शुक्रवार, 14 मई 2010

सरोज का नाम लिम्का बुक में

दुर्ग, 14 मई। एक ही समय में महापौर, विधायक और सांसद निर्वाचित होने के लिए सांसद सरोज पाण्डेय का नाम लिम्का बुक ऑफ वल्र्ड रिकार्ड में दर्ज कर लिया गया है।

सुश्री पाण्डेय अपने छात्र जीवन से ही छात्रों के हित के प्रति जागरूक एवं संघर्षरत रही हैं। विद्यार्थी काल में पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय, रायपुर से अपने राजनीति कैरियर की शुरूआत की, तब से लेकर आज तक निरन्तर विभिन्न पदों पर जैसे- अध्यक्ष, महिला महाविद्यालय सेक्टर 09 भिलाई, सदस्य जिला योजना मण्डल दुर्ग एवं कृषि विश्वविद्यालय रायपुर, नगर पालिक निगम दुर्ग में 02 बार महापौर निर्वाचित हुई, जिसमें दूसरी बार में देश में सबसे अधिक मत प्रतिशत से जीतने वाले अभ्यर्थी (महापौर) का गौरव प्राप्त हुआ है। विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 66 वैशालीनगर की विधायक, इसके पश्चात 15 वीं लोकसभा हेतु छत्तीसगढ़ प्रदेश के दुर्ग लोकसभा से सांसद पद पर निर्वाचित एवं आसीन है।

सांसद सुश्री पाण्डेय ने अपने राजनीति जीवन का प्रारंभ भारतीय जनता पार्टी से किया तथा पार्टी की सेवा विभिन्न पदों पर पर रहते हुए की। वे महामंत्री, जिला महिला मोर्चा दुर्ग, सदस्य प्रदेश कार्यसमिति महिला मोर्चा, सदस्य राष्ट्रीय कार्य समिति युवा महिला मोर्चा, महामंत्री, भाजपा छत्तीसगढ प्रदेश, प्रवक्ता, भाजपा छत्तीसगढ़ प्रदेश, राष्ट्रीय मंत्री, भारतीय जनता पार्टी  2008-2009 रहीं।  वर्तमान में राष्ट्रीय मंत्री, भारतीय जनता पार्टी 2009-10 , कोयला एवं इस्पात समिति , संसदीय स्थानीय विकास योजना समिति तथा दूरदर्शन( प्रसार भारती ) की सदस्य हैं।

सांसद सुश्री पाण्डेय कठोर परिश्रम तथा नि:स्वार्थ भाव से जनहित के मुद्दे में कार्य करते हुए व असहाय व्यक्तियों की सेवा के फलस्वरूप इस महत्वपूर्ण जनसेवा के पद पर पहुंची है। राजनीति के इतिहास में यह प्रथम अवसर है, जब प्रजातांत्रिक व्यवस्था में देश की सर्वोच्च पंचायत, प्रदेश की सर्वोच्च पंचायत एवं शहर की सर्वोच्च पंचायत पर एक साथ किसी जनप्रतिनिधि ने प्रतिनिधित्व किया है तथा मतदाताओं द्वारा निर्वाचित किसी जनप्रतिनिधि के द्वारा एक ही अवधि व समय में महापौर, विधायक एवं सांसद पद के दायित्वों का निर्वहन भी सफलतापूर्वक किया। इस त्रि-स्तरीय निर्वाचित जनप्रतिनिधि के सफलतम दायित्वों के निर्वहन हेतु सांसद सुश्री सरोज पाण्डेय का नाम राष्ट्रीय रिकार्ड - 2010 लिमका बुक ऑफ रिकार्ड में दर्ज किया गया है, जो दुर्ग जिले एवं छत्तीसगढ प्रदेश के लिए गौरव का विषय है। इस सम्मान से क्षेत्रवासी एवं कार्यकर्ताओं में अपार खुशी की लहर है कि उन्होंने अपना प्रतिनिधित्व एक सशक्त हाथों में सौंपा है।

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