थिक लेनदेन के एवज में आज भी काटे और जोड़े जा रहे हैँ। बताया गया कि यह कारनामा सिर्फ दुर्ग में हो रहा है। जबकि, बेमेतरा में जिन कर्मचारियों की ड्यूटी पहले से लगायी गई है, जरूरत की परिस्थितियों में ही कुछ नाम काटे गए। कई दफे स्वास्थ्य या घरेलू जरूरतों के चलते किसी कर्मचारी के साथ ऐसी परिस्थितियां बन जाती है कि वह ड्यूटी करने में नामुकम्मल हो जाता है। जनगणना कार्य से ऐसे कर्मियों के नाम हटाने में किसी को कोई गुरेज नहीं। मगर, महज कार्य करने में कोताही के चलते दुर्ग के सैकड़ों कर्मचारी अपना नाम पैसे देकर ड्यूटी से कटवा चुके हैँ। इसके लिए कहीं-कहीं राजनैतिक रसूख के तिकड़म भी भिड़ाए जा रहे हैँ। जिन कर्मचारियों के पास पैसा व रसूख, दोनों है, निश्चित तौर पर वे अपनी मर्जी के मालिक बन गए हैँ।
सूत्र बताते हैँ कि जनगणना कार्य में अधिकांश शिक्षकों की ड्यूटी लगायी गई है। इन कर्मचारियों में जनगणना कार्य के प्रति ऐसा माहौल निर्मित हो चला है कि एक-डेढ़ हजार रू भेंट चढ़ाकर नाम आसानी से कटवाए जा सकते हैँ। कतिपय निगम कर्मचारियों की मेहरबानी से नाम कटवाने का जो सिलसिला एक बार शुरू हुआ, वह बदस्तूर विस्तृत होता जा रहा है। नाम काटने के लिए लेनदेन कर फर्जी आधार बनाए जा रहे हैँ। बताते हैँ कि निगम के वही कर्मचारी पैसे लेकर फर्जी आधार तैयार कर रहे हैँ। जनगणना जैसे राष्ट्रीय महत्व के कार्य में ड्यूटी लगाए जाने वाले कर्मचारी अनुभवी तो होना चाहिए, मगर इतने उम्रदराज नहीं, कि उनके लिए आफत बन जाए।

000

मई व जून शिशु संरक्षण माह

दुर्ग, ०४ मई। छग शासन ने राज्य के सभी जिलो में स्वास्थ्य एवं पोषण को बढ़ावा देने के लिए अक्टूबर 06 से शिशु संरक्षण माह प्रारंभ किया गया है। जिसमें कुल सात चरण पूर्ण हो चुके है एवं आठवां चरण शिशु संरक्षण माह के रुप में माह मई- जून 10 को मनाने की घोषणा की गई है। शासन के निर्देशानुसार दुर्ग जिले में भी शिशु संरक्षण माह मनाने हेतु सभी तैयारियां पूर्ण कर ली गई हैं। ग्रामीण क्षेत्र में 1 से 31 मई 10 तक एवं शहरी क्षेत्र में 1 से 7 जून तक शिशु संरक्षण माह के रुप में मनाया जायेगा। जिले में कुल 5 हजार टीकाकरण केन्द्र बनाये गये है जहां सभी मंगलवार 4, 11, 18, 25 एवं सभी शुक्रवार 7, 14, 21, 28 को शिशु संरक्षण माह के सत्र आयोजि किये जायेगे।  शिशु संरक्षण माह अंतर्गत निम्नलिखित सेवाएं दी जावेगी। जिसमें टीकाकरण 0 से 5 वर्ष के बच्चों को आयु एवं खुराक अनुसार बीसीजी, डीपीटी, पोलियो एवं मिजल्स के टीके लगायें जायेगें एवं आयरन की सिरप, गोली प्रदाय की जावेगी। गर्भवती माताओं की जांच, टीकाकरण एवं आयरन फोलिक एसिड की गोलिया प्रदान की जावेगी। आयु एवं खुराक के अनुसार 9 माह से 5 वर्ष के बच्चो को विटामिन ए की खुराक पिलाई जायेगी। विटामिन ए बच्चों की नेत्र ज्योति बढ़ाने के साथ- साथ शरीर में रोक प्रतिरोधतक क्षमता बढ़ाती है। 1 से 5 वर्ष के सभी बच्चों को क्रिमीनाशक एल्बेन्डाजांल की गोली प्रदान की जावेगी। टीकाकरण सत्र आयोजित करने के पूर्व दिवस सोमवार एवं गुरुवार को कार्यकर्ताओं द्वारा ग्राम में घरो- घर भ्रमण कर समुदाय की आवश्यकता का आंकलन करेगें। शिशु संरक्षण में टीकाकरण का समय ग्रामीण क्षेत्र में प्रात: 7 से दोपहर 1 बजे एवं शहरी क्षेत्र में प्रात: 8 बजे से दोपहर 2 बजे तक सेवाएं दी जावेगी। शिशु संरक्षण माह के अंतर्गत नियमित टीकाकरण के साथ- साथ छूटे हुए बत्तों की सूची बनाकर सेवाएं प्रदान की जावेगी। विगत 27 अप्रैल को जिले के सभी खंड चिकित्सा अधिकारी, खंड विस्तार प्रशिक्षण अधिकारी एवं सभी विकासखंड कार्यक्रम प्रबंधक को जिला स्तर पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, डॉ. जेसी मेश्राम एवं जिला टीकाकरण अधिकारी, डॉ. एसआर चंद्राकर एवं बीएल पाण्डे, संभागीय सलाहकार, सिनी व सृजन सामाजिक संस्था द्वारा जिला स्तर पर प्रशिक्षण एवं आवश्य दिशा निर्देश दिये गये। विखं स्तर पर भी सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों का प्रशिक्षण पूर्ण किया जा चुका है। अभियान में स्वास्थ्य कर्मचारी, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, मितानीन एवं ग्रामवासियों से सहयोग लिया जावेगा।

०००

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें