शनिवार, 15 मई 2010

पीसीसी ने भेजा मदन को नोटिस

दुर्ग, 15 मई। प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने आखिरकार पार्टी के प्रदेश सचिव मदन जैन को नोटिस भेज ही दिया। प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री सुभाष शर्मा द्वारा भेजे गए इस नोटिस में श्री जैन को कारण बताओ नोटिस जारी कर 7 दिनों के भीतर जवाब देने को कहा गया है।

उल्लेखनीय है कि शहर के पार्षद और कांग्रेस नेताओं ने विगत दिनों दिल्ली जाकर वरिष्ठ नेता मोतीलाल वोरा से श्री जैन की शिकायत की थी और उन पर गम्भीर किस्म के आरोप लगाए थे। उसी दौरान से यह कहा जा रहा था कि श्री जैन को नोटिस भेजी जा सकती है। प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री सुभाष शर्मा द्वारा भेजे गए नोटिस में कहा गया है कि दुर्ग नगर निगम क्षेत्र में ठगड़ा बांध खुदाई की लीज जलसंसाधन मंत्री हेमचंद यादव ने अपने खास समर्थक छगनलाल गुप्ता को नियम विरूद्ध दी है, जहां अवैध खुदाई जारी है। इस कार्य के विरोध में दुर्ग नगर निगम के कांग्रेस पार्षदों ने शहर कांग्रेस कमेटी के नेतृत्व में धरना-प्रदर्शन और आंदोलन किया और मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह से मिलकर उक्त लीज समाप्त करने ज्ञापन भी सौंपा। किसी तरह की कार्यवाही नहीं होने के बाद कांग्रेस पार्षदों ने शहर कांग्रेस कमेटी के निर्देशानुसार हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की। कोर्ट ने याचिका स्वीकार करते हुए संबंधित लोगों को नोटिस जारी किया है। पार्टी की इन सभी कार्यवाहियों को नजरअंदाज करते हुए आपने (श्री जैन) ठगड़ा बांध खुदाई के लिए जांच कमेटी बनाई और जांच करने के बाद बांध खुदाई को क्लीन चिट दे दी। साथ ही खुदाई के विरोध में कांग्रेस पार्षदों एवं शहर कांग्रेस कमेटी ने जो विरोध दर्ज किया, उसे समाचार पत्रों एवं इलेक्ट्रानिक मीडिया में सार्वजनिक बयानबाजी देकर स्वार्थवश करार दे दिया।

नोटिस में कहा गया है कि उक्त समस्त कार्यवाहियों को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष धनेन्द्र साहू ने गम्भीरता से लेते हुए कारण बताओ नोटिस जारी करने का निर्देश दिया है। श्री जैन को दिए गए नोटिस में तीन बिंदुओं पर एक सप्ताह के भीतर जवाब मांगा गया है। इसमें किसके आदेश से ठगड़ा बांध जांच समिति का गठन किया? जब मामले में कांग्रेस पार्षदों ने शहर कांग्रेस कमेटी के निर्देशानुसार उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर की तो आप उनका विरोध क्यों और किसके आदेशानुसार कर रहे हैं? तथा क्या आप शहर कांग्रेस कमेटी और कांग्रेस पार्षदों द्वारा उक्त मामले में की गई कार्यवाही का विरोध करते हुए पार्टी अनुशासन भंग नहीं कर रहे हैं? जैसे सवालों के आधार पर 7 दिनों के भीतर जवाब देने और ऐसा नहीं करने पर अनुशासनात्मक कार्यवाही करने की बात कही गई है।

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